छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए
ये मुनासिब नहीं आदमी के लिए
प्यार से भी ज़रूरी कई काम हैं
प्यार सब कुछ नहीं ज़िंदगी के लिए
तन से तन का मिलन हो न पाया तो क्या -२
मन से मन का मिलन कोई कम तो नहीं
खुशबू आती रहे दूर से ही सही
सामने हो चमन कोई कम तो नहीं
चाँद मिलता नहीं सबको सँसार में
है दिया ही बहुत रोशनी के लिए
कितनी हसरत से तकती हैं कलियाँ तुम्हें
इन बहारों को फिर क्यूँ बुलाते नहीं
एक दुनिया उजड़ ही गई है तो क्या
दूसरा तुम जहाँ क्यूँ बसाते नहीं
दिल ने चाहा भी तो, साथ सँसार के
चलना पड़ता है सब की खुशी के लिए
छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए
soft song
ReplyDeleteहमेशा की तरह बेहतरीन गायकी। आनन्द देने वाली।
ReplyDeletebahut achha gaya hai
ReplyDeleteagli frmaish hai
duniya me aisa kahan sbka nseeb hai
koi koi apne piya ke kreeb hai.........
fim-devar
मेरा बेहद पसंदीदा गीत............आभार! आपके गीतों मे कराओके बहुत अच्छा होता है...........
ReplyDeleteमेरा बेहद पसंदीदा गीत............आभार! आपके गीतों मे कराओके बहुत अच्छा होता है...........
ReplyDeletehnm...
ReplyDeleteis geet mein to jeewan-saar hai bas.....
dil n chahe bhi to saath sansaar ke chalnaa padtaa hai sab ki khushi ke liye.....
khushboo aati rahe door hi se sahi...
saamne ho chaman koi kam to nahin........
aise hi gaati rahiye aap...
khush rahiye ..
hameshaa.
khoobsoorat geet...adaygi lajawaab
ReplyDeleteखुशबू आती रहे दूर से ही सही...
ReplyDeleteलाजवाब शब्द!
pyaar se zaruri aapki awaaz ...per isme bhi to hai pyaar
ReplyDeletenice
ReplyDeleteमेरा बेहद पसंदीदा गीत............आभार!
ReplyDeleteआनन्द आ गया!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर गीत है । जब भी सुनता हूँ, खो जाता हूँ ।
ReplyDeleteछोड़ दे ब्लॉगिंग नापसंदगी के चटकों के लिए,
ReplyDeleteये मुनासिब नहीं खुशदीप एंड अदा ड्रामा कंपनी के लिए...
जय हिंद...
छोड़ दे ब्लॉगिंग नापसंदगी के चटकों के लिए,
ReplyDeleteये मुनासिब नहीं खुशदीप एंड अदा ड्रामा कंपनी के लिए...
जय हिंद...
सादर!
ReplyDeleteआपका मै ह्रदय से आभारी हूँ, जो आपने मेरे आग्रह पर इस बेहद ही खुबसूरत और जीवन की सच्चाई से जुड़ी नज्म को गया!
पुनः आभार !
रत्नेश त्रिपाठी