आज कॉमनवेल्थ खेलों का स्वागत समारोह देखा....
क्या गज़ब...बेमिसाल...कमाल और धमाल...
भारत ने जिस खूबसूरती और भव्यता का प्रदर्शन किया है....देख कर गर्व से हम सबका सिर ऊँचा हो गया है...
सच में बहुत बहुत बहुत ...अच्छा लगा है...इतना अच्छा लगा कि शब्द कम पड़ रहे हैं...
हमें अभिमान हुआ है कि हमने पूरे विश्व को दिखा दिया कि हम किसी से कम नहीं हैं...
इसे कहते हैं जी 'सौ सोनार की एक लोहार की...'
हाँ नहीं तो...!
इसे कहते हैं जी 'सौ सोनार की एक लोहार की...'
हाँ नहीं तो...!
सभी को हार्दिक बधाई....
aapko bhee bahut bahut badhaee.......
ReplyDeletehum sub ek hai.........kanhee bhee rahe ise hee kahte hai jado se jude rahnaa..........
सही कहा.
ReplyDeleteaapko bhee bahut bahut badhaee....
ReplyDeleteबिल्कुल हमने भी देखा था, मजा आ गया
ReplyDeleteसभी को शुभकामनायें !
ReplyDeleteसुन्दर और भव्य।
ReplyDeleteअदा जी,
ReplyDeleteबधाईयां जी बधाईयां...
सुरेश कलमाडी, शीला ताई, सरदार मनोहर सिंह गिल, जयपाल रेड्डी को इस उपलब्धि के लिए संयुक्त रूप
से भारतरत्न दिया जाना चाहिए...
एक रात के लिए दुनिया की आंखें इतनी चुंधिया दो कि उन्हें पर्दे के पीछे का सच ही नज़र न आए...आखिर ओलम्पिक्स भी तो कराने हैं...
At this moment I'm remembering just one line i.e. All that glitters is not gold...
जय हिंद...
मैं तो आपको लिखने ही वाली थी कि ज़रा देखिये स्वागत समारोह ...
ReplyDeleteयह है दिल्ली मेरी जान ...
pure deshwaaasiyon ko badhai aur yeh jawab hai un logon ko jo sawaal utha rahe the.....
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर इस बार ....
क्या बांटना चाहेंगे हमसे आपकी रचनायें...
अपनी टिप्पणी ज़रूर दें...
http://i555.blogspot.com/2010/10/blog-post_04.html
आगाज़ तो अच्छा है, अंज़ाम खुदा जाने !
ReplyDelete- कामना है कि खेल पूरी भव्यता के साथ शांतिपूर्वक संपन्न हों और हमारे देश की भी पोलैंड और चीन की तरह प्रशंसा की जाए |
आगाज़ तो अच्छा है, अंज़ाम खुदा जाने !
ReplyDelete- कामना है कि खेल पूरी भव्यता के साथ शांतिपूर्वक संपन्न हों और हमारे देश की भी पोलैंड और चीन की तरह प्रशंसा की जाए |
bilkul sahi DUNIA NE DEKHI BHARAT KI JHANKI
ReplyDeleteचलिए आपको अच्छा लगा , बधाई ।
ReplyDeleteइस समय पूरी दिल्ली ही दुल्हन की तरह सजी है ।
सजे भी क्यों नहीं --जब घर में शादी होती है तब घर को भी तो सजाते हैं ।
सुन्दर चित्र ।
आपको अच्छा लगा ...उनकी मेहनत सफल हुई ...:):)
ReplyDeleteबस सौ करोड़ में होने का वाला काम लगभग आठ सौ करोड़ में पूरा हुआ ...!