Thursday, June 17, 2010

सब मसालेदार है जी...


सुबह के नाश्ते में 
मसालेदार पराठा,  
मसालेवाली चाय,
हाथ में मसालेदार अख़बार में 
मसालेदार ख़बरों की चुस्की,
मसालेदार लंच का डब्बा,   
स्कूटर को,
मसालेदार किक लगा कर,
मसालेदार ट्राफिक में,
मसालेदार झड़प में ख़ुद को झोंकता,
मसालेदार ऑफिस 
में मसालेदार नौकरी,
बॉस 
और मसालेदार सेक्रेटरी,
और कई मसालेदार प्रेम-प्रसंगों की चटकार लेता,  
मसालेदार सेक्सुअल हरासमेंट (यौन उत्पीड़न)
की बातों में उलझता,
देश की मसालेदार राजनीति की 
मसालेदार उठा-पटक,
मसालेदार प्रांतवाद, जातिवाद
में डूबता-उतराता,
दिन में कई बार फोन पर बीवी की मसालेदार झिड़की 
और अपने माँ-बाप के मसालेदार उलाहने झेलता,
बच्चों की मसालेदार फ़रमाईश  
पूरी करने के लिए,
मालों की सीढियां फलांगता,
फिर हांफता भागता घर आता,
और शाम को टी.वी. पर
हिंदी मसाला फिल्म, 
एकता कपूर के मसालेदार सिरिअल, 
की मसालेदार सास-बहुओं में 
अपनी माँ-बीवी तलाशता, 
डांस इंडिया डांस के मसालेदार बच्चों में 
अपना बचपन ढूंढता,
और मसालेदार एंकरों की मसालेदार ख़बरों 
में सिर खपाता,
सुबह से शाम तक 
मसालों में लिथड़ी ज़िन्दगी
और मसालों से गमकते बदन
से बाहर झाँकता,
एक आम हिन्दुस्तानी 
अपने अन्दर,
मसालों के कितने सुगंध लिए रहता है 
तभी तो जीवन इतना spicy हो जाता है...




27 comments:

  1. सब मसालेदार है तो ब्लागिंग भी तो भरपूर मसालेदार हो गई है .... बहुत बढ़िया लिखा है अपने...आभार

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  2. बढिया मसाला तो चाहिए न!

    ice
    nice
    twice
    thrice
    &
    spice?

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  3. मसालों में लिथड़ी ज़िन्दगी
    और मसालों से गमकते बदन
    बहुत सुन्दर
    हर सख्श यहाँ तो मसाले के रसास्वादन की महारत हासिल किये है

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  4. This comment has been removed by the author.

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  5. मसालेदार है तभी तो है जायकेदार, जिन्‍दगी से मसालेदार गप्‍पे निकाल दो फिर कहाँ बचेगा जायका। बढिया है मसालेदार रायता।

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  6. हम भारतीयों का सारा जीवन ही मसालामय है दी.. मजेदार तड़का लगाया कविता में..

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  7. Bhartiya masale puri duniya main mashhoor hain.

    Aur apne bhi bhadiya masala parosha hai.

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  8. मंजूषाजी
    क्या बात है !
    तेरी बातें गरम मसाला …
    पढ़ कर दिमाग चटपटा हो गया , पर कोई खाने की कोशिश न करे । … और दिल मेरे पास नहीं है , किसी को दिया हुआ है …
    - राजेन्द्र स्वर्णकार
    शस्वरं

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  9. मसाला महिमा ,मसालेदार है

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  10. इस मसालेदार कविता के लिए मसालेदार टिप्पणी बची ही नही....आम भारतीय नागरिक के दैनिक जीवन का खाका खींचती बेहतरीन कविता..बधाई।

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  11. ज्यादा मस्सालेदार के परिणाम देखते हुए लोगों ने अब बाबा रामदेव की शरण मे जाकर बिना मसाले की लौकी खाना शुरु कर दिया है। हा हा हा कविता जोरदार है। शुक्रिया।

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  12. हिन्दुस्तानी मसाले तो जगत प्रसिद्द हैं जी ।

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  13. उफ्फ्फ............इतना मसाला देख कर पेट में जलन होने लग गई.....

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  14. सही है यहाँ सब स्पाइसी है , जीवन में !

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  15. मसालेदार स्कूटर को,
    मसालेदार किक लगा कर ??

    मसालेदार ऑफिस
    में मसालेदार नौकरी,
    मसालेदार बॉस ???

    इत्ते मसाले देख किसी के पेट में और किसी के दिल में जलन तो होनी ही है !
    मेरे पास भी एक मसालेदार औरत हुआ करती थी ।
    @ Rajendra Swarnkar और दिल मेरे पास नहीं है , किसी को दिया हुआ है …
    तो क्या हुआ, दिल तो निजी आपका ही है , न ? थोड़ी देर को उधार माँग कर ले आइये !

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  16. अदा जी,
    जिस गरीब को डॉक्टर ने मसालेदार चीज़ों से परहेज़ रखने को कहा हो, वो क्या करे...

    (वैसे चोरी-चोरी, चुपके-चुपके इन पर हाथ साफ़ करता रहता हूं)

    जय हिंद...

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  17. हमें तो डाग्टर नें अधिक मसालेदार चीजों से परहेज रखने को बोला हुआ है..लेकिन फिर भी आपकी ये "मसालेदार" कविता चख बैठे..खुदा खैर करे :)

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  18. पोस्ट भी मसालेदार है जी !:)

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  19. bhi msaledar kavita bhi hai .
    masale bina kya jeevan hai ?

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  20. इस रचना को पढते वक़्त विचार के क्षण ही नहीं मनोरंजन और फुलझड़ियों का मसालेदार ज़यका भी मिला।

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  21. इतना मसाला खाकर अब गुढ़ खाने चलते हैं ।

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  22. I second Anuraag Sharma ji.
    वैसे टु मच स्पाईसी है जी।

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  23. तेरी बातें गरम मसाला
    तेरा लिखना गरम मसाला ...
    गर्मी के कारण गरम मसाला खाना कम कर दिया है मगर
    ये कविता इतनी मसालेदार कि क्या कहूँ ....
    आज एसिडिटी होकर रहेगी ....हाँ नहीं तो और क्या

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  24. वाह वाह क्या मसाले दार पोस्ट है इसे पढ़ कर + देख कर "तबियत धनिये की तरह हरी" हो गयी

    आँखों के लिए ऐसी दावत
    कहाँ आती है रोज रोज ....
    हमें भी तो बताइए
    कहाँ सी लाती है आप
    नए चित्र खोज खोज ....
    पढने वालों की तो हमेशा
    हो जाती है मौज मौज ....
    बना देते है हम तो कविता कुछ भी
    तैयार होते ही विचारों की फ़ौज फ़ौज..
    आँखों के लिए ऐसी दावत
    कहाँ आती है रोज रोज ....

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