मेरे पूरे परिवार की तरफ से आप सबको क्रिसमस की हार्दिक शुभकामना !!!!!

बात से बात निकली थी
और बात कहाँ तक आ पहुंची !
बातों बातों में ही,
बात का बतंगड़ बन गया
बेबात ही बात बनती गयी
और बस बात बढ़ती गयी
बात इतनी बढ़ गयी
कि बातें बाकी न रहीं
और फ़िर बस
बात ही बंद हो गयी...!!

हम ..तुम..!!
तुम !
कभी मंज़िल तो कभी डगर हो
ऐसी ख़बर मिली है
कभी मौन तो कभी मुखर हो
ऐसी खबर मिली हैं
कभी गायब तो कभी हद्द-ए-नज़र हो
ऐसी ख़बर मिली है
कभी गुम-सुम तो कभी गजर हो
ऐसी ख़बर मिली है
मैं !
इक बंजारा राह भटका सा,
गर्दिश-ए-शाम के माफ़िक
अब तो तुम ही, मेरा घर हो
बस, यही ख़बर मिली है