Thursday, December 24, 2009
पुनर्जन्म....
(थोड़ी पुरानी कविता है)
सारी उम्र बड़े बुजुर्ग हमका येही बताये हैं
भारी पुण्य करला पर ही, मनुख जनम हम पाए हैं
येही बात भेजा में अपने, खूब बढ़िया से बैठाये हैं
कभी पुण्य हम नाही करेंगे, भारी कसम उठाये हैं
जे खाता में पुण्य ना होवे, तो प्रभु बहुत गुसियाते हैं
कभी कुत्ता तो कभी बिल्ली बना धरती पर धकियाते हैं
पूरा अटेंशन अब हम अपने खाता पर ही लगाये हैं
एक भी पुण्य का एंट्री, हम दाखिल नहीं करवाए हैं
राम राम करके बस बीत जाए ये जिंदगानी
पुनर्जनम में ना होई, कोई किसिम की परेशानी
मानुस जनम से छुट्टी मिलिहैं, ना होई शिकन पेशानी
डागी पुसी कि जात होई और जीवन होई आसमानी
सुबह सवेरे गौरवर्णा हमें टहलाने ले जाई
ठुमकत लचकत हम आगे, उनका पीछे पीछे दौड़ायी
हाथ में प्लास्टिक लेके मेनका, कदम से कदम मिलाई
जहाँ मर्जी हम विष्ठा त्यागे, और सुंदरी लपक ले उठाई
हनी डार्लिंग कि टेर फिर हर पल देवे सुनाई
नयन से नयन उलझ जैहें, ज्यूँ प्रेम सागर लहराई
बात बात में हम उनका गलबहियाँ भी लगाई
गोड़ हाथ के बात ही छोडो, नाक मुंह भी चटवाई
मर्सितिज़ कि अगली सीट पर मज़े में हवा हम खावें
सुबह शाम क्रिस्टल बोल में, प्युरीना ब्रांड पचावें
किंग साइज़ के बेड में सोवें, और रम्भा पीठ खुजावें
सुबह सवेरे आँख खुले तब, जब अप्सरा प्रभाती गावें
येही जीवन कि आस में भगवन, एको पुण्य नहीं कमाए
कनाडा, इंग्लैंड, अमेरिका में बस श्वान योनी ही हम पायें
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पुनर्जन्म...
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येही जीवन कि आस में भगवन, एको पुण्य नहीं कमाए
ReplyDeleteकनाडा, इंग्लैंड, अमेरिका में बस श्वान योनी ही हम पायें
-हा हा!! बहुत बेहतरीन!
हे भगवान ...इन्हें माफ़ करना ...ये नहीं जानती ये क्या कर रही हैं ....
ReplyDeleteडौगी पुसी बन कर क्या करेंगी ....उनका बिस्किट खाने का मन है तो ऐसे ही पैसा खर्च कर के खा लें ...!!
वाह चाह वो भी श्व..... बनने की :)
ReplyDeleteआपकी कविता में वहाँ का अनुशासन भी झलकता है जो कि भारत में मिलना असंभव है। काश हमारे भारत के श्व... भी मजे में रहते बेचारे....
अच्छी रचना लगी।
सारी इच्छा पूर्ण हो सुन लो ऐ भगवान।
ReplyDeleteआदम को मिलता कहाँ जो खाते हैं श्वान।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
वो सूरदास को भी धता बता दी आपने यह श्वान कविता लिख कर जो गोकुल में ही जन्मना चाहते हैं कुछ भी होकर -
ReplyDeleteजो खग हो तो बसेरे करों नित गोकुल गाँव कदम्ब की डारन
और आप ..किसी गोरी चमड़ी वाले का जादू तो नहीं चल गया !
हा हा इतनी आसानी से नहीं मिलेगा ये 'श्वान अवतार"...सौ सौ मनुष्य जन्म लेने पड़ेंगे...इतने ठाट!! और इतनी आसानी से ना..ना
ReplyDeleteachchaa likhaa hai...
ReplyDelete:(
बात बात में हम उनका गलबहियाँ लगाई
ReplyDeleteगोड़ हाथ के बात ही छोडो, नाक मुंह भी चटवाई
काश ...
बी एस पाबला
इस सदी में कुत्ते की जिन्दगी बहुत शानदार है। वैसे सदी के हिसाब से प्रेम बदलता है। पता नहीं जब अगला जन्म मिलेगा, किस प्राणी की जिन्दगी गुजारेंगे। इस जन्म का फायदा उठाले, कल किसी ने देखा नहीं।
ReplyDeleteऔरत का दर्द-ए-बयां
"हैप्पी अभिनंदन" में राजीव तनेजा
कैमरॉन की हसीं दुनिया 'अवतार'
:-)
ReplyDeleteऔर यदि भगवान ने पुनर्जन्म में भारत में कोई देसी नस्ल का बना दिया तो...?
आपकी रचना बहुत ही अच्छी लगी !
ReplyDeleteहा हा हा ! अदा जी, बहुत अच्छा हास्य -व्यंग लिखा है।
ReplyDeleteसही है , अपनी अपनी किस्मत है।
और हाँ, मौका मिलते ही आपको दिल्ली की किसी शादी में निमंतरण भिजवाएंगे, इ-मेल से।
देख इन कुत्तो का नसीब
ReplyDeleteगोदियाल कहता है चिल्ला- चिल्ला,
हे ऊपर वाले, अगले जन्म में,
मुझे भी बनाना एक पिल्ला !!!!! :)
अब हम का टिपियायें , बस इत्ता कहेंगे कि कुक्कुर बनि के धरमेन्दर के घर न जाना , खून पी जायेगा ससुरा
ReplyDeleteअदा जी,
ReplyDeleteफोटूआ में योगा इंस्ट्रक्टर खूब ढूंढकर लगाए हैं...काश हम भी...
जय हिंद...
मजेदार प्रस्तुति..बहुत बढ़िया लगा..धन्यवाद अदा जी!!
ReplyDeleteAapki ichcha poori ho, yahi kaamna hai.
ReplyDelete--------
2009 के श्रेष्ठ ब्लागर्स सम्मान!
अंग्रेज़ी का तिलिस्म तोड़ने की माया।
हे राम आज इन्हे सुबह सुबह क्या होगा!! शायद आप ने इन का असली रुप नही देखा? यह मालिक का इशारा समझते है, अगर ना समझे तो दुसरे ही दिन.... डिशू........... ना बाबा ना
ReplyDeleteहनी डार्लिंग कि टेर फिर हर पल देवे सुनाई
ReplyDeleteनयन से नयन उलझ जैहें, ज्यूँ प्रेम सागर लहराई
बात बात में हम उनका गलबहियाँ लगाई
गोड़ हाथ के बात ही छोडो, नाक मुंह भी चटवाई
वाह बहुत ही गजब की सोच है. बात फ़ायदे की है दोनों जन्मों के लिये.:)
रामराम.
हा हा .....बहुत अच्छा व्यंग....कहीं गौरवर्णा के यहाँ ही जाएँ तब तो आपकी इच्छा पूरी होगी..अन्यथा भगवान् ही मालिक है
ReplyDeleteआदमी को हमेशा अपने इस जन्म के कर्म को देखना चाहिए |
ReplyDeleteहमेशा अच्छा कर्म करना चाहिए और भविष्य की चिंता नहीं करनी चाहिए |
मरने के बाद किसने देखा है की किसको क्या बनना है |
जहाँ तक कुत्तो की बात है तो उसपर मै कहना चाहूँगा की सबसे सुखी वो ही है |
न्यूज़ में पढ़ते है की आज बाहर देश के राष्टपति आये हुए और उनकी सुरक्छा के लिए इनको लाया गया है | कम से कम कुत्ता ही एक ऐसा प्राणी है जिस पर लोगो को भरोसा बच गया है |
........आमोद कुमार
बहुत बढ़िया!! पढ़कर आनंद आ गया।
ReplyDeleteयेही जीवन कि आस में भगवन, एको पुण्य नहीं कमाए
कनाडा, इंग्लैंड, अमेरिका में बस श्वान योनी ही हमपायें
सारी उम्र बड़े बुजुर्ग हमका येही बताये हैं
ReplyDeleteभारी पुण्य करला पर ही, मनुख जनम हम पाए हैं
येही बात भेजा में अपने, खूब बढ़िया से बैठाये हैं
कभी पुण्य हम नाही करेंगे, भारी कसम उठाये हैं
[b]हमरा भेजा में भी बैठ गयी अदा जी तुम्हारी बात सयानी
कती ना चाही अगला जनम अब कोई पुण्य ना कमाई.
[/b]
जे खाता में पुण्य ना होवे, तो प्रभु बहुत गुसियाते हैं
कभी कुत्ता तो कभी बिल्ली बना धरती पर धकियाते हैं
पूरा अटेंशन अब हम अपने खाता पर ही लगाये हैं
एक भी पुण्य का एंट्री, हम दाखिल नहीं करवाए हैं
[b]
एक ब्लोग्वा में हम भी पढत राहिन
की अगले जनम मोहे कुतिया ही कीजो
अब उहे बात समझ में आई..
कुत्ता बिल्ली बन के हम भी
अमरिका की धरती पर
अब मौज मनाई
[/b]
हनी डार्लिंग कि टेर फिर हर पल देवे सुनाई
नयन से नयन उलझ जैहें, ज्यूँ प्रेम सागर लहराई
बात बात में हम उनका गलबहियाँ भी लगाई
गोड़ हाथ के बात ही छोडो, नाक मुंह भी चटवाई
[b]
बताव ससुर का नाती का किस्मत हैं पायी
मेनका को मुह नाक भी चाट चाट के खायी
नयनान में नयन डाल के डौगी
रास लीला कर जाई.
[/b]
मर्सितिज़ कि अगली सीट पर मज़े में हवा हम खावें
सुबह शाम क्रिस्टल बोल में, प्युरीना ब्रांड पचावें
किंग साइज़ के बेड में सोवें, और रम्भा पीठ खुजावें
सुबह सवेरे आँख खुले तब, जब अप्सरा प्रभाती गावें
[b]
में भी हाथ जोड के कर रही बिनती अब तो
भाई कुत्ता का जनम दीजो गोड जी
कहा ठ्ठाठ हैं एहे जनम में
का पुण्ये पाप की हैं लडाई
[/b]
अभी तो कल के ही डायलोग निकलने बंद नहीं हुए हैं मुंह से अदा जी...
ReplyDeleteऔर आपने नयी पोस्ट डाल दी....
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteइस पोस्ट को हटाइए।
ReplyDeleteश्वान पालक ब्लॉगर संघ ने आप के उपर मानहानि का दावा करने का निर्णय लिया है।आप ने कुत्तों का अपमान किया है।