Tuesday, May 25, 2010

मन डोले मेरा तन डोले ...


मन डोले मेरा तन डोले...




फिल्म: नागिन 
संगीतकार : हेमंत कुमार (कहते हैं असल में संगीत दिया था हेमन कुमार के सहायक रवि और कल्याणजी ने)
गीतकार : राजेंद्र कृष्ण 
गायिका  : लता 
फिलहाल 'अदा'
  (मन डोले मेरा तन डोले   
  मेरे दिल का गया करार रे
  ये कौन बजाये बांसुरिया ) \- २

  मधुर मधुर सपनों में देखी मैने राह नवेली
  छोड़ चली मैं लाज का पहरा जाने कहाँ अकेली
  चली रे मैं जाने कहाँ अकेली
  रस घोले धुन यूँ बोले
  जैसे ठंडी पड़े फुहार रे
  ये कौन बजाये बांसुरिया

  मन डोले मेरा तन डोले  ... 

  कदम कदम पर रंग सुनहरा ये किसने बिखराया
  नागन का मन बस करने ये कौन सपेरा आया
  न जाने कौन सपेरा आया
  पग डोले दिल यूँ बोले
  तेरा होके रहा शिकार रे
  ये कौन बजाये बांसुरिया

  मन डोले मेरा तन डोले   
  मेरे दिल का गया करार रे
  ये कौन बजाये बांसुरिया
 
कुछ दिनों के लिए व्यस्त हूँ....ऐसे ही कुछ छिट-पुट लिखूंगी....
आशा है आपलोग भूल नहीं जायेंगे....
आभार... 
 

23 comments:

  1. सदाबहार गीत
    भोर में सुनकर अच्छा लगा
    और फिर आपके स्वर का जादू तो है ही

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  2. यह सदाबहार गीत सुनकर तो
    आज भी तन और मन डोल जाता है!
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति!

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  3. सवेरा सुहाना कर दिया आपने

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  4. बेहतरीन हमेशा का जवां गीत!

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  5. kabhi nahin bhooleinge ji...

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  6. aaj kai din baad aapki aawaaz mein ek jaadu bharaa geet sunaa.....




    ...............
    .........................


    ....teraa ho ke rahaa shikaar re...
    ye kaun bajaaye baansuriyaa......

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  7. अर्थपूर्ण संगीत को सम्मान देती पोस्ट /

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  8. अर्थपूर्ण संगीत को सम्मान देती पोस्ट /

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  9. अरे अभी दो रोज पहले ही तो मैंने एक सीडी से इस गाने को अपने कम्प्यूटर पर कॉपी किया था और आज आपकी आवाज में भी सुनने के लिये मिल गया ये गाना! बहुत खुशी हुई।


    "कहते हैं असल में संगीत दिया था हेमन कुमार के सहायक रवि और कल्याणजी ने"

    हमारी जानकारी के अनुसार धुन तो हेमन्त दा ने ही बनाई थी पर बीन की ध्वनि कल्याणजी ने क्लॉर्नेट बजा कर निकाला था।

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  10. बेहद ही खुबसूरत और मनमोहक...

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  11. Very very nice!!
    Aur aapko kaise bhool sakta hai koi :)
    Yaadein wo kehte hai naa... hamesha sath rehti hain :) aap toh khud itna likh chukke ho yaadon ke baarey mein ;-)
    So, everyone will keep visiting your blog no matter you write a little less for few days :)

    Regards,
    Dimple :)

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  12. jab kabhi bhi sunenge geet tere sang sang hum bhi gungunayenge

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  13. यही गीत जब कोई दूसरा ब्लौगर अपने ब्लौग पर डालता तो वहां कोई मक्खी भी नहीं भिनकती.

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  14. सुन्दर गीत, मीठी आवाज़.

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  15. यादें फिर हरी हो गयीं

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  16. खूबसूरती से गया है आपने ये मुश्किल सा गीत.

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  17. हम भूल जायेंगे :)

    ऐसा हो नहीं सकता?

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  18. @ anynymous:
    --------------
    हो सकता है आपकी बात ठीक हो।

    उतनी ही संभावना इस बात की भी है कि दूसरे किसी ब्लॉग पर आपका ऐसा कमेंट भी माडरेशन की चक्की में पिस गया होता।

    क्या ख्याल है?

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  19. @ any mouse....




    to aap wahaan jaaiye naa.....

    jahaan makkhi tak nahin bhinak rahi...

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  20. मन झूम गया सुनकर..

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  21. अनानिमस के कमेन्ट ने दुखी कर दिया था , आपका गाना सुनकर
    सुख पहुंचा ! बचपन से ही 'कौन बजाये बाँसुरिया' गुनगुनाता रहा हूँ !
    आनंद आ गया ! आभार !

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