कछु समय पहिले ये लेखा
कछु देखे कछु कभी न देखा
समय बहुत कम है मम पासा
पुरानी पोस्ट छापूँ देऊ झांसा
:):)
श्री ब्लाग जगत के कल्याण करू निज मन करू सुधारि।
बरनऊ ज्ञान, अनूप, समीर, महब्लाग्गर त्रिपुरारी
।। चौपाई।।
जय 'समीर' 'ज्ञान' गुण सागर।
जय 'अनूप' ब्लॉग लोक उजागर।।
'ज्ञान दत्त' अतुलित बलधामा।
ब्लाग पुत्र ब्लाग्गर तव नामा।।
महाबीर 'अनूप' हैं जंगी ।
कुमति निवारे 'समीर' हैं संगी।।
कंचन वरन 'ज्ञान दत्त' वेषा ।
गाल हाथ धरी फोटू खेंचा ।।
नयनों पर गोगल तव विराजै।
पोज मारे 'समीर जी' साजै।।
'अनूप' भये टाँग खेंचू नंदन।
करत सभी के चर्चा में बंदन।।
हैं विद्यावान गुणी अति चातुर।
ऐसी तैसी करिबे को आतुर।।
'समीर' टिप्पणी करीबे को रसिया।
सब ब्लाग्गर के मन में बसिया।।
सूक्ष्म रूप 'ज्ञान' ज्ञान दिखावा।
जो विकट रूप धरि ब्लाग जरावा।।
भीम रूप धरि कछु ब्लाग्गर पधारे ।
बिना बात के बात बिगारे ।।
रंग-रंग के पोस्ट लिख डारी |
हिंदी मरी शरम की मारी ||
लाओ संजीवन ब्लाग जिआवो।
समीर, ज्ञान, अनूप मिलाओ ।।
ब्लॉगवुड कीन्हीं बहुत लड़ाई।
कहीं 'समीर' प्रिय कहीं 'अनूप' भये भाई।।
सहस ब्लॉगवुड तुम्हरो यश गावैं।
अस सुनी 'ज्ञान दत्त' ख़ुश हो जावें ।।
कई ब्लॉगर स्वयं भये न्यायधीशा ।
कोई नारद कोई विभीषण बनीशा ।।
यम सामान तब हुई ब्लॉग वाणी ।
कछु ब्लॉगन के करी ख़तम कहानी ।।
(ई सुनी सुनाई बात है हम sure नहीं हैं बाबा )
करो उपकार हम सब पर भईया | ।
माना तुम सब हो बड़े लड़ैया ।।
एक मन्त्र अब हमहूँ दै डारी ।
शांति से करो ब्लॉग्गिंग सारी ।।
ज्ञान का शस्त्र अब जरा दिखाओ ।
सार्थक मधुर तनी पोस्ट पढाओ ।।
प्रेम से रहो ब्लॉगवुड माहीं।
अनामी-बेनामी के बाजा बजाही ।।
हा हा हा बहुत खूब..क्या खूब महिमा वर्णन किया है...यह त्रिदेव तो वाकये में गुणगान करने लायक हैं...
ReplyDeleteउम्मीद करता हूँ कभी मैं भी इनकी गिनती में शुमार हो पाउँगा...
उदास हैं हम ....
त्रिदेव आरती बढिया है
ReplyDeleteप्रणाम
ओए..ओए...ओए...ओए...
ReplyDeleteत्रिदेव के ज़िक्र पर ये गाना भी ज़रूरी होता है...
वैसे तिरछी टोपी वाले कौन हैं, ये आपने नहीं बताया...
जय हिंद...
अरे बाप रे।
ReplyDeleteवाह...लाजवाब ब्लाग चालीसा लिख डाला आपने....
ReplyDeleteगज़ब गज़ब गज़ब !!!
uff itna gyan........:)
ReplyDeletedhanya ho gaye ham to...:D
bahut sundar vyangya......jaandaar!!
बापरे ...ओए ओए ... इस तरह भी :)
ReplyDelete----------
क्यूँ झगडा होता है ?
ऊपर फोटो बढिया...नीचे चौपाई और भी बढिया पर...
ReplyDeleteसोनम ? :)
इसको पढ़कर मैं बड़ी देर तक हंसती रही। अब भी हंस रही हूं। नई हूं ब्लॉगिंग की दुनिया में, लेकिन ये दुनिया रोज़ नए अंदाज़ से मिलती है। :)
ReplyDeleteइसको पढ़कर मैं बड़ी देर तक हंसती रही। अब भी हंस रही हूं। नई हूं ब्लॉगिंग की दुनिया में, लेकिन ये दुनिया रोज़ नए अंदाज़ से मिलती है। :)
ReplyDeleteवाह! गजब!.... मन प्रसन्न हो गया इसे पढकर!
ReplyDeleteब्लॉगरहुड की.....जय।
ReplyDeletehmmm.......nice
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