जब मन उदास होता है
ख़याल के पास होता है
जो दिल में दर्द उठता है
लब पे उच्छ्वास होता है
पहुँचेंगे शिखर पर वो
जिन्हें विश्वास होता है
सच्चा प्रेम मिल जाए
फिर मधुमास होता है
सुधि सा जो साथी हो
जीवन ख़ास होता है
कलह प्रेमी मनुज का तो
बस विनाश होता है
कुटिलता का अंतिम लक्ष्य
बस भड़ास होता है
जिस जीवन में नहीं उत्साह
मृत्यु के पास होता है
और अब एक गीत... पुराना ही है लेकिन ......
पास रहकर भी कोई पास न हो
ReplyDeleteदिल भला किस तरह उदास न हो...
सच्चा प्रेम मिल जाए
ReplyDeleteफिर मधुमास होता है
बहुत सुन्दर,
मौसम भी तो हमारे मिज़ाज; हमारे एहसास का मोहताज है.
वो कहते हैं,
ReplyDeleteविकास हुआ है,
मैं कहता हूं,
विनाश हुआ है...
गीत बड़ा ही मदिर-मधुर है...
जय हिंद...
जिस जीवन में नहीं उत्साह
ReplyDeleteमृत्यु के पास होता है
--
छोटी बहर का बहुत ही सुन्दर गीत है!
बधाई!
Ada ji bada hi madhur geet likha....kab kab kya kya khas hota hai...sab keh dala...waah
ReplyDeleteसुन्दर गीत ....
ReplyDeleteरोचक शब्दावली ...
बधाई
कविता भी बढिया और गीत तो बढिया था ही। आखिरी मुक्तक में जिस के स्थान पर शायद जिसे होगा। देख लें।
ReplyDeleteजिस जीवन में नहीं उत्साह
ReplyDeleteमृत्यु के पास होता है...
जी हाँ ...इसीलिए तो आपसे कहते है हमारी तरह हँसते मुस्कुराते रहिये ..क्या हमेशा सड़ते रहना (हे हे ही ही )
पहुँचेंगे शिखर पर वो
ReplyDeleteजिन्हें विश्वास होता है
वाह! बहुत ख़ूब !
अच्छा लगा आप का ये आत्म्विश्वास
पहुँचेंगे शिखर पर वो
ReplyDeleteजिन्हें विश्वास होता है
इन पंक्तियों ने सब कुछ कह दिया अदा जी ।
गीत तो हमेशा की तरह सुरीला लगा ।
khubsurat..sach kaha aapne
ReplyDeleteजो दिल में दर्द उठता है
ReplyDeleteलब पे उच्छ्वास होता है
-वाह!\
गीत तो आनन्द दे गया और कुच याद जिन्दा कर गया!
प्रेरणादायक रचना....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ।
ReplyDeleteपहुँचेंगे शिखर पर वो
ReplyDeleteजिन्हें विश्वास होता है
sach hai
क्या बात है !!
ReplyDeleteअरे इस कविता को भी गया होता " जब भी ये दिल उदास होता है, जाने कौन आसपास होता है की तर्ज़ पर "
ReplyDeleteमंगलवार 15- 06- 2010 को आपकी रचना ... चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर ली गयी है
ReplyDeletehttp://charchamanch.blogspot.com/
वाह! बहुत सुन्दर!
ReplyDeleteउच्छ्वास का अर्थ क्या है जी!
ReplyDelete@ 'नज़र' साहेब जहाँ तक मुझे मालूम हैं साँस छोड़ने की क्रिया को उच्छ्वास कहते हैं......
ReplyDeleteछोटे बंद वाली बेहतरीन प्रेरक कविता..
ReplyDeleteफ़िल्म - कर्मयोगी
ReplyDeleteनायक - हमारा जॉनी
डायलाग - पूरा याद नहीं। शायद ऐसा कुछ है
’पूछते हैं वो कि है खूब से खूबतर कहां?
देखना ये है कि जाती है नज़र कहां?’
आशावादिता, विश्वास की पराकाष्ठा।
आपकी कविता पढ़कर याद आ गया। तीन घंटे खराब होंगे अब आपके कारण,फ़िल्म देखनी पढ़ेगी। हा हा हा
गीत भी बहुत बढि़या लगा। आपके ’पुराना है’ लिखने से हमारे लिये तो चार्म बढ़ जाता है।
आभार।
..बहुत अच्छी रचना...
ReplyDeleteआपके व्यक्तित्व में समाहित सशक्त रचनाकार और संवेदनशील इंसान को मेरा विनम्र अभिवादन. ... शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद मित्र.
यह कविता तो हम पहले भी पढ़ चुके हैं ...
ReplyDeleteसच्चा प्रेम मिल जाए फिर मधुमास होता है
सुधि सा जो साथी होजीवन ख़ास होता है
सुंदर ...अति सुंदर
हमारी भी एक ऐसी कविता है :
सांस आती जाती है एक लय में
रास आती जाती है जिंदगी एक वय में
साथ सांसों सा हो तो जीवन खास होता है
पहुँचेंगे शिखर पर वो
ReplyDeleteजिन्हें विश्वास होता है sach kaha ,sundar rachna .
अदा आंटीजी!!!!
ReplyDeleteअपने शब्दों या रंगों से
सम्पूर्णत: अभिव्यक्त....
बहुत सुन्दर,
thanx...
संपत (भाई ऑफ़ मुंबई टाइगr)
गीत बड़ा ही मदिर-मधुर है...
ReplyDeleteगीत भी बहुत बढि़या लगा।
ReplyDeleteजिस जीवन में नहीं उत्साह
ReplyDeleteमृत्यु के पास होता है
सही कहा ......... यही जीवन का सार है
गीत भी बहुत अच्छा लगा
ReplyDeletekasam badi pyaari lagi
ReplyDeleteबहुत सुन्दर कविता .............बधाई
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