मेरी शोख़ी, मेरी नाज़ुकी,
मैं बेपरवाह, मेरा अंदाज़ बेख़बर,
हैं मुट्ठी में मेरे,
क़ैद आफ़ताब फलक का,
खोल दूँ जो हाथ,
वो बिखर जाएगा मोती बनकर ,
मेरा वजूद है क़ाबू में मेरे,
करती हूँ दावा,
क़ायनात का मगर,
सदियों से थी जो,
वो प्यासी सी नदी,
गुज़री है आज मेरे पाँव छूकर.......
गज़ब का आत्मविश्वास ऐसा ही होना चाहिए..
ReplyDeleteसदियों से थी जो,
ReplyDeleteवो प्यासी सी नदी,
गुज़री है आज मेरे पाँव छूकर.......
और गुजर गयी यूँ ही सूखी- सी
हैं मुट्ठी में मेरे,
क़ैद आफ़ताब फलक का,
खोल दूँ जो हाथ,
वो बिखर जाएगा मोती बनकर...
कितनी मुट्ठियाँ ही तो इन अफ्ताबों को बिखरने से बचाए है ...है ना ...!!
सुन्दर रचना....आभार
ReplyDeleteबहुत सही और चित्र संयोजन भी उम्दा!
ReplyDeleteसुन्दर भाव।
ReplyDeleteवो प्यासी सी नदी,
ReplyDeleteगुज़री है आज मेरे पाँव छूकर.......
नदी की प्यास फिर भी नहीं मिटेगी
वह कल फिर लौटेगी
शायद प्यास और बढ गयी होगी.
सुन्दर
waah Ada ji bahut sundar rachna
ReplyDeleteअहा ।
ReplyDeleteबहुत खूब । आभार।
ReplyDeletewaah!
ReplyDeletekunwar ji,
रचना सुन्दर है.....
ReplyDeleteहमेशा की तरह चित्र बहुत अच्छे लग रहे हैं.....
(स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं है. इस कारण नियमित पोस्ट पढ़ नहीं पा रहा हूँ. सच में अपने ब्लॉग परिवार से दूर रहना एक अच्छा एहसास नहीं होता, पूरे दिन कुछ अधूरा अधूरा सा लगता है)
खूबसूरत ...आत्मविश्वास से भरी रचना...
ReplyDeleteजहां पांव में पायल,
ReplyDeleteहाथ में कंगन,
और माथे पे बिंदिया,
इट्स हैप्पन ओनली इन इंडिया...
जय हिंद...
मेरी शोख़ी, मेरी नाज़ुकी,
ReplyDeleteमैं बेपरवाह, मेरा अंदाज़ बेख़बर,
हैं मुट्ठी में मेरे,
क़ैद आफ़ताब फलक का,
har shabd lajaba!!ek pyari si shokh aur bahut sara aatmbiswas bhara hua............hai na:)
मेरी शोख़ी, मेरी नाज़ुकी,
ReplyDeleteमैं बेपरवाह, मेरा अंदाज़ बेख़बर,
हैं मुट्ठी में मेरे,
क़ैद आफ़ताब फलक का,
har shabd lajaba!!ek pyari si shokh aur bahut sara aatmbiswas bhara hua............hai na:)
Kya kahun? Citr aur rachna,dono nihayat sundar hain,yah kahna...haath kangan ko aarsi dikhane jaisa lagta hai!
ReplyDeleteवाह thats the spirit..बहुत सुन्दर ..और पाँव भी बहुत सुन्दर है :)
ReplyDeletesunder rachnaa...badhaayi...
ReplyDeletehnm...
ReplyDeleteaapke paanw ......
......
..............
maile ho jaayenge...
फ़िल्म - गाईड की रोज़ी मेम साहब याद आ गई।
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत, सब कुछ।
आभार।
लाजवाब प्रस्तुती ......
ReplyDeleteबढिया है।
ReplyDeletefilm guide...
ReplyDeletekyaa dekh li hai aapne...?
complan rachna :)
ReplyDeleteamen