दिल के बाहर चाँदनी, दिल के अन्दर चाँदनी
चाँद बनना मेरी किस्मत, है मुक़द्दर चाँदनी
बिखरे हुए गुल-बूटे हर सू, फ़ैल गए टीले कई
दश्त में अब कैसे बिछाए, नर्म बिस्तर चाँदनी
बंद कमरों में अँधेरा, सीलन भी घुटती हुई
ऊब कर सोने लगी है, घर के छत पर चाँदनी
हमलावर हैं तेरी यादें, बचना ज़रा मुश्किल मेरा
इसलिए फ़लक से लेकर, उतरी है खंजर चाँदनी
दश्त=जंगल
गुल-बूटे=फूल, कलियाँ
फ़लक=आकाश
और अब एक गीत....