तू प्यार मुझे तन्हाई कर
बस शाने पर अब रख दे सर
तू साथ है तो सब है गौहर
वर्ना है सब कंकर पत्थर
अब कौन ग़मों का हिसाब करे
बस खुशियों पर ही रक्खो नज़र
तेरा प्यार सुलगता दिल में
और आँखों में खुशनुमा मंजर
इक सच्ची बात कही थी कल
सो आज चढ़ूँगी सूली पर
बोला ही नहीं तू कितने दिन
पर बैठा रहा सिरहाने पर
गौहर = मोती
इक सच्ची बात कही थी कल
ReplyDeleteसो आज चढ़ूँगी सूली पर
पर सच्चे लोग सच्ची बात कहने से कब मानेंगे भला
बहुत सुन्दर
nice
ReplyDeletewaah bahut sundar baat kahi...sundar kavita
ReplyDeleteएक सच्ची बात कही थी ...आज चढूँगी सूली पर ...
ReplyDeleteसच कहने वालों का यही अंजाम होता रहा है...मगर सच कहने वाले सच ही कहते हैं ...
नज़्म/कविता पहले पढ़ी हुई है ...इसलिए अब ज्यादा कुछ नहीं
मन की भावनाओं का पोस्ट के रूप में उतरती हुई सार्थक प्रस्तुती /
ReplyDeleteआँखों से कैसे देख लिया,
ReplyDeleteयूँ खींच लिया जीवन का डर ।
hnm...
ReplyDeletesundar..
बहुत सुन्दर,
ReplyDeleteपुनर्पठन भी अच्छा लगा दी..
ReplyDeleteबोला ही नहीं तू कितने दिन
ReplyDeleteपर बैठा रहा सिरहाने पर
Very nice... touchy!
Rgds,
Dimple
बोला ही नहीं तू कितने दिन
ReplyDeleteपर बैठा रहा सिरहाने पर
ye to aapne khub kaha...
इक सच्ची बात कही थी कल
ReplyDeleteसो आज चढ़ूँगी सूली पर
bahut khoob.
ठीक कहा आपने
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