Saturday, August 7, 2010

अब कब तक उधेडूं लफ़्ज़ों को,....


अब कब तक उधेडूं लफ़्ज़ों को
कौन जाने क्या माने निकले

गली गाँव की बुला रही है  
अब शहर गला दबाने निकले 

बिछड़ेंगे ही जब एक दिन हम  
आखिरी मोड़ तक जाने निकले 

थक कर ज़िन्दगी आज सो गई  
हम दस्तक दे जगाने निकले 

कौन सुनेगा अब मेरी गुनगुन 
बाज़ीगर बड़े सयाने निकले 

ज़माने आए और चले भी गए 
तुम दौर का मातम मनाने निकले ?


15 comments:

  1. गली गाँव की बुला रही है
    अब शहर गला दबाने निकले

    सहज अंदाज़ लेकिन बात गंभीर.और इस शेर ने तो मोह लिया.
    समय हो तो पढ़ें
    हिरोशीमा की बरसी पर एक रिक्शा चालक
    http://hamzabaan.blogspot.com/2010/08/blog-post_06.html

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  2. थक कर ज़िन्दगी आज सो गई
    हम दस्तक दे जगाने निकले

    -बहुत गहरे.

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  3. खूबसूरत अल्फ़ाज़,
    सोचने पर मज़बूर कर देती है आपकी रचना।

    तस्वीर भी बहुत अच्छी लगी आजकी।

    सदैव आभारी।

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  4. थक कर ज़िन्दगी आज सो गई
    हम दस्तक दे जगाने निकले

    ग़ज़ब है ।
    तस्वीर भी बहुत सुन्दर लगाई है ।

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  5. थक कर ज़िन्दगी आज सो गई
    हम दस्तक दे जगाने निकले...

    कौन सुनेगा अब मेरी गुनगुन
    बाज़ीगर बड़े सयाने निकले ...
    दोनों शेर बहुत पसंद आये ...!

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  6. हमने जब भी बात उठायी,
    किस्से बहुत पुराने निकले।

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  7. कितने दिन तरसेंगी आंखें,
    कभी तो महकेगी ख्वाबों की महफ़िल...

    ज़िंदगी पर सबका एक सा हक है,
    ये सब तसलीम करेंगे,
    सारी खुशियां हम तकसीम करेंगे,
    नया ज़माना आएगा, नया ज़माना आएगा...

    जय हिंद...

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  8. अब कब तक उधेडूं लफ़्ज़ों को
    कौन जाने क्या माने निकले

    सही है ...कोई कुछ भी मतलब निकाल सकता है ....अच्छी गज़ल...

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  9. बहुत ही सुन्दर गज़ल्……………।दर्द का आभास कराती हुयी।

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  10. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...............

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  11. कौन सुनेगा अब मेरी गुनगुन
    बाज़ीगर बड़े सयाने निकले


    बहुत सशक्त रचना.

    रामराम.

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  12. Girijesh ji ne kaha :

    @ ज़माने आए और चले भी गए
    तुम दौर का मातम मनाने निकले ?

    बढ़िया। हम तो गए दौर का मातम नहीं, उत्सव मना रहे हैं।

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  13. हमने जब भी बात उठायी,
    किस्से बहुत पुराने निकले।

    ये बहुत अच्छा है...और ऊपर का चित्र बहुत ही अच्छा

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  14. बहुत अच्छी प्रस्तुति।

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  15. ज़माने आए और चले भी गए
    तुम दौर का मातम मनाने निकले ?
    .... अति सुंदर

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