Sunday, January 30, 2011

दीवाना हुआ बादल.......एक गीत ..


चित्रपट : कश्मीर की कली
संगीतकार : ओ. पी. नय्यर
गीतकार : एस. एच.बिहारी
गायक : रफ़ी,आशा भोसले


रफ़ी: ओ हो हो, ओ हो हो, आ हा हा
mmmm, ये देखके दिल झूमा, ली प्यार ने अंगड़ाई
दीवाना हुआ बादल
सावन की घटा छाई
ये देखके दिल झूमा, ली प्यार ने अंगड़ाई
दीवाना हुआ बादल

ऐसी तो मेरी तक़दीर न थी
तुमसा जो कोई महबूब मिले
(दिल आज खुशी से पागल है) \- २
(ऐ जानेवफ़ा तुम खूब मिले) \- २
दिल क्यूँ ना बने पागल, क्या तुमने अदा पाई
ये देखके दिल झूमा, ली प्यार ने अंगड़ाई
दीवाना हुआ बादल

आशा: जब तुमसे नज़र टकराई सनम
जज़बात का एक तूफ़ान उठा
(तिनके की तरह मैं बह निकली) \- २
(सैलाब मेरे रोके न रुका) \- २
जीवन में मची हलचल
और बजने लगी शहनाई
ये देखके दिल झूमा, ली प्यार ने अंगड़ाई
दीवाना हुआ बादल

है आज नये अरमानों से, आबाद मेरी दिल की नगरी
(बरसों से खिंजां का मौसम था) \- २
(वीरान बड़ी दुनिया थी मेरी) \- २
हाथों में तेरा आँचल, आया जो बहार आई
ये देखके दिल झूमा, ली प्यार ने अंगड़ाई

आशा: दीवाना हुआ बादल, सावन कि घटा छाई
ये देखके दिल झूमा, ली प्यार ने अंगड़ाई
रफ़ी: दीवाना हुआ बादल, सावन की घटा छाई
ये देखके दिल झूमा, ली प्यार ने अंगड़ाई,
दीवाना हुआ बादल

आवाज़ संतोष शैल और स्वप्न मञ्जूषा शैल 'अदा'





Thursday, January 27, 2011

मत पूछ....


मत पूछ तू मेरी नींद का आलम, ख़्वाब जगे थे रात भर
शहरे-दिल में चहल-पहल थी, चले कारवाँ रात भर

धूप के टुकड़े छम-छम बरसे, जला चाँद भी रात भर
बरफ के फ़ाहे धुवाँ हो गए, मौसम बरसा रात भर

सुबह हुई तो याद वो आए, याद किया जिन्हें रात भर
चिंदी-चिंदी उनको फेंका, जो नाम लिखे थे रात भर 

दामन था हकीक़त का, और काँटे जन्में रात भर
बड़े सुकूँ से मेरे ख़्वाब, फिर लिपट के सोये रात भर

मेरे पाठकों की बात भला मैं कैसे टाल दूँ....:)
ये गीत आप सुन चुके हैं लेकिन फिर सुन लीजिये...

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Tuesday, January 25, 2011

बोझ.....


इन्सान के कन्धों पे, रिवाजों का बोझ है
पाज़ेब है संस्कार की, रस्मों का बोझ है

आँखें वो हवस से भरी, हैं खार चुभोतीं
हैं फूल से बदन, उन निगाहों का बोझ है

हर घर में है रौशनी, और इल्म के हैं तारे 
बच्चों के सिर पे कितनी, किताबों का बोझ है

किसको कहें दोस्त और, हमदर्द यहाँ कौन
चेहरों पे इनके कितने, नकाबों का बोझ है 

सन्नाटों की जुबाँ अब यहाँ, समझेगा भला कौन
हर कान से चिपका हुआ, नगमों का बोझ है





Sunday, January 9, 2011

मेरी ठोढ़ी पे क्यूँ तुमने, काला तिल लगाया है ....



हूँ मैं सूखी सी डाली, खिज़ां ने भी सताया है
जाने क्यूँ फिर भी तुमने, नज़रों में बसाया है

हैं आँखें मेरी बेनूरी, चेहरा भी है सादा सा 
पर ठोढ़ी पे मेरी तुमने, काला तिल लगाया है 

ख़ुदा ने मुझको तो अपना,  इक फूल बनाया था
मगर क्या सोचकर उसने, पत्थर पर खिलाया है

हर मोड़ पर यहाँ देखो, हादसों का ही मेला है 
चुन कर गर्दिश से मैंने, अफ़साना सजाया है

माज़ी की यादों का मुझे, कोई रोग बस ले डूबा
'अदा' ने अपने सीने में, नया खंजर घुपाया है

माज़ी= अतीत

जीत ही लेंगे बाज़ी हम तुम ....आवाज़ 'अदा' की...


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Saturday, January 1, 2011

मेरे बाबा ....


मेरे बाबा की मेरे साथ  मेरे घर कनाडा में आखरी तस्वीर है


स्कूल जाते वक्त
हाथ थाम रखा था
अपने बाबा का,
इक छोटी सी बच्ची ने, 

कितना रोई थी वो
स्कूल पहुँच कर,  
मत जाओ बाबा
मुझे नहीं रहना यहाँ,
क्या आप मेरे साथ नहीं रह सकते ?
नहीं बेटा अभी मुझे जाना
बहुत सारे काम निपटाना है
तुम बिल्कुल ठीक रहोगी
शाम को फिर लेने आऊंगा
बस इतना अगर सोचोगी
तो ये दिन निकल जाएगा
बाबा की कितनी प्यारी हो तुम
ये दिल तुम्हें बताएगा
मैं हर पल तुम्हारे साथ रहूँगा
दूर रहूँगा तो क्या हुआ
दिल के ही पास रहूँगा

उस दिन उसकी शादी थी
वो बाबा की शहजादी थी
बाबा उसे देखते रहे दूर से
चली जायेगी आज
मेरी बच्ची मेरे घर से 
छोटी लड़की ने अपने बाबा को देखा
बढ़कर आँखों से आँसू पोछा
कहा था उसने
बाबा अब मुझे जाना है
आपके आशीर्वाद  से
अपना फ़र्ज़ निभाना है 
लेकिन आप जब भी बुलायेंगे
मुझे अपने पास ही पायेंगे 
मुझे हर काम छोड़ कर आना है
संग खुशियों के पल बिताना है 
मैं आपके साथ ही रहूँगी
दूर रहूँगी लेकिन
दिल के बहुत पास रहूँगी

आज वो छोटी लड़की बैठी है
अस्पताल में
अपने बाबा का हाथ थामे हुए
अपने आंसूओं को
वो छुपाती है
कितनी बहादुर है वो
ये दिखाती है
अपने बहादुर पिता की
बहादुर बेटी है वो
कहती है, आप एकदम ठीक हो जायेंगे
फिर हम कितनी सारी खुशियाँ मनाएंगे
लेकिन उसके बाबा जानते हैं
विधि का विधान पहचानते हैं
बेटी मुझे जाना होगा
सृष्टि का नियम निभाना होगा
बाबा मत जाइए मुझे छोड़ कर
मैं बहुत अकेली रह जाऊँगी
इस दुनिया की बहुत सी बातें
शायद नहीं सह पाऊँगी
नहीं बेटा तुम बिल्कुल ठीक रहोगी
मैं हर पल तुम्हारे साथ रहूँगा
दूर नहीं रहूँगा तुमसे
अब दिल में रहूँगा
हर संकट तुमसे पहले
मैं सहूंगा
तुम्हारी रगों में बहूँगा
तुम्हारे चेहरे पर सजूंगा 
और अब मुझे जाना ही होगा...
लौट कर भी तो आना है.....!