सामने खड़ी हो जातीं कभी
और कभी घेरे हुए
कभी उलझ जातीं हैं
और कभी उलझा गईं
सकपका जाती हूँ मैं
जब भी ये आ जातीं हैं
फिर ज़िन्दगी को और थोड़ी
मुश्किल बना जातीं हैं
इनसे दामन बचाना
वो कहाँ आसान है
ज़िन्दगी को कहीं भी
बस रुला जातीं हैं ये
लेकिन अब..
मैं भी इनके
मैं भी इनके
संग डग भरने लगी हूँ
अब नहीं डरती हूँ इनसे
मैं भी अब भिड़ने लगी हूँ
सुख हमेशा झाड पल्ला
दूर खड़ा हो जाता है
और वहीं से ही मुँह बना
ठेंगा हमें दिखाता है
ठेंगा हमें दिखाता है
सुख से है काहे की दोस्ती
जब साथ देता है नहीं
और परेशानियाँ हैं कि
बस संग छोड़ती ही नहीं
फिर भी...
मैं और मेरी परेशानियाँ
अक्सर ये बातें करते हैं कि अगर सुख होता तो... ऐसा होता ..सुख होता तो ..वैसा होता ....blah blah blah blah ...
वाह जी वाह,
ReplyDeleteएक और नया अंदाज,
’मुकद्दर का सिकंदर’ से ’जिन्दगी तो बेवफ़ा है एक दिन ठुकरायेगी’ की तर्ज पर परेशानियों को सुख पर तरजीह देते हुये ’सिलसिला’ स्टाइल में आप और आप की परेशानियां बातें कर रही हैं।
आप की पोस्ट से ही कुछ चुराकर कमेंट में लिख रहा हूं, थोड़ा सा चेंज करके, वही है फ़ाईनल कमेंट
- blah blah blah को हमने कमेंट पर्पज़ के लिये बदल कर कर दिया है- vaah vaah vaah
सदैव आभारी।
आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।
ReplyDeleteअन्दाजे बयाँ आपका क्या कहने
ReplyDeleteउलझन में उलझे बिना उलझन नहीं सुलझती
औरों का ग़म देखा तो अपना ग़म भूल गया ...
ReplyDeleteये क्यूँ नहीं सोचती हैं ...!
ये तो सबके साथ है...
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आपके परिवार का हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.
सादर
समीर लाल
behn ji aaj kaa kdvaa sch yhi he jo aapne chnd alfaazon men uker diye hen sch kaa drpn btaane ke liyen dhnyvaad achche lekn ke liyen bdhaayi. akhtar khan akela kota rajsthan
ReplyDeleteआपकी परेशानियां तो आप से बात करती हैं (कम से कम)... कई को तो इतना भी नसीब नहीं :)
ReplyDeleteवाह !! क्या बात है .......बहुत खूब
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस कि ढेर सारी शुभकामनयें .
जश्ने आजादी मुबारक हो... जय हिंद
ReplyDelete"अब नहीं डरती हूँ इनसे
ReplyDeleteमैं भी अब भिड़ने लगी हूँ"
सही है! परेशानियों से डर कर भला जिया जा सकता है क्या?
स्वतन्त्रता दिवस की शुभकामनाएँ!
aapko aazadi kaa parw mubaarak ho ...
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
ReplyDeleteसबके मन की बात है यह ..
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाये और बधाई
अपने मनोभावों को बहुत सुन्दर शब्द दिए हैं। बढिया रचना है। बधाई।
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक बधाई।
शानदार...
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं.
सुख ही नहीं, विवेक भी पल्ला झाड़कर खड़ा हो जाता है।
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आपके परिवार का हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteहाय ! कहां गईं ‘मैं और मेरी तन्हाइयां’ :)
ReplyDeleteबहुत सही कहा.
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.
रामराम.
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं .
ReplyDeleteअपनी पोस्ट के प्रति मेरे भावों का समन्वय
कल (16/8/2010) के चर्चा मंच पर देखियेगा
और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com
बन्दी है आजादी अपनी, छल के कारागारों में।
ReplyDeleteमैला-पंक समाया है, निर्मल नदियों की धारों में।।
--
मेरी ओर से स्वतन्त्रता-दिवस की
हार्दिक शुभकामनाएँ स्वीकार करें!
--
वन्दे मातरम्!
बड़ी हौसलेमंद पोस्ट है :)
ReplyDeleteस्वतन्त्रता दिवस की शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteएक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
ReplyDeleteआपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं !
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
बहुत सुंदर भाव हैं |मन को छूती रचना |बधाई
ReplyDeleteआशा