मेरे पूरे परिवार की तरफ से आप सबको क्रिसमस की हार्दिक शुभकामना !!!!! बात से बात निकली थी
और बात कहाँ तक आ पहुंची !
बातों बातों में ही,
बात का बतंगड़ बन गया
बेबात ही बात बनती गयी
और बस बात बढ़ती गयी
बात इतनी बढ़ गयी
कि बातें बाकी न रहीं
और फ़िर बस
बात ही बंद हो गयी...!!
हम ..तुम..!!तुम !
कभी मंज़िल तो कभी डगर हो
ऐसी ख़बर मिली है
कभी मौन तो कभी मुखर हो
ऐसी खबर मिली हैं
कभी गायब तो कभी हद्द-ए-नज़र हो
ऐसी ख़बर मिली है
कभी गुम-सुम तो कभी गजर हो
ऐसी ख़बर मिली है
मैं !
इक बंजारा राह भटका सा,
गर्दिश-ए-शाम के माफ़िक
अब तो तुम ही, मेरा घर हो
बस, यही ख़बर मिली है
रचना अपना प्रभाव छोड़ती है
ReplyDeleteशाहिद मिर्ज़ा शाहिद
दोनो कविता ओर चित्र बहुत सुंदर.
ReplyDeleteधन्यवाद
कल ही बात ही बात में हुआ बतंगड़ और कुछ देर बात भी बंद थी ...आपको कैसे पता चला ....:)
ReplyDeleteतुम कभी मंजिल ,कभी डगर ,कभी गायब ,कभी नजर ...और तुम ही मेरा घर ...
तुम ही तुम में हम ही हम ....
क्या बात है ....!!
बात से बात निकली और फिर ऐसी खबर मिली.. :)
ReplyDeleteबढ़िया!
बात इतनी बढ़ गयी
ReplyDeleteकि बातें बाकी न रहीं
और फ़िर बस
बात ही बंद हो गयी...!!
बातों के बन्द होने पर यकीं न करें अभी उन बातों का असर होगा और बिना बात के फिर बात बढेगी.
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ऐसी खबर मिली हैं
कभी गायब तो कभी हद्द-ए-नज़र हो
ऐसा आखिर कब लगता है गौर करें.
वाह क्या खूब लिखा है
आपको भी सपरिवार क्रिसमस की बहुत बधाई ...
ReplyDeleteमृगांक को ढेर सारे लाड़ दुलार के साथ जन्मदिन की अनगिनत शुभकामनायें ....!!
सुनिए...
ReplyDeleteकहिए...कहिए
सुनिए...सुनिए
कहिए...कहिए न
सुनिए...कहते, सुनते
बातों बातों में प्यार हो जाएगा....
जय हिंद...
hnm..........!!!!!!!!
ReplyDeleteअआप सभी को भी क्रिसमस की शुभकामनायें अदा जी...
ReplyDeleteकविता का पहला भाग साधारण सा लगा....
लेकिन दूसरा भाग...बेहद दमदार.....
इसे दोबारा पढने आयेंगे...
बहुत अच्छी रचना। क्रिसमस पर्व की बहुत-बहुत शुभकामनाएं एवं बधाई।
ReplyDeleteअभी तो जे बात सुनिए -क्रिसमस पर आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं और बधाई !
ReplyDeleteसुन्दर रचनाएँ!
ReplyDeleteबातों बातों में कभी बात बनती है तो कभी बात बिगड़ती है क्योंकि हम अपनी बातों में बाल की खाल निकालना शुरू कर देते हैं किन्तु बात इतना न बढ़ाओ कि बात बनने या बात बिगड़ने के बदले बातचीत ही बंद हो जाये!
बहुत खूब। क्रिसमस की ढेरों शुभकामनायें और बधाई।
ReplyDeleteसुंदर कविताएँ।आप को भी क्रिसमस की शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteहम-तुम की क्या कहूँ ! अदभुत । बात-ही-बात में कह डाली आपने इतनी गहन बात-
ReplyDelete"अब तो तुम ही, मेरा घर हो
बस, यही ख़बर मिली है" ।
आभार ।
सादर वन्दे!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचनाएँ, अभिव्यक्ति कि कोई आवाज नहीं होती यह सीधे दिल को सुनाई देती है.
रत्नेश त्रिपाठी
Merry Xmas Ada ji ! rachna behtareen hai.
ReplyDeleteबहुत बढिया. क्रिशमश की रामराम.
ReplyDeleteरामराम.
baat baat mein baat badhee aur
ReplyDeletebaat kahaan tk jaa pahunchi
nazm mei ik baat hai...
Manu ki baat to theek nahi
pr Vaaniji ki baat mei dm hai...
wohi vaakya dohraata hoon
dagar se manzil tk
raah ke sb nishaaN
khud tasdeeq karte haiN
nazm ...khud baat karti hai
aap sb ko christmas ki shubhkaamnaaeiN . *******
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(:
बात का बतंगड़ बनना और फिर हर बात की खबर मिलना....
ReplyDeleteखूबसूरती से संजोये हैं आपने अपने एहसास.....बधाई
आदरणीया दीदी, बहुत अच्छी लिखती हैं आप । और हाँ आप जो टिप्पणी मेरे ब्लॉग पर दी हैं वास्तव में वह मेरी रिपोर्ट नहीं है बल्कि दैनिक जागरण (औरंगाबाद संस्करण) में निकली खबर है । उस ब्लॉग के सब्सक्राईबर लिस्ट में बिहार के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, औरंगाबाद के डीएम तथा एसपी एवं कुछ अन्य वरीय पदाधिकारियों का इमेल डाला हुआ है, जिससे ब्लॉग पर पोस्ट होनेवाले खबर स्वतः उन तक पहुँच जाते हैं । ऐसा मैंने वरीय पदाधिकारियों का ध्यान इन खबरों की ओर आकर्षित करने हेतु किया है । आप मेरे दूसरे ब्लॉग पर कुछ मूल रचनायें देख सकती हैं-Build a better future (www.rajnisharai.blogspot.com)
ReplyDeleteतो ये कविताएँ थीं जिनके लिए शिकायत थी। का करें ? नेट मोबाइल से जोड़ कर चला रहे हैं- एक तपस्या है। बहुत बार बहुत कुछ छूट जाता है।
ReplyDeleteबतकूचन जमी ;)
@ कभी गुम-सुम तो कभी गजर
हम गए हैं यहीं पर ठहर
आई क्यों नहीं ऐसी लहर?
मेरी बात में जो ऐसे ढाह दे कहर !
@Girijesh Rao ji..
ReplyDeleteअब कोई कुचरई में उतरिये आवे तो जवाब देवे के पड़ी....
अरे कोई मुंहझौसी मोबईल्वा पर दोस लगा देवे....तो लगा देवे...
बाकि हम का कल पैदा हुए हैं ....हाँ नहीं तो ..?
लीजिये बातों बातों में बहुत बात हो गयी.
ReplyDeleteसचमुच सुन्दर शायरी हो गयी
त्योहारों पर आप सपरिवार को बधाई.