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नई दिल्ली : कृपा के कारोबारी निर्मल बाबा के बाद एक और देवी का भारत भूमि पर अवतरण हो चुका है, इनको देवी दुर्गा का अवतार कहकर प्रचारित किया जा रहा है| इनका नाम है राधे माँ, ये कथित देवी दुर्गा की अवतार कही जाती हैं| दुल्हन जैसे भारी मेकअप और महंगे साड़ी-गहनों में नज़र आने वाली राधे मां के बार में पता चला है की अपने आशीर्वाद के बदले भक्तों से बड़ी कीमत वसूल रही हैं| इनके भक्तों में बड़े फिल्म और टीवी कलाकार भी शामिल हैं। कौन हैं राधे मां राधे मां का जन्म पंजाब के होशियारपुर जिले के एक सिख परिवार में हुआ था। राधे की शादी सरदार मोहन सिंह से हुई है। शादी के कुछ दिन बाद ही राधे की मुलाकात पास के शिव मंदिर में महंत रामदीन दास से हुई, जिन्होंने राधे के अन्दर की धार्मिक भावना को पहचानकर उसे जागृत करने का बीड़ा उठाया और धीरे-धीरे रामदीन दास ने राधे को धर्म की ओर मोड़ दिया| अब राधे, राधे से माँ बन चुकी थी| स्थानीय लोग उन्हें सत्संग, जागरण, पूजा और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों के लिए बुलाने लगे। राधे मां के आशीर्वाद से लोगों के व्यक्तिगत, व्यापारिक और पारिवारिक समस्याओं का समाधान होने लगा। आज राधे मां का जलवा देश के अलावा विदेशों में फैला हुआ है। राधे माँ की टीम में टल्ली बाबा और छोटी माँ नाम की महिला भी जुड़ गयी| राधे के सभी काम यही टल्ली बाबा और छोटी माँ देखते हैं| होशियारपुर से मुंबई का लम्बा सफ़र राधे ने कैसे तय किया इस के बारे में कोई कुछ नहीं बताता| राधे माँ के सभी काम टल्ली और छोटी माँ के जिम्मे हैं| राधे कभी भी कुछ नहीं बोलती|
आज राधे माँ मुंबई पहुच चुकी हैं वहां के एक बड़े कारोबारी संजीव गुप्ता भी इनके साथ जुड़े हुए हैं। कहा जाता है एक जागरण में गुप्ता की राधे मां की मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात के बाद दोनों की निकटता बढती गयी| गुप्ता की कंपनी ग्लोबल मीडिया विज्ञापन इंडस्ट्री से जुडी है। सूत्र बताते है कि गुप्ता ने राधे मां को बताया की कैसे वो उनके साथ मिल कर रातों रात ख्याति पा सकती हैं फिर क्या था अचानक तेजी मुंबई में राधे माँ बढ़त बनाने लगी| बोरीवली पश्चिम में रेलवे स्टेशन से 10 मिनट की दूरी पर ‘राधे देवी माँ’ भवन है, इसी के ग्राउंड फ्लोर पर एक बड़ा सा हॉल है, जिसे ‘माता की चौकी’ कहा जाता है। राधे मां यहीं भक्तों को अपने दर्शन देती हैं। राधे माँ का जलवा स्टेज पर राधे मां दुल्हन की तरह फुल मेकप कर अवतरित होती हैं और झूमती नाचती रहती हैं। हाथ में त्रिशूल होता है माँ के साथ ही उनके श्रद्धालु भी झूमते नज़र आते हैं। इस सबके बीच जो अद्भुत नज़ारा होता है वो ये कि राधे मां जब किसी पर प्रसन्न होती हैं तब झूमते हुए उसकी गोद में कूद जाती हैं। कहा जाता है कि जिस भक्त की गोद में वो छलांग लगाती हैं उसके सभी कष्ट उसी समय से दूर हो जाते हैं। मुंबई आज राधे राधे कर रही है| यहाँ माँ के हाई वोल्टेज आयोजन होते हैं। इन आयोजनों में लाखों लोग शामिल होते हैं जिनमे आधे से अधिक युवा होती है। राधे माँ के भक्तों में दलेर मेंहदी, मनोज तिवारी, डॉली बिन्द्रा, हंसराज हंस, प्रहलाद कक्कड़, एमएस बिट्टा, अनूप जलोटा, शार्दुल सिंकदर, लखबीर सिंह लख्खा, अनुराधा पौडवाल, रूप कुमार राठौड़, नरेंद्र चंचल के साथ ही और भी कई शामिल हैं| इन के साथ और भी कई बड़े नाम हैं जो आज कल राधे-राधे की रट लगाये हुए हैं| आज भले ही सभी राधे माँ के गुणगान में लगे हों लेकिन बहुत से ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब न देना राधे की शख्सियत को रहस्मय बनाती है| जैसे इतने बड़े आयोजन का पैसा कहाँ से आता है? बड़े-बड़े स्तर पर होने वाले लंगर का पैसा कौन देता है| पंजाब से मुंबई तक का सफ़र कैसे तय किया| राधे माँ अपने को देवी का अवतार मानती हैं या फिर उनका उपासक| उनके खर्चे कैसे पूरे होते हैं| हमें उम्मीद है कि राधे माँ या फिर उनके सहयोगी टल्ली बाबा हमारे सवालों का जल्द से जल्द जवाब देंगे|
भगवान् लोगों को सद्बुद्धि
ReplyDeleteजय हो ईश्वर की माया..
ReplyDeleteभगवान जाने क्या क्या हो रहा है !!
ReplyDeleteईश्वर या देवी के स्वरुप पर संदेह कैसा फिर यहाँ तो माता का अवतार है प्रसन्नता ही होनी चाहिए
ReplyDeleteराधे राधे
ReplyDeleteहिदुस्तान में धर्म का धंधा तो पुराना है पर आभी हाई टेक हो गया है. सबसे ज्यादा फैदे की धंधा है!
ReplyDeleteडैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
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भारतवासी विज्ञान को समझना नहीं चाहते ..
ReplyDeleteक्योंकि विज्ञान हमेशा कडी मेहनत से सफल होना सिखाता है ..
हमारे देश में हमेशा से ही चमत्कार को महत्व देने की परंपरा है ..
क्योंकि यहां छोटी मेहनत से बडा लाभ प्राप्त करने का भ्रम फैलाया जाता है !!
ये कोई देवी नहीं मुजरा क्वीन है. भारत के लोग सच में पागल हैं जो ऐसे ढोंगियों पूज रहे हैं और हिन्दू धरम बदनाम हुआ जा रहा है जागो.
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