कल ऑफिस में हमारी मीटिंग चल रही थी, मीटिंग ग्राउंड फ्लोर में हो रही थी....बोर्ड रूम में एक बहुत बड़ा स्क्रीन लगा हुआ है....एक बड़ा प्लाज्मा टी.वी, white बोर्ड और table पर सारे communication के equipment .... साइड में coffee pot कुछ कप और coffee बनाने के सारे सामान, हम अपने schedule की बात कर रहे थे, अचानक coffee का pot गिर गया.....हम सारे चौकें ...इससे पहले की हम कुछ भी समझ पाते ...पूरा कमरा ऐसे हिलने लगा जैसे कमरों की दीवारों ने अपनी जगह पर नहीं रहने का फैसला कर लिया हो, सामने पड़ा टी.वी. अब गिरे की तब गिरे की हालत में आ गया, अब हम लोग समझ चुके थे की यह भूकंप है, सब कुछ छोड़ कर ...हम बाहर की ओर भाग चले.....साथ ही शोरे मचाने लगे ....everybody out of the building ..please !! everybody out of the building ..please !! क्योंकि हम ग्राउंड फ्लोर में थे, हमलोग सबसे पहले बाहर आ गए...बाहर आकर सबसे पहले मैंने घर फ़ोन किया...बच्चों की कल से ही गर्मी छुट्टियां शुरू हुई हैं, जिस तरह से बिल्डिंग हिल रही थीं...मैं परेशान थी दोनों बच्चे...मयंक और प्रज्ञा कैसे हैं, लेकिन फ़ोन तो मिलने का नाम ही नहीं ले रहा था, सारे नेटवर्क बंद हो चुके थे....घबड़ाहट बढ़ती जा रही थी, चहरों तरफ भागते हुए लोग और फ़ोन करने की कोशिश में जुटे हुए थे....कुछ लोग लिफ्ट में फँस चुके थे, फायर ब्रिगेड और पुलिस पहुँच चुकी थी, लेकिन हम सभी दोबारा बिल्डिंग के अन्दर नहीं जाना चाहते थे, लिफ्ट में फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने के लिए सोचा जा रहा था, लोग जुट गए थे इस दिशा में काम करने के लिए, उस समय मैं पूरी तरह समझ पा रही थी, उन फंसे हुए लोगों के मन की दशा, इस पूरे प्रकरण में सबसे अच्छी बात यह हुई कि, जान की क्षति नहीं हुई , हाँ ! माल का नुक्सान हुआ है...लेकिन उसकी चिंता नहीं है ...!
यह भूकम ५.५ के mangnitude का था और तकरीबन २० सेकेंड तक रहा ....इसका असर टोरोंटो और Newyork तक महसूस किया गया है....
काफी देर के बाद के बाद मैं बच्चों से बात कर पाई....वो ठीक थे...दोनों घर से बाहर भाग लिए थे, लेकिन छूटते साथ प्रज्ञा ने कहा था....o mummy it was so cool , हम बाहर बैठ कर shake कर रहे थे, लेकिन मज़ा आया, मम्मी हम बिल्कुल नहीं डरे....मैं सोचने लगी..बच्चे कितनी आसानी से मुसीबतों को हंसी-खेल में टाल जाते हैं...फिलहाल कनाडा में भूकंप का आना एक rare घटना है ....और अभी टॉक ऑफ़ द टाउन बना हुआ है....
This is 'ada', reporting from Ottawa, the capital of Canada ...over and out...:):)
good reporting ada ji !
ReplyDeleteशुक्र है आप बच गई
ReplyDeleteईश्वर का लाख लाख शुक्र है..तुम सबलोग सुरक्षित हो...
ReplyDeleteबढिया रिपोर्टिंग .. आपलोगों ने भूकम्प का अनुभव भी ले लिया और जानमाल की कोई क्षति भी नहीं !!
ReplyDeleteपहले तो मैं समझा कि यह '... आरा हिले छपरा हिले' जैसा कुछ होगा :-)
ReplyDeleteमाजरा बाद में समझ आया
वाकई में यह एक दुर्लभ घटना है, कनाडा के लिए
सब सुरक्षित हैं, शुक्र है
बी एस पाबला
shukra hai...
ReplyDeleteshukr hai...
ReplyDeleteभवन पुनः बन जायेंगे, जीवन बच गये, यह दया रही प्रकृति की ।
ReplyDeleteसही रिपोर्टिंग रही..हम समझे पहले तो कि हमारे चलने से घर हिला होगा..वो तो जब हल्ला मचा तो समझ आया कि भूकंप है. :)ईश्वर का लाख धन्यवाद कि सब सुरक्षित है.
ReplyDeleteओह ..कल समीर जो को तो फोन घुमाया था जब बुज्ज़ पर पता चला इसका ....वैसे मुझे ये जानकारी नहीं थी कि विध्वंस भी हुआ है ....
ReplyDeleteप्रकृति के स्पंदन को जानने के लिए क्या हमारे वैज्ञानिक आधार सब झूठे है ? अभी तक कहीं का भूकंप हम लोग पहले से नहीं जान पाए हैं.
चलो आप लोग अपना ध्यान रखें ...
अपने घर पर तो कोई नुक्सान नहीं हुआ न? सब सकुशल है यह संतोष की बात है।
ReplyDelete@ राम त्यागी
ReplyDeleteक्या हमारे वैज्ञानिक आधार सब झूठे है ? अभी तक कहीं का भूकंप हम लोग पहले से नहीं जान पाए हैं.
आप यहाँ निगाह डालें।
होना-जाना तो खैर कुछ नहीं है लेकिन हो सके तो Promote भी कर दें :-)
बी एस पाबला
आज सुबह समीर भाई का फ़ोन आया तो उससे पता चला था इस के बारे में अब आपकी रिपोर्ट भी पढने को मिल गयी ! आप सब सकुशल है जान सुकून मिला! अपना ख्याल रखें!
ReplyDelete@ समीर भाई, आज जब आपने फ़ोन पर बताया था तब मैं भी यही कहने को था कि मेरे और आपके चलने से, लोग कहते है, घर हिलते है!वैसे आप जिस को मामूली बता रहे थे वह इतना मामूली नहीं था!
ReplyDeleteshukr hai , canada me sab theek thaak hai .
ReplyDeleteishvar ka dhnywad.jo jan ki hani nahi hui .
ReplyDeleteapki riporting achhi rhi .yani ki yaha bhi avvl .keep it up.
मेरा घर तो बहुत पुराना है जब हम चलते है सारा हिलता है, अगर हमारे यहां भुकंप आया तो हमे तो पता ही नही चलेगा?? असल मै हमारी छत लकडी की बनी है... चलिये आप सब बच गये, अल्लाह का शुक्र है
ReplyDeleteशुक्र है !!! इस ओ़ट्टावा हलचल में आप सब सुरक्षित रहे ...
ReplyDeleteभगवान् का शुक्र है, आप सब सुरक्षित हैं. झटके तो पिट्सबर्ग तक महसूस किये गए थे.
ReplyDeleteहम समझे थे वो भूकंप था ...ज्ञात सूत्रों से पता चला की समीर जी टोरोंटो में चल रहे थे...और हमें लग रहे थे पच्चासी झटके....
ReplyDeleteगलत बात है समीर जी..
हाँ नहीं तो..!!
बढिया रिपोर्टिंग.
ReplyDeleteरोमांचकारी अनुभव कहा जा सकता है इसे.
धन्यवाद.
धन्यवादी हैं ईश्वर के।
ReplyDeleteमाल का नुक्सान कोई नुकसान नहीं है, कैसी भी जीवन क्षति नहीं हुई, यह अच्छी बात है।
वैसे रिपोर्टिंग बहुत कसी हुई है आपकी,एक्दम संतुलित। और पोस्ट रिपोर्टिंग कमेंट्स भी सभी के बहुत अच्छे हैं। ऐसी घटना की रिपोर्टिंग ’इंडिया टी.वी.’ पर कैसी होती?
आज तो हम भी मन्दिर होकर आयेंगे, कोई कसम थोड़े ही न खा रही है हमने न जाने की।
"मो सम कौन" से सहमत
ReplyDeleteवैसे तकनीक ऐसे ही समय पर क्यों फेल होती है जब उसकी ज्यादा जरूरत हो ( फ़ोन की बात कर रहा हूँ )
ईश्वर का लाख लाख शुक्र है कि सब सही सलामत हो ...
ReplyDeleteमुझे वो सुबह याद आ रही है जब हमारी चैटिंग के बीच यहाँ भूकंप आया था ...!!
रिपोर्टिंग जबरदस्त रही, और जानकर सुकून हुआ कि सब कुशल से हैं। वाकई ऐसी घटनाएँ जिंदगी भर याद रहती हैं।
ReplyDeleteवित्तीय स्वतंत्रता पाने के लिये ७ महत्वपूर्ण विशेष बातें [Important things to get financial freedom…]
कल टीवी पर कनाडा के भूकंप की तस्वीरें देखीं...एक एंकर न्यूज़ पढ़ रहा था कि तभी सभी कुछ हिलना शुरू हो गया...सबसे पहले आपके परिवार और समीर जी के परिवार का ध्यान आया...आफिस में था इसलिए बात नहीं कर सका...लेकिन फिर सब खैरियत रही जानकर तसल्ली हुई...
ReplyDeleteसमीर जी चल ही नहीं रहे थे, उन्होंने रंग में आकर कोई तान भी छेड़ दी थी...तानसेन दीपक जला सकता था, मेघ बरसा सकता था तो समीर जी क्या अपने गाने से कनाडा नहीं हिला सकते...
जय हिंद...
"इस पूरे प्रकरण में सबसे अच्छी बात यह हुई कि, जान की क्षति नहीं हुई"
ReplyDeleteपरमात्मा की कृपा है!
शुक्र है, सब सुरक्षित हैं.
ReplyDeleteवैसे आपकी यह रिपोर्टिंग काबिले तारीफ़ है.
कुछ भी हो अपना उत्तर प्रदेश नहीं हिलने वाला है. इधर तो लोग सिर्फ भूकंप के बारे में सुनते और पड़ते हैं. मुझे याद है जब में १० साल का था तब आजमगढ़ में हल्का सा भूकंप आया था. लेकिन जब से दिल्ली में हूँ रोज डर लगा रहता है.
ReplyDeleteभगवन का लाख -लाख धन्यवाद् जो सभी लोग सुरक्षित हैं.