आवाज़ 'अदा' की....
हर दिल जो प्यार करेगा वो गाना गायेगा
दीवाना सैंकड़ों में पहचाना जायेगा
दीवाना ...
आप हमारे दिल को चुरा के आँख चुराये जाते हैं
ये इक तरफ़ा रसम\-ए\-वफ़ा हम फिर भी निभाये जाते हैं
चाहत का दस्तूर है लेकिन, आप को ही मालूम नहीं, ओ~ ओ~ ओ~
जिस महफ़िल में शमा हो, परवाना जायेगा
दीवाना सैंकड़ों में ...
भूली बिसरी यादें मेरी हँसते गाते बचपन की
रात बिरात चली आतीं हैं, नींद चुराने नैनन की
अब कह दूँगी, कहते-कहते, कितने सावन बीत गये
जाने कब इन आँखों का शरमाना जायेगा
दीवाना सैंकड़ों में ...
अपनी अपनी सब ने कह ली, लेकिन हम चुप चाप रहे
दर्द पराया जिसको प्यारा वो क्या अपनी बात कहे
ख़ामोशी का ये अफ़साना रह जायेगा बाद मेरे
अपना के हर किसी को बेगाना जायेगा
दीवाना सैंकड़ों में ...
दीवाना!
दीवाना!
दीवाना!
पुराने गानो को सुनने में आनन्द आता है!
ReplyDelete--
आपकी आवाज तो कमाल की है!
आईये जानें .... मन क्या है!
ReplyDeleteआचार्य जी
बहुत बढ़िया गाया..आनन्द आया.
ReplyDeleteबहुत अच्छा गाती हैं आप. अच्छा लगा सुनकर.
ReplyDeleteमेरी एक प्रिय ब्लॉगर कहीं खो गई हैं। उन्हें ढूढ़िए।
ReplyDeletebahut khub
ReplyDeleteफिर से प्रशंसनीय रचना - बधाई
bahut khub
ReplyDeleteफिर से प्रशंसनीय रचना - बधाई
wahwa....kya baat hai...
ReplyDeleteअच्छा लगा सुनकर.
ReplyDeleteBahut khoob !
ReplyDeleteBahut khoob !
ReplyDelete@गिरिजेश राव said...
ReplyDeleteमेरी एक प्रिय ब्लॉगर कहीं खो गई हैं। उन्हें ढूढ़िए।
:(
चलो हम दोनों ढूँढने निकलते हैं!
अति सुंदर धन्यवाद
ReplyDeleteन गाए तो
ReplyDeleteबड़ी ही मीठी आवाज
ReplyDeleteअपनी अपनी सब ने कह ली, लेकिन हम चुप चाप रहे
ReplyDeleteदर्द पराया जिसको प्यारा वो क्या अपनी बात कहे
ख़ामोशी का ये अफ़साना रह जायेगा बाद मेरे
अपना के हर किसी को बेगाना जायेगा
दीवाना सैंकड़ों में ...
हा हा हा
बहुत खूब गाया है जी और ये गीत मेरे दिल के बहुत करीब भी है खास कर 'ये' पंक्तियाँ. क्यों न हो..क्योंकि सचमुच ऐसिच हूँ मैं तो...
सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी सच है अदाजी !..कि हम है अनाड़ी.
प्यार