(कमेन्ट बॉक्स में समस्या है, माफ़ी चाहते हैं )
अच्छा लगता है, देखना अपने नाम के आगे 'डॉ' लिखा, ज़रा वजनी हो जाता है नाम और सामने वाला चार बार सोचता है, आपसे बोलने से पहिले, लेकिन हमरी ऐसी तकदीर कहाँ, नहीं कर पाए न पी.एच.डी. फिर हमरे जैसे जाने कितने हैं, जो यही सपना मन में लिए मर जायेंगे, हम भी सोचे अब बहुत हो गया, हम भी 'डाक्टर' बनूँगी, हमको अपना फ्यूचर वैसे भी बहुते डार्क दिखने लगा, कौन रोज़-रोज़ अपने डॉक्टर बेटा, की बीवी के धौंस में रहेगा जी (वैसे हमरे पति रोज़ ही वीरू की तरह सुना देते हैं, कर लो तंग आने दो बहुओं को चुन-चुन के बदला लूँगा, चुन-चुन के बदला लूँगा, तो हम ही कौन से कम हैं, हम बसंती की तरह बोल ही देते हैं..हाँSSSS जब तक जान जाने जहाँ तंग करुँगीSSSSSS) , बस फिर का था हम भी पिल पड़े इन्टरनेट पर और निकाल लाये, कई मोती, जो बिना हींग-फिटकिरी लगाए डिग्री बाँट रहे हैं। केतना उपकार कर रहे हैं ई सब भले लोग, दुनिया उतनी बुरी थोड़े न है, एतना बड़ा डिग्री छापोइंग इंडस्ट्री खड़ा है, जो बिना ना-नुकुर किये आराम से डिग्री दे रहा है, फिर भी पता नहीं कैसे-कैसे लोग हैं, अपना फजीहत करवावे में लगे हुए हैं, जो अपना आँख फोड़-फोड़ कर पढ़ते हैं, बिन बात के, दिन रात मेहनत करते हैं, ई पढ़वैया लोग गज़ब दिमाग से पैदल हैं, का ज़रुरत है एतना ज़ह्मतखोरी करने का । आराम से डिग्री प्रोडक्सन ओर्गानाईजेशन को मास्टर कार्ड से पैसा दो, घर बैठे-बैठे डिग्री पाओ और प्रभु के गुण गाओ, अरे भईया आराम बड़े काम की चीज़ है, कोई इनका बताये भाई।
अब यही देखिये, जो पटरी पर बैठे रंग-रंग के 'डाक्टर' होते हैं, जिनके पास हर बिमारी का इलाज होता है बस 'एक बार मिल तो लें', बस एतना ही तो करना है, मिल कर देखिये, फिर हर बिमारी से ही नहीं आप खुदै से भी फुर्सत पा जाइएगा। बिन बात के लोगों ने, शिक्षा मंत्रालय, अलाना यूनिवर्सिटी, फलाना कॉलेज बनाया हुआ है, माँ-बाप फजूल में जूझे रहते हैं एडमिशन के खातिर। एतना काम्पिटिशन, एतना कोर्स, एतना फीस सब लगा रखा है। का ज़रुरत है ई सबका ?
आज कल मेरा मृगांक हमरे ही पास है, न्यू योर्क में बेचारा खाना भी पकाता था, कपड़ा भी धोता था, यूनिवर्सिटी भी जाता था और पढाई भी करता था, अभी आ गया है परीक्षा की तैयारी करने, दिन के 15-20 घंटे तो पढता ही है, मूर्ख ही है ऊ भी...बोले उससे हम, ले लो डिग्री मात्र 500 डॉलर का सवाल है, तुम बिना मतलब मेरा लाखों डॉलर खर्चा करवा रहे हो। कहने लगा मम्मी आप क्या सोचतीं हैं, मैं ऐसा-वैसा बेटा हूँ, I am an expensive one....का कहें माना नहीं। अब कोशिश करने में का हर्ज़ था सो हम भी किये थे।
खैर, हम बात कर रहे थे, डाक्टर की डिग्री की, आपको गब्बर चाहिए, ऊ भी जिन्दा, मिल जाएगा। कहने का माने, आपको 'डॉक्टर' की डिग्री चाहिए, मिल जाएगी, और पूरे ताम-झाम के साथ बरोबर मिल जायेगी । और ई रहे ताम-झाम :
Degree | 1 | Transcripts | 2 | Award of Excellence | 1 | Certificate of Distinction | 1 | Certificate of Membership | 1 | Verification Letter | 4 |
बस इन्टरनेट पर मेहनत करनी पड़ेगी। चलिए आधा काम तो हम ही कर देते हैं। बाकी आप कीजिये ...
यहाँ वहाँ जाइए :
ऊपर की लिस्टिंग यहाँ से ली गयी है:
ये सारी यूनिवर्सिटी आपको डॉक्टर की, डॉक्टरेट की, मास्टर की, यहाँ तक कि 'टेलर मेड' डिग्री या जो भी आपके दिल में आये, उसकी डिग्री दे देंगी, आपको कपडा धोने के लिए पी एच डी चाहिए मिल जाएगा, बर्तन माँजने के लिए डॉक्टरेट...फिकिर नोट मिलेगा जी, हण्ड्रेड परसेंट मिलेगा, बल्कि आप उनको सजेस्ट कर सकते हैं अपनी डिग्री। हम तो एक-दो ठो सजेस्ट भी कर दिए, बोले हम, आप काहे नहीं 'घास काटने' में पी एच डी (P. hD in Grass cutting or Lawn Mowing ) और 'बरफ हटाने' में डॉक्टरेट (Doctorate in Snow shoveling ) देते हैं, ई तो हमको मिलना ही चाहिए, हमको पूरे सत्रह साल का इन बातों का एक्सपेरिएंस है, ऊ समझा हम मजाक कर रहे हैं। लेकिन हम बहुते सिरिअस थे। हाँ नहीं तो।.!!
ये सारी तथाकथित यूनिवर्सिटीस पकिस्तान से संचालित हैं और इनको चलाने वाला सलेम कुरैशी, कराँची का रहने वाला है.. पाकिस्तान में वैसे भी 'डार्विन की थेओरी ' मानते नहीं ' मेंडल के ला ' से उनको एतराज़ है..इस हेतू लगे हुए हैं, डिग्री छपाई एंड सप्लाई में।
हम भी अप्लाई कर दिए और हमको 15 मिनट में वो पी. एच .डी की डिग्री देने को तैयार हो गये, कहने लगे, हमने आपके क्वालिफिकेशनस चेक कर लिए हैं, और आप एलिजिबल हैं, आपको हम दे सकते हैं पी.एच. डी., बस आप बताइये आपको किस सब्जेक्ट में चाहिए। हम बोले हम तो इंटरनेश्नल बिजनेस में माहिर हैं, इसी में दे देओ । हमको कुछ पल रुकने को कहा गया और 10 मिनट में हीं फ़ोन आ गया, कहने लगे, हमने आपके बारे में सब पता कर लिया है...भगवान् जाने 10 मिनट में उन्होंने कैसे और कहाँ से चेक कर लिया। मुझे तो उनसे ही पता चला कि हमरी जन्मपत्री अनाथ अवेलेबल है, कोई भी कुछ भी मालूम कर सकता है...बाकायदा, बढ़िया प्रिंटिंग वाली डिग्री का फोटू दिखा दिए, महा कैलीग्राफिक प्रेसेंटेशन था, हमरी असली डिग्री से फ़ाआआआआर बेटर...बस हमको $598.20 देने होंगे।
दाम तो उन्होंने ने $1000 से ऊपर ही बताया था, लेकिन हम कौन से कम हैं, बिना मोलाई किये हुए तो हम कनाडा में भी सब्जी तक नहीं लेते, फिर ई तो डिग्री की बात थी...अड़ गए हम कि $1092 बहुत ज्यादा है, कुछ कम कीजिये...बात $300 से शुरू किये हम । हालांकि ऊ भी ज्यादा था, लेकिन का करें हमरा दिल ही कुछ ऐसा है, बेचारे गरीब-गुरबा लोग हैं, कुछ दे ही देवें, यही सोच कर हम $300 से शुरू किये, लेकिन महा घाघ है ऊ लोग भी, बात आकर रुकी है $528.20 पर :):) बेचारे बहुत खुस हैं कि कनेडा वाले नूं वी असी टोपी पहना दित्ता। :):)
आप और भी बर्गेन कर सकते हैं, शायद 500 रुपये में भी मिल जाए, आज भी हिन्दुस्तानी करेंसी पाकिस्तान से बेहतर है। इतना ही नहीं अगर हम $350 और दूंगी तो हिलेरी किल्न्टन द्वारा सत्यापित डिग्री (लगता है हिलेरी भी कमा रही है ) भी मुझे मिल सकती है :):)..फिर देर किस बात की आप भी 'डॉक्टर' बन जाइए। अब तो हम भी खुदै डॉ. 'अदा' लिखने की सोच रही हूँ । एही ख़ातिर पहले ही हमरी डाक्टरी डिग्री का खिस्सा-खुलासा हम कर दे रही हूँ । फिलहाल पेमेंट नहीं किया है, बहुते बड़ी उलझन है, साडी खरीदूँ कि डिग्री, सब बचवन बोल रहा है, का मम्मी आप भी न पंगा लेने से बाज़ नहीं आतीं हैं। अब का करें आदत हो गयी है। बुढ़ापे में थोड़े ही न ई बेमारी जाने वाला है अब। वैसे भी एतना तो अर्न कर ही लिए हैं, बुजुर्गियत में पंगेबाज़ी की तो माफ़ी बनती है...हमरे पास अभी चार दिन हैं सोचने के लिए।
आपलोग भी ज़रा मेरी मदद कर दीजियेगा , बताइये कि हमको का करना चाहिए ??? फ़ालतू वाले सजेशन नहीं छापेंगे हम, बहुते सिरिअस मामला है ई, कह देते हैं, इसलिए कोशिश भी मत कीजियेगा।
(अब ज़रा काम की बात.....सोचने वाली बात ई भी है पी एच डी का फुल फॉर्म
होता है Doctor of Philosophy लेकिन ई सब सब्जेक्ट के लिए दिया जाता है,
सोचिये ज़रा आप पी.एच.डी करते हैं, इंटरनेशनल बिजनेस में और आपको डिग्री
मिलती है PhD in International Business अर्थात Doctor of Philosophy in
International Business.. ई बात हमको समझ नहीं आई। अगर किसी को कोई ज्ञान
हो तो बता दीजियेगा, हम सही कह रहे हैं कि कहीं कुछ गलत है।
जिन लोगों ने अपनी मेहनत से ये डिग्रियां हासिल की हैं, उनके साथ ये कितना
बड़ा अन्याय है। आज मैं देखती हूँ, मेरा बच्चा कितनी मेहनत कर रहा है और
कहीं कोई ऐसे ही, बिना मेहनत के डिग्रियां खरीद रहा है, खून खौल उठता है। कुछ सब्जेक्ट्स में नकली डॉक्टर की उपाधि लेने वाले, किसी की जान से तो नहीं खेलते लेकिन उन्हीं डिग्रियों का इस्तेमाल करके, अगर उनको नौकरी मिल जाती है, तो किसी क़ाबिल इंसान की नौकरी लेकर उसके जीवन से खेल जाते हैं , ऐसे बहुत सारे केस हैं। वहीँ नकली मेडिकल डॉक्टर जिन्होंने नकली डिग्री ली होती हैं, कितनों की जान से खेलते रहते हैं । ऐसे लोगों का पर्दाफ़ाश होना ही चाहिए )
ये रही डिटेल:
Ashwood University is a SCAM (run by Salem Kureshi from Karachi, Pakistan)
Check out the following links:
http://www.diplomamillscam.com/ashwood-university-scam-how-truth-really-hurts-another-bogus-university-online