कहते हैं भारत एक गरीब देश है, लेकिन सच्चाई ये है कि भारत कभी गरीब देश था ही नहीं। स्विस बैंक के डाइरेक्टर का कहना है कि भारत का २८० लाख करोड़ से भी ज्यादा रुपैया स्विस बैंक में जमा है। यह रकम इतनी बड़ी है कि आने वाले ३० सालों तक पूरे देश का बजट, बिना कोई टैक्स लगाए, बहुत आराम से बन सकता है। यह इतना पैसा है कि इतने पैसे से ६० करोड़ रोज़गार के अवसर दिए जा सकते हैं। यह पैसा इतना है कि ५०० सामाजिक प्रोजेक्ट पूरे किये जा सकते हैं। यह रकम इतनी बड़ी है कि हर महीने २००० रुपये प्रत्येक भारतीय को दिए जायें तो अगले ६० साल में भी ख़त्म नहीं होगी अर्थात भारत को किसी भी वर्ल्ड बैंक से लोन लेने की आवश्यकता ही नहीं होगी। लेकिन फिर भी भारत एक गरीब देश है, क्यों ??? ज़रा सोचिये हमारे भ्रष्ट नेताओं और नौकरशाहों ने भारत को किस तरह लूटा है।
अलबत्ता बात ये भी है कि लूट अब तक ज़ारी है और हमें पता भी नहीं चलता । अगर पता भी है तो कोई कुछ नहीं कर सका है। अन्ना हजारे जी ने पूरी कोशिश की थी, ये मुहीम भी चली, ऐसा लगा भी कि अब सब कुछ बदल जाएगा, लेकिन क्या हुआ ? अब तो अन्ना हजारे जी की क्रांति की आग भी देश की राजनीति के हवाले हो गयी और पूरी तरह बुझ गयी ।
अलबत्ता बात ये भी है कि लूट अब तक ज़ारी है और हमें पता भी नहीं चलता । अगर पता भी है तो कोई कुछ नहीं कर सका है। अन्ना हजारे जी ने पूरी कोशिश की थी, ये मुहीम भी चली, ऐसा लगा भी कि अब सब कुछ बदल जाएगा, लेकिन क्या हुआ ? अब तो अन्ना हजारे जी की क्रांति की आग भी देश की राजनीति के हवाले हो गयी और पूरी तरह बुझ गयी ।
भारत पर अंग्रेजों ने २०० साल तक राज किया, और उन्होंने इन २०० सालों में भारत से करीब १ लाख करोड़ रुपैया लूटा। लेकिन विगत ६५-६६ सालों में ही हमारे अपनों ने, २८० लाख करोड़ से भी ज्यादा रुपैये की लूट की है, यानी हर साल लगभग ४.३७ लाख करोड़ और हर महीने ३६ हज़ार करोड़ रुपैये की भारतीय मुद्रा स्विस बैंक्स में जमा करवाया जाता रहा है। ज़रा सोचिये कि इन भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों ने जनता का कितना पैसा अपने कब्ज़े में किया हुआ है।
ये तो बात सिर्फ 'कैश' मनी की हो रही है, इसके अलावा जो चल-अचल की अकूत संपत्ति लोगों ने बनायी है जो भारत तथा विदेशों में हैं, उनका हिसाब तो हम कर भी नहीं सकते हैं क्योंकि उन संपत्तियों को ऐसे ही रखा गया है कि कभी हिसाब न हो।
भारत के कुछ घोटाले निम्नलिखित हैं :
बोफोर्स घोटाला- 64 करोड़ रुपये
बोफोर्स घोटाला- 64 करोड़ रुपये
यूरिया घोटाला- 133 करोड़ रुपये
चारा घोटाला- 950 करोड़ रुपये
शेयर बाजार घोटाला- 4000 करोड़ रुपये
सत्यम घोटाला- 7000 करोड़ रुपये
स्टैंप पेपर घोटाला- 43 हजार करोड़ रुपये
कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला- 70 हजार करोड़ रुपये
2जी स्पेक्ट्रम घोटाला- 1 लाख 67 हजार करोड़ रुपये
अनाज घोटाला- 2 लाख करोड़ रुपए (अनुमानित) कोयला खदान आवंटन घोटाला - 192 लाख करोड़ रुपये (coal gate spectrum- 192 lac crore)
2005 में भारत में 'ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल' द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 62% से अधिक भारतवासियों को सरकारी कार्यालयों में अपना काम करवाने के लिए रिश्वत या दबदबे का प्रयोग करना पड़ा। वर्ष 2008 में दी गई इसी संस्था की रिपोर्ट ने बताया है कि वर्ष 2008 में, भारत में लगभग 20 करोड़ की रिश्वत अलग-अलग लोकसेवकों को (जिसमें न्यायिक सेवा के लोग भी शामिल हैं) दी गयी है। उन्हीं का यह निष्कर्ष है कि भारत में पुलिस और कर एकत्र करने वाले विभागों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है। आज यह कटु सत्य है कि किसी भी शहर में नगर निगम में पैसा दिए बगैर कोई मकान बनाने की अनुमति नहीं मिलती। इसी प्रकार सामान्य व्यक्ति भी यह मान कर ही चलता है कि किसी भी सरकारी महकमे में पैसा दिए बगैर गाड़ी नहीं चलती।
न्यायपालिका में भ्रष्टाचार :
सेना में भ्रष्टाचार :
अंग्रेजी काल से ही न्यायालय, शोषण और भ्रष्टाचार के अड्डे बन गये थे। उसी समय यह धारणा बन गयी थी कि जो अदालत के चक्कर में पड़ा, वह बर्बाद हो जाता है। भारतीय न्यायपालिका में भ्रष्टाचार अब आम बात हो गयी है। सर्वोच्च न्यायालय के कई न्यायधीशों पर महाभियोग की कार्यवाही हो चुकी है। न्यायपालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार में - भाई भतीजावाद , बेहद धीमी और बहुत लंबी न्याय प्रक्रिया , बहुत ही ज्यादा मंहगा अदालती खर्च , न्यायालयों की भारी कमी , और पारदर्शिता की कमी , कर्मचारियों का भ्रष्ट आचरण आदि इस विभाग की भ्रष्टता में पूरा योगदान कर रहे हैं।
हालांकि देश में भ्रष्टाचार इतना सर्वमान्य है कि कोई भी कोना उसकी सड़ांध से बचा नहीं है, फिर भी उच्चस्तरीय न्यायपालिका के कुछ अपवादों को छोड़कर, साफ-सुथरी ही मानी जायेगी । 2007 की ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की प्रतिवेदन अनुसार नीचे के स्तर की अदालतों में लगभग 2630 करोड़ रूपया बतौर रिश्वत दिया गया। अब तो पश्चिम बंगाल के न्यायमूर्ति सेन और कर्नाटक के दिनकरन जैसे मामले प्रकाश में आने कारण इस न्यायपालिका की धवल छवि पर भी कालिख के छींटे पड़े ही हैं।
सेना में भ्रष्टाचार :
भारतीय सेना विश्व की कुछ चुनिंदा सबसे तेज़, सबसे चुस्त, बहादुर और देश के प्रति विश्वसनीय सेनाओं में अग्रणी स्थान पाने वालों में से एक है । देश का सामरिक इतिहास इस बात का गवाह है कि भारतीय सेना ने सारी लडाईयाँ सिर्फ़ अपने जज़्बे और वीरता के कारण जीत ली जिसे दुश्मन बडे-बड़े आधुनिक अस्त्र- शस्त्र से भी नहीं जीत पाए।
लेकिन पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह से, बडे शस्त्र आयात-निर्यात हुए हैं, यह विभाग भी संदेह के घेरे में आ गया है। सबसे दुखद और अफ़सोसजनक बात ये है कि अब तक सेना से संबंधित अधिकांश भ्रष्टाचार और अपराध सेना के उच्चाधिकारियों के नाम ही रहा है। सेना के अधिकारियों को तमाम सुख सुविधाएं दी जाने के बावजूद भी, सेना में भरती, शस्त्र, वर्दी एवं राशन की सप्लाई तक में घोटालेबाजी के सबूत, पुरस्कार और प्रोत्साहन के लिए फ़र्जी मुठभेडों की कई घटनाएं, यही बता रही हैं कि भारतीय सेना में भी अब वो लोग घुस चुके हैं जिन्होंने वर्दी, देश की सुरक्षा के लिए नहीं पहनी है । इन घटनाओं को दबा-छुपा कर रखना हमारी नियति है, क्योंकि देश की आंतरिक सुरक्षा अति संवेदनशील है और उसे हम दाँव पर नहीं लगा सकते। यदि तमाम ठेकों और अस्त्र-शस्त्र को डीलों को जनसाधारण के सामने रख दिया जाए तो कुछ भी छुपाने की गुंजाईश खत्म हो जाएगी।
भ्रष्टाचार पिछड़ेपन का द्योतक है। भ्रष्टाचार का बोलबाला यह दर्शाता है कि जिसे जो करना है वह कुछ भी दे-ले कर अपना काम करवा लेता है, और लोगों को कानों-कान खबर नहीं होती। होती भी है तो हर व्यक्ति खरीदे जाने के लिए तैयार है। गवाहों का उलट जाना, जांचों का अनंतकाल तक चलते रहना, सत्य को सामने न आने देना, ये सब एक पिछडे हुए समाज के अति दु:खदायी पहलू हैं और इसी दुःख के साथ हर भारतीय जी रहा है।
तथ्य विकिपीडिया से लिए गए हैं।
मुझसे कहा जाता है कि आप सिर्फ समस्याएं बतातीं हैं, समस्याएं बताने से क्या होगा, समाधान भी बताइये। तो मैं यही कहूँगी, इस समस्या का समाधान सिर्फ और सिर्फ हमारे ही पास है। हम सबके पास है इन सभी समस्याओं का निदान, बस इन्हें दूर करने के लिए हमें खुद से कुछ वादा करना होगा। ये वादा करना होगा कि, इस समस्या को जड़ से हटाने के लिए हमें जो भी करना होगा, हम पूरी निष्ठां और ईमानदारी से करेंगे। आप सभी जानते हैं, बड़ी सफलताएं छोटे उद्यम से ही मिलतीं हैं। भारत का हर नागरिक खुद को ज्यादा नहीं, बस थोडा सा भी बदल लेगा तो भारत बदल जाएगा। हर नागरिक बस कुछ बातों को अपने जीवन में लागू कर लेगा तो, भारत चमक जाएगा।
लेकिन ये काम आप को खुद ही करना होगा, कोई दूसरा नहीं आएगा आपके लिए कुछ भी बदलने । कोई चमत्कार नहीं होने वाला है। यह चमत्कार सिर्फ और सिर्फ आपके हाथ में है। क्यों न आज ही, अभी ही एक स्वस्थ शुरुआत ब्लॉग जगत से ही हो। हम जितने भी ब्लोग्गर्स हैं, इसी ब्लॉग जगत से इसकी शुरुआत करें। कम से कम इस बात की तो संतुष्टि रहेगी कि हमने खुद को तो बदला है। हम अपने छोटे से तरीके से एक छोटी सी शुरुआत करें, शायद यह शुरुआत बदलाव की ओर एक और क़दम हो !
लेकिन ये काम आप को खुद ही करना होगा, कोई दूसरा नहीं आएगा आपके लिए कुछ भी बदलने । कोई चमत्कार नहीं होने वाला है। यह चमत्कार सिर्फ और सिर्फ आपके हाथ में है। क्यों न आज ही, अभी ही एक स्वस्थ शुरुआत ब्लॉग जगत से ही हो। हम जितने भी ब्लोग्गर्स हैं, इसी ब्लॉग जगत से इसकी शुरुआत करें। कम से कम इस बात की तो संतुष्टि रहेगी कि हमने खुद को तो बदला है। हम अपने छोटे से तरीके से एक छोटी सी शुरुआत करें, शायद यह शुरुआत बदलाव की ओर एक और क़दम हो !
आज खुद से उन बातों को नहीं करने का वादा कीजिये जिन बातों से आपको कोफ़्त होती है, वो काम आप स्वयं नहीं करेंगे, आप उन बातों का हर हाल में बहिष्कार करेंगे, जिनसे हमारे लोग परेशान होते हैं, हमारी प्राकृतिक संपदाओं का ह्रास होता हैं, हमारे भारत की छवि बिगडती हैं, हमारे समाज का सामजिक तंतु कमजोर होता है। यही एकमात्र रास्ता है और कोई दूसरा नहीं। इसी रास्ते पर चल कर हमारा भारत और हम भारतीय अपनी समस्याओं से बाहर आ पायेंगे ।
प्रण कीजिये कि आप :
प्रण कीजिये कि आप :
१. रिश्वत नहीं देंगे
२. रिश्वत नहीं लेंगे
३. दहेज़ नहीं लेंगे
४. दहेज़ नहीं देंगे
५. पानी एवं पेड़ों का संरक्षण करेंगे
६. पूजा अनुष्ठान के नाम पर भोज्य पदार्थों का नुक्सान नहीं करेंगे
७. जहाँ तक हो सके दूसरों की मदद करेंगे
८. आडम्बर को बढ़ावा नहीं देंगे
९. सरकारी संसाधनों का दुरूपयोग नहीं करेंगे
१०.नौकरी में जो जिम्मेदारी आपको दी गयी है, उसे ईमानदारी से पूरा करेंगे
११.यातायात के नियमों का पूरी तरह पालन करेंगे
१२.आप अपने सामने कुछ भी गलत होता देखेंगे तो उसका प्रतीकार करेंगे
१२.आप अपने सामने कुछ भी गलत होता देखेंगे तो उसका प्रतीकार करेंगे
और भी बहुत सी बातें होंगी, आपलोग से आग्रह है स्वयं इस लिस्ट में जोड़ते जाइये, और प्रण करते जाइये । लेकिन याद रखिये पूरी निष्ठा और ईमानदारी से न सिर्फ आप ये करेंगे, आप अपने प्रियजनों को भी इसमें शामिल करेंगे। अगर आपको अपने देश से प्यार है तो आप यह प्रण अवश्य लेंगे।
(मैंने कुछ कॉमेंट्स किये थे यहाँ, वो सभी डिलीट कर दिए, क्योंकि मुझे नहीं लगता इस आरोप-प्रत्यारोप से कुछ भी लाभ होगा। मैं सचमुच भारत को देदीप्यमान देखना चाहती हूँ। मैं चाहती हूँ, भारत बिलकुल वैसा ही हो जाए, जैसा हमने कभी सुना था, पढ़ा था। हर हाल में हमें अपना गौरव प्राप्त करना है। इसके लिए मिलकर जोर लगाना है और भ्रष्टाचार मिटाना है )
(मैंने कुछ कॉमेंट्स किये थे यहाँ, वो सभी डिलीट कर दिए, क्योंकि मुझे नहीं लगता इस आरोप-प्रत्यारोप से कुछ भी लाभ होगा। मैं सचमुच भारत को देदीप्यमान देखना चाहती हूँ। मैं चाहती हूँ, भारत बिलकुल वैसा ही हो जाए, जैसा हमने कभी सुना था, पढ़ा था। हर हाल में हमें अपना गौरव प्राप्त करना है। इसके लिए मिलकर जोर लगाना है और भ्रष्टाचार मिटाना है )
बड़ा बढ़िया विवरण। आपने सही कहा था मेरी (भ्रम से मुक्ति की चाह)पोस्ट पर अपनी टिप्पणी में कि सभी चमत्कार का इंतजार कर रहे हैं इन सब त्रासदियों से मुक्ति के लिए।
ReplyDeleteन तो नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी न चमत्कार होगा, न इनका बहिष्कार होगा :)
Deleteस्थिति भयावह है :(
ReplyDeleteचिंता मत करो, सिर्फ सार्थक चिंतन, सात्विक विचार रखो, कल्याण होगा बालिके !
Delete:)
भारत में भ्रष्टाचार एक युगधर्म बन चुका है -सर्वव्यापी है ! :-(
ReplyDeleteकलियुगी धर्म है ये, लोग दिल से निभा रहे हैं।
Deleteमुझसे कहा जाता है कि आप सिर्फ समस्याएं बतातीं हैं, समस्याएं बताने से क्या होगा, समाधान भी बताइये। समाधान हम सबके पास है, बस खुद से वादा करना होगा की पूरी निष्ठां और ईमानदारी से उनका पालन करेंगे। बड़ी सफलताएं छोटे उद्यम से मिलतीं हैं। हर इंसान अपने आपको थोडा सा बदल लेवें तो सबकुछ संभव है। कुछ बातों को अपने जीवन में लागू स्वयं ही करना होगा, कोई दूसरा नहीं आएगा आपके लिए कुछ भी बदलने । कोई चमत्कार नहीं होने वाला है, यह चमत्कार सिर्फ और सिर्फ आपके हाथ में है। क्यों न एक स्वस्थ शुरुआत ब्लॉग जगत से ही हो। हम जितने भी ब्लोग्गर्स हैं, इसी ब्लॉग जगत से इनकी शुरुआत करें। कम से कम इस बात की तो संतुष्टि रहेगी कि हमने खुद को तो बदला है।
ReplyDeleteआज खुद से कुछ बातों के लिए वादा कीजिये कि जिन बातों से आपको कोफ़्त होती है, वो काम आप स्वयं नहीं करेंगे, आप उन बातों का हर हाल में बहिष्कार करेंगे, जिनसे हमारे भारत की छवि बिगडती हैं। तभी भारत अपनी समस्याओं से बाहर आएगा। प्रण कीजिये कि आप :
१. रिश्वत नहीं देंगे
२. रिश्वत नहीं लेंगे
३. दहेज़ नहीं लेंगे
४. दहेज़ नहीं देंगे
५. पानी एवं पेड़ों का संरक्षण करेंगे
६. पूजा अनुष्ठान के नाम पर भोज्य पदार्थों का नुक्सान नहीं करेंगे
७. जहाँ तक हो सके दूसरों की मदद करेंगे
८. आडम्बर को बढ़ावा नहीं देंगे
९. सरकारी संसाधनों का दुरूपयोग नहीं करेंगे
१०.नौकरी में जो जिम्मेदारी आपको दी गयी है, उसे ईमानदारी से पूरा करेंगे
११.यातायात के नियमों का पूरी तरह पालन करेंगे
और भी बहुत सी बातें होंगी, आपलोग स्वयं इस लिस्ट में जोड़ते जाइये। लेकिन याद रखिये ईमानदारी से ये सब करना होगा।
List of Corruption under UPA Govt.
ReplyDeleteInsurance Scam
Telecom scam (Sukh Ram)
HDW Submarine
Bitumen scam
Tansi land deal
Securities Scam
JMM Bribery Scandal
St Kitts case
Urea scam
CRB Scam
Anantnag transport scam
1971 Nagarwala scandal
Fooder scam
Churhat lottery scam
Bofors Scandal (1990)
Animal Husbandry Case (1990)
Bombay Stock Exchange Fraud
Hawala scandal (1993)
Bangalore-Mysore Corridor (1995)
Sukh Ram (1996)
Fodder Scam in Bihar (1996)
Kerala SNC Lavalin power scandal(97)
Home Trade
Ketan Parekh Scandal,
Barak Missile Deal Scandal,
Tehelka Scandal (2001)
UTI Scam
Taj corridor case (2002–2003)
Telgi scandal (2003)
DSQ Software
IPO Scam- karvy
Oil-for-food programme scam (Natwar) (05)
Human Trafficking Scam (Babubhai Katara)
Cash-for-votes scandal
Satyam scandal
2G Spectrum- 2008
Madhu Koda, laundering money Rs. 4000 Cr
NREGA Scam
CWG
Adarsh
Plus Coalgate Scam, VVIP Chopper Scam और एक घोटाला जो होते -होते रह गया, 1976 का Saab-S(ca)(o)nia स्कैम क्योंकि इंदिरा गांधी 1977 में चुनाव हार गई थी फल्स्वरूर जनता पार्टी सरकार ने जगुआर खरीद पर मोहर लगा दी। :)
Deleteगोदियाल साहेब,
Deleteबहुत धन्यवाद, हम तो चूहे को रो रहे थे यहाँ हाथी निकल रहे हैं :)
सब कुछ लूटा हमने, न लूटी होशियारी,
ReplyDeleteयह सच न दुनिया वालों कि हम हैं अनाड़ी।
सच है दुनिया वालो के हम हैं जोगाड़ी :)
Delete