Saturday, May 29, 2010

दिल चीज़ क्या है आप मेरी जान लीजिये.....'अदा' की आवाज़.....

गाना : दिल चीज़ क्या है आप मेरी जान लीजिये
चित्रपट : उमराँव जान 
संगीतकार :  खय्याम 
गीतकार :  शहरयार 
गायक :  आशा भोसले
यहाँ 'अदा' की आवाज़..... 


दिल चीज़ क्या है, आप मेरी जान लीजिये
बस एक बार मेरा कहा, मान लीजिये

इस अंजुमन में आपको आना है बार बार
दीवार\-ओ\-दर को गौर से पहचान लीजिये

माना के दोस्तों को नहीं दोस्ती का पास 
लेकिन ये क्या के ग़ैर का अहसान लीजिये

कहिये तो आसमाँ को ज़मीन पर उतार लाएं
मुश्किल नहीं है कुछ भी अगर ठान लीजिये


26 comments:

  1. मेरा पसन्दीदा गीत
    आपके स्वर का जादू

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  2. ये मुश्किल गाना भी आपने इतनी आसानी से गा लिया.. वाह दी.. par ek-do jagah bas thoda sa...... :)

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  3. अब एक फरमाइश, फिल्‍म उमरावजान का ही अन्‍य अन्‍य गीत यह क्‍या जगह है दोस्‍तो।

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  4. दिल तो है दिल,
    दिल का ऐतबार क्या कीजे,
    आ गया किसी पे प्यार तो क्या कीजे...

    वैसे दिल तो बच्चा है जी,
    और बच्चे का क्या...

    वो तो कहता ही रहता है,
    मैनू ए वी चाइदा, मैनू ओ वी चाइदा...
    चाइदा, चाइदा...
    ओए लकी, लकी ओए...

    जय हिंद...

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  5. मुजफ़्फ़र अली, शहरयार और खैय्याम - इनकी जुगलबंदी ने बहुत शानदार रचनायें दी हैं। ये गजल बहुत पसंद है मुझे। आपकी आवाज में सुनना बहुत अच्छा लगा।
    बहुत अच्छी लगी ये गजल भी आपकी आवाज में।

    आभार!

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  6. वल्लाह!! क्या खूब गाया है!! आनन्द आ गया!

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  7. ये गीत थोडा मुश्किल तो है मगर अच्छा गाया है आपने ...
    मुझे इसी फिल्म का दूसरा गीत " ये क्या जगह है दोस्तों " ज्यादा पसंद है ..

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  8. मुग्ध होकर सुनता रहा बहन मंजूषा। शुभकामनाएं।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

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  9. यों तो इस फिल्म के सभी गाने कर्णप्रिय और अर्थपूर्ण थे,मेरा पसंदीदा गाना इन आँखों की मस्ती के... है। कभी अगर गाना चाहें।

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  10. .अच्छा गाया

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  11. इस गीत पर मैं अपना ढेरो वक़्त कुर्बान कर सकता हूँ....

    गीत सुन मन प्रसन्न हुआ.

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  12. जुस्जू जिसकी थी वो तो न पाई हमने
    मगर इस बहाने देख ली दुन्या हमने .... ये गीत बहुत पसंद है मुझे.

    कभी कोशिश कीजियेगा.

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  13. आज तो आपने निशब्द कर दिया अदा जी ...लगता ही हमारी फरमाइश पूरी कर दी ...खय्याम साहब का संगीत हमें सर्वाधिक पसंद है ...आपका ये आवाज सुनकर जगजीत कौर का गाया एक गीत याद आया 'तुम अपना रंजोगम अपनी परेशानी मुझे दे दो ' ..यह गीत शगुन फिल्म से है जिसमे वहीदा रहमान जी ने अभिनय किया है यह फिल्म तकरीबन १९६४ के आसपास आसपास आई थी , इसमें भी खय्याम साहब का ही संगीत है इसके अतिरिक्त रजिया सुलतान और उमरावजान के करीब सभी गीतों में खय्याम साहब का ही संगीत है उमरावजान के गीत (दिल चीज क्या है ,इन आँखों की मस्ती के,ये क्या जगह हैदोस्तों,जिंदगी जब भी तेरी बज्म में लाती है हमें.जुस्तजू जिसकी थी उसको तो ना पाया हमने) रजिया सुलतान के ( ए दिले नादां , तेरा हिज्र मेरा नसीब है+आये जंजीर की झंकार खुदा खैर करे - कब्बन मिर्ज़ा की आवाज में, जलता है बदन )...ये कुछ गीत ऐसे है जिनके बारे में तारीफ़ करों तो हिन्दी का शब्दकोश भी छोटा लगे ...इनमे से लता जी का गाया 'जलता है बदन' गीत तो समझ लीजिये की हमारे जीवन का साथी है , यह गीत हमारे लिए किसी संजीवनी से कम नहीं ...खय्याम साहब की के संगीत की ख़ास बात है कितनी भी बार सुन लो कभी बोरियत महसूस नहीं होगी...गीत कभी घिंसा-घिंसा सा नहीं लगेगा वरन और निखरता जाता है साथ ही खय्याम साहब द्वारा संगीतबद्द सभी धुनें त्रुटिरहित है ..ये खासियत ही उन्हें संगीत का सरताज बनती है ...आज आपने अपनी मधुर आवाज इस गाने को देकर हमें कर्ज़दार कर दिया ...आजकल जहा संगीत के साथ गज़ब की बेहूदा छेड़-छाड़ हो रही है वही आप जैसे कुछ पारखी लोग ही इसे जिन्दा रखे हुए है ...भारतीय संगीत दुनिया का श्रेष्ठतम संगीत है यह कहते हुए मुझे फक्र होता है ...बस अब बहुत कह दिया अंत में आप बहुत-बहुत आभार / नोट - शाश्त्रीय संगीत की तालीम लेने की हमारी दिली इच्छा है आपकी नज़र में दिल्ली में कोई अच्छा उस्ताद हो तो एक बार सूचित करे ..धन्यवाद और फिर से आभार //// एक फरमाइश और 'फ़ज़ा भी है जंवा-जंवा - निकाह.. इस ग़ज़ल पर आपकी आवाज़ की कशिश खूब क़यामत ढायेगी ...समय हो तो देख लीजियेगा

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  14. बहुत सुंदर गजल, लेकिन हम आप की जान नही लेगे जी, फ़िर टिपण्णियां कोन देगा, ओर हम भी भरी जवानी को जेल की सलाखो के पीछे नही काट सकते... इस लिये हमे कुछ नही चाहिये बस एक दो टिपण्णियां मिल जाये गरीब का पेट भरा जायेगा, भगवान आप को सुखी रखे बच्चे जीये

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  15. ek baar mera kaha maan lijiye ... apni awaaz hamen her din dijiye

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  16. आवाज़ का जादू बरक़रार है!

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  17. बहुत प्यारी सी ग़ज़ल है उमराव जान की ।
    बहुत बढ़िया गया है अदा जी । आभार ।

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  18. अदा जी , इन दिनों ब्लॉग पढ़ना वगैरह नहीं हो पा रहा है , पर आपकी
    गीतात्मक प्रविष्टि के लोभ का संवरण कर पाना संभव नहीं हो पाता !
    उमराव जान मेरी पसंदीदा फिल्म है , जिसकी आधी सूटिंग जन्म-जनपद
    फैजाबाद में हुई है , और यह मेरे पसंदीदा गानों में एक है , धन्यवाद इतने
    प्यारे गाने को सुनाने का ! आभार !

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  19. वाकई आपकी आवाज में यह गाना सुनने के बाद दिल कोई चीज नहीं है. इतनी सुन्दर और मनमोहक आवाज में एक और खुबसूरत गाना सुना तो दिल खो गया. बहुत खूब गया है. शुक्रिया.

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  20. behtareen geet...aur apne bahut achchha gaya..

    shukriya

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  21. खुबसूरत गाना सुना तो दिल खो गया. बहुत खूब गया है

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  22. गीत सुन मन प्रसन्न हुआ.

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  23. आज भी दिल को छु जाता है

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