सुबह के नाश्ते में
मसालेदार पराठा,
मसालेवाली चाय,
हाथ में मसालेदार अख़बार में
मसालेदार ख़बरों की चुस्की,
मसालेदार लंच का डब्बा,
स्कूटर को,
मसालेदार किक लगा कर,
मसालेदार ट्राफिक में,
मसालेदार झड़प में ख़ुद को झोंकता,
मसालेदार ऑफिस
में मसालेदार नौकरी,
बॉस
और मसालेदार सेक्रेटरी,
और कई मसालेदार प्रेम-प्रसंगों की चटकार लेता,
मसालेदार सेक्सुअल हरासमेंट (यौन उत्पीड़न)
की बातों में उलझता,
देश की मसालेदार राजनीति की
मसालेदार उठा-पटक,
मसालेदार प्रांतवाद, जातिवाद
में डूबता-उतराता,
दिन में कई बार फोन पर बीवी की मसालेदार झिड़की
और अपने माँ-बाप के मसालेदार उलाहने झेलता,
बच्चों की मसालेदार फ़रमाईश
पूरी करने के लिए,
मालों की सीढियां फलांगता,
फिर हांफता भागता घर आता,
और शाम को टी.वी. पर
हिंदी मसाला फिल्म,
एकता कपूर के मसालेदार सिरिअल,
की मसालेदार सास-बहुओं में
अपनी माँ-बीवी तलाशता,
डांस इंडिया डांस के मसालेदार बच्चों में
अपना बचपन ढूंढता,
और मसालेदार एंकरों की मसालेदार ख़बरों
में सिर खपाता,
सुबह से शाम तक
मसालों में लिथड़ी ज़िन्दगी
और मसालों से गमकते बदन
से बाहर झाँकता,
एक आम हिन्दुस्तानी
अपने अन्दर,
मसालों के कितने सुगंध लिए रहता है
तभी तो जीवन इतना spicy हो जाता है...
तभी तो जीवन इतना spicy हो जाता है...
सब मसालेदार है तो ब्लागिंग भी तो भरपूर मसालेदार हो गई है .... बहुत बढ़िया लिखा है अपने...आभार
ReplyDeleteबढिया मसाला तो चाहिए न!
ReplyDeleteice
nice
twice
thrice
&
spice?
मसालों में लिथड़ी ज़िन्दगी
ReplyDeleteऔर मसालों से गमकते बदन
बहुत सुन्दर
हर सख्श यहाँ तो मसाले के रसास्वादन की महारत हासिल किये है
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteमसालेदार है तभी तो है जायकेदार, जिन्दगी से मसालेदार गप्पे निकाल दो फिर कहाँ बचेगा जायका। बढिया है मसालेदार रायता।
ReplyDeleteहम भारतीयों का सारा जीवन ही मसालामय है दी.. मजेदार तड़का लगाया कविता में..
ReplyDeleteBhartiya masale puri duniya main mashhoor hain.
ReplyDeleteAur apne bhi bhadiya masala parosha hai.
मंजूषाजी
ReplyDeleteक्या बात है !
तेरी बातें गरम मसाला …
पढ़ कर दिमाग चटपटा हो गया , पर कोई खाने की कोशिश न करे । … और दिल मेरे पास नहीं है , किसी को दिया हुआ है …
- राजेन्द्र स्वर्णकार
शस्वरं
मसाला महिमा ,मसालेदार है
ReplyDeleteज्यादा मस्सालेदार के परिणाम देखते हुए लोगों ने अब बाबा रामदेव की शरण मे जाकर बिना मसाले की लौकी खाना शुरु कर दिया है। हा हा हा कविता जोरदार है। शुक्रिया।
ReplyDeleteहिन्दुस्तानी मसाले तो जगत प्रसिद्द हैं जी ।
ReplyDeletebadi hi masaale se bhari rachna
ReplyDeleteउफ्फ्फ............इतना मसाला देख कर पेट में जलन होने लग गई.....
ReplyDeleteसही है यहाँ सब स्पाइसी है , जीवन में !
ReplyDelete
ReplyDeleteमसालेदार स्कूटर को,
मसालेदार किक लगा कर ??
मसालेदार ऑफिस
में मसालेदार नौकरी,
मसालेदार बॉस ???
इत्ते मसाले देख किसी के पेट में और किसी के दिल में जलन तो होनी ही है !
मेरे पास भी एक मसालेदार औरत हुआ करती थी ।
@ Rajendra Swarnkar और दिल मेरे पास नहीं है , किसी को दिया हुआ है …
तो क्या हुआ, दिल तो निजी आपका ही है , न ? थोड़ी देर को उधार माँग कर ले आइये !
अदा जी,
ReplyDeleteजिस गरीब को डॉक्टर ने मसालेदार चीज़ों से परहेज़ रखने को कहा हो, वो क्या करे...
(वैसे चोरी-चोरी, चुपके-चुपके इन पर हाथ साफ़ करता रहता हूं)
जय हिंद...
हमें तो डाग्टर नें अधिक मसालेदार चीजों से परहेज रखने को बोला हुआ है..लेकिन फिर भी आपकी ये "मसालेदार" कविता चख बैठे..खुदा खैर करे :)
ReplyDeletemasti bhi masaledaar
ReplyDeleteपोस्ट भी मसालेदार है जी !:)
ReplyDeleteBAHUT BADIYA
ReplyDeletehttp://sanjaykuamr.blogspot.com/
bhi msaledar kavita bhi hai .
ReplyDeletemasale bina kya jeevan hai ?
इस रचना को पढते वक़्त विचार के क्षण ही नहीं मनोरंजन और फुलझड़ियों का मसालेदार ज़यका भी मिला।
ReplyDeleteइतना मसाला खाकर अब गुढ़ खाने चलते हैं ।
ReplyDeleteI second Anuraag Sharma ji.
ReplyDeleteवैसे टु मच स्पाईसी है जी।
तेरी बातें गरम मसाला
ReplyDeleteतेरा लिखना गरम मसाला ...
गर्मी के कारण गरम मसाला खाना कम कर दिया है मगर
ये कविता इतनी मसालेदार कि क्या कहूँ ....
आज एसिडिटी होकर रहेगी ....हाँ नहीं तो और क्या
वाह वाह क्या मसाले दार पोस्ट है इसे पढ़ कर + देख कर "तबियत धनिये की तरह हरी" हो गयी
ReplyDeleteआँखों के लिए ऐसी दावत
कहाँ आती है रोज रोज ....
हमें भी तो बताइए
कहाँ सी लाती है आप
नए चित्र खोज खोज ....
पढने वालों की तो हमेशा
हो जाती है मौज मौज ....
बना देते है हम तो कविता कुछ भी
तैयार होते ही विचारों की फ़ौज फ़ौज..
आँखों के लिए ऐसी दावत
कहाँ आती है रोज रोज ....