Sunday, June 6, 2010

हर दिल जो प्यार करेगा वो गाना गायेगा.....आवाज़ 'अदा' की....

आवाज़ 'अदा' की....



हर दिल जो प्यार करेगा वो गाना गायेगा
दीवाना सैंकड़ों में पहचाना जायेगा
दीवाना ...

आप हमारे दिल को चुरा के आँख चुराये जाते हैं
ये इक तरफ़ा रसम\-ए\-वफ़ा हम फिर भी निभाये जाते हैं
चाहत का दस्तूर है लेकिन, आप को ही मालूम नहीं, ओ~ ओ~ ओ~
जिस महफ़िल में शमा हो, परवाना जायेगा
दीवाना सैंकड़ों में ...

भूली बिसरी यादें मेरी हँसते गाते बचपन की
रात बिरात चली आतीं हैं, नींद चुराने नैनन की
अब कह दूँगी, कहते-कहते, कितने सावन बीत गये
जाने कब इन आँखों का शरमाना जायेगा
दीवाना सैंकड़ों में ...

अपनी अपनी सब ने कह ली, लेकिन हम चुप चाप रहे
दर्द पराया जिसको प्यारा वो क्या अपनी बात कहे
ख़ामोशी का ये अफ़साना रह जायेगा बाद मेरे
अपना के हर किसी को बेगाना जायेगा
दीवाना सैंकड़ों में ...

दीवाना!
दीवाना!
दीवाना! 

16 comments:

  1. पुराने गानो को सुनने में आनन्द आता है!
    --
    आपकी आवाज तो कमाल की है!

    ReplyDelete
  2. आईये जानें .... मन क्या है!

    आचार्य जी

    ReplyDelete
  3. बहुत बढ़िया गाया..आनन्द आया.

    ReplyDelete
  4. बहुत अच्छा गाती हैं आप. अच्छा लगा सुनकर.

    ReplyDelete
  5. मेरी एक प्रिय ब्लॉगर कहीं खो गई हैं। उन्हें ढूढ़िए।

    ReplyDelete
  6. bahut khub



    फिर से प्रशंसनीय रचना - बधाई

    ReplyDelete
  7. bahut khub



    फिर से प्रशंसनीय रचना - बधाई

    ReplyDelete
  8. @गिरिजेश राव said...
    मेरी एक प्रिय ब्लॉगर कहीं खो गई हैं। उन्हें ढूढ़िए।

    :(
    चलो हम दोनों ढूँढने निकलते हैं!

    ReplyDelete
  9. अति सुंदर धन्यवाद

    ReplyDelete
  10. अपनी अपनी सब ने कह ली, लेकिन हम चुप चाप रहे
    दर्द पराया जिसको प्यारा वो क्या अपनी बात कहे
    ख़ामोशी का ये अफ़साना रह जायेगा बाद मेरे
    अपना के हर किसी को बेगाना जायेगा
    दीवाना सैंकड़ों में ...
    हा हा हा
    बहुत खूब गाया है जी और ये गीत मेरे दिल के बहुत करीब भी है खास कर 'ये' पंक्तियाँ. क्यों न हो..क्योंकि सचमुच ऐसिच हूँ मैं तो...
    सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी सच है अदाजी !..कि हम है अनाड़ी.
    प्यार

    ReplyDelete