Thursday, April 11, 2013

ऐसा हो नहीं सकता.....


मेरी ये मेरी कविता मेरी आवाज़ में नोश फ़रमायें :)

मैं ठोकर खाके गिर जाऊँ, ऐसा हो नहीं सकता
गिर कर उठ नहीं पाऊँ, ऐसा हो नहीं सकता

तुम हँसते हो परे होकर, किनारे पर खड़े होकर
मैं रोकर हँस नहीं पाऊँ, ऐसा हो नहीं सकता

अभी जीना हुआ मुश्किल, घायल है बड़ा ये दिल
मैं टूटूँ और बिखर जाऊँ, ऐसा हो नहीं सकता

खिंजां का ये मंज़र है, कभी बादल घना-घन है
मैं छीटों में ही घुल जाऊँ, ऐसा हो नहीं सकता

कश्ती की बात रहने दे , समन्दर भी डुबो दे तू
किनारे तैर न पाऊँ, ऐसा हो नहीं सकता

गिरी है गाज हमपर अब, कभी बिजली डराती है
मैं साए से लिपट जाऊँ , ऐसा हो नहीं सकता

सभी सपने कुम्हलाये, तमन्ना रूठे बैठी है
मैं घुटनों पर ही आ जाऊँ, ऐसा हो नहीं सकता

तू मेरा हैं मैं जानू, ये क़ायनात तेरी है
मैं तेरा हो नहीं पाऊँ, ऐसा हो नहीं सकता


28 comments:

  1. हो नहीं सकता, हो नहीं सकता। किसी के इश्‍क के में खुद को..........शानदार।

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    1. सही कहा ...तभी तो चचा जान फरमा गए हैं :
      इश्क ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया, वर्ना आदमी हम भी काम के थे :)

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  2. कुछ लोग हरफनमौला होते ही हैं।बहुत अच्छे शब्द और बहुत मधुर आवाज ।

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  3. गिरी है गाज हमपर अब, कभी बिजली डराती है
    मैं साए से लिपट जाऊँ , ऐसा हो नहीं सकता
    बेहतरीन ग़ज़ल
    लिंक ले जा रही हूँ
    शनिवारीय अंक के लिये
    सादर

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    1. लै जा लै जा , सोणिये लै जा लै जा :)

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  4. बहुत सुन्दर और विश्वास जगाती कविता

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    1. बड़ा सिम्पल सा फार्मूला है अपना प्रवीण साहेब। ज़नाब ज़िगर मुरादाबादी का यह क़लाम हम काम में लाते हैं, और हर हाल में बहुत ख़ुश रहते हैं :

      हमको मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं
      हमसे ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं

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    1. आपको भी नव वर्ष की शुभकामना !

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  6. बाबा रे इत्ता संजीदा चेहरा.....
    मेल ही नहीं खा रहा मीठी आवाज़ और सौंधे लफ़्ज़ों से.....
    मुस्कुराने के पैसे लेती हैं क्या???
    :-)
    मैं घुटनों पर ही आ जाऊँ, ऐसा हो नहीं सकता....बस इस लाइन को गाते समय के expression से शिकायत नहीं.


    अनु

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    1. अरे हम तो ऐसे expression दे सकते हैं, कि expression को भी expression देने के लिए expression ढूंढना पड़ेगा :)
      बात करती है !
      ई तो ज़रा तबियत ख़राब थी हमरी इसलिए, नहीं तो my expression can leave you expression behind :)
      मिलती हूँ किसी दिन, पैसे निकाल के रखना :)
      हा हा हा ...

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  7. आपको भी नव वर्ष की शुभकामना !

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  8. शास्त्री जी,
    धन्यवाद है आपका !
    आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ...!

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  9. ऐसी ही हैसला बुलंद रहें- अद्भुत भाव शिल्प की कविता

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    1. जी हाँ डाक्टर साहेब, यही कोशिश रही है और रहेगी ..
      धन्यवाद !

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  10. सुनकर अनसुना कर दूँ ऐसा हो नहीं सकता ,
    तुम छू लो और पिघल न जाऊं ऐसा हो नहीं सकता ,
    पढ़ जाऊं और टिप्पणी न कर जाऊं ऐसा हो नहीं सकता ।

    शब्दों को शहद में डुबोकर गाती हैं आप ......बहुत मीठी आवाज़ ।

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    1. मेरी कविता की आंच ऐसी तो न थी कि मोम की तरह पिघल जाओ
      इसमें जीवन के थपेड़ों की वो सच्चाई है कि चट्टान की तरह नज़र आओ
      आपका धन्यवाद !

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  11. बहुत डूबकर कविता पढ़ी है...जैसे पढ़ते हुए खो सी गयी हो.
    कविता है भी ऐसी..बहुत ही ओज भरी

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    1. मेरी यह कविता, मैंने उस वक्त लिखी थी, जब मैं अपने जीवन के बहुत ही कठिन समय से गुज़र रही थी ...इसलिए इसमें मेरा डूब जाना लाज़मी है ! तुझे पसंद आई, मेरे लिए ये बहुत मायने रखता है मैडम जी :)

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    1. मोनिका जी,
      आपका तहे दिल से धन्यवाद !

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  13. आपकी लिखी मेरी पसंदीदा ग़ज़ल या कविता ...
    क्या संयोग है कल ही कही शेयर किया ई इसे ! बिना आपकी इज़ाज़त के :)

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    1. आपका शुक्रिया, आपने इस रचना को इस योग्य समझा।
      संयोग हो ही जाते हैं कई बार, यह भी एक सुखद संयोग कहा जाएगा :)
      इजाज़त तो है ही :)

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  14. तू मेरा हैं मैं जानू, ये क़ायनात तेरी है
    मैं तेरा हो नहीं पाऊँ, ऐसा हो नहीं सकता

    सुप्रभात सहित प्रणाम स्वीकारें ....आप खुशनसीब हैं माँ सरस्वती की कृपा बनी रहे नवसंवत्सर की शुभकामना

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  15. कुमार विश्वास नाम का एक कवि ऐसी ही कविता को बड़े विश्वास के साथ पुरे छत्तीसगढ़ में इसी लय सुर ताल में गाकर भारी वाहवाही लुट रहा है कुछ आप कहना चाहेंगी इस कविता के लेखन की दिन तिथि के बारे में ......

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  16. बहुत सुन्दर....बेहतरीन रचना
    पधारें "आँसुओं के मोती"

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