आवाज़....'अदा' की...
भरी दुनिया में आख़िर दिल को समझाने कहाँ जाएं
मुहब्बत हो गई जिनको वो दीवाने कहाँ जाएं
लगे हैं शम्मा पर पहरे ज़माने की निगाहों के
जिन्हें जलने की हसरत है वो परवाने कहाँ जाएं
सुनाना भी जिन्हें मुश्किल छुपाना भी जिन्हें मुश्किल
ज़रा तू ही बता ऐ दिल वो अफ़साने कहाँ जाएं
नज़र में उलझनें दिल में है आलम बेक़रारी का
समझ में कुछ नहीं आता सुकूँ पाने कहाँ जाएँ
मोहब्बत हो गई जिनको वो दीवाने कहाँ जाएँ.....
भरी दुनिया में आख़िर दिल को समझाने कहाँ जाएँ...
भरी दुनिया....
बहुत ही शानदार नगमा!
ReplyDeleteसुनकर अच्छा लगा!
अच्छा लगा
ReplyDeletenice
ReplyDeleteसुन्दर गीत और आपने बड़ी खूब सूरती से गाया है, बधाई.
ReplyDeleteसुखद होता है आपको सुनना
ReplyDeleteआज बहुत दिनों बात ब्लॉगजगत में वापिस आये और आपकी आवाज में गाना सुनकर मन प्रफ़ुल्लित हो गया... दीवाने कहाँ जायें :)
ReplyDeleteठीक ठाक गीत है मगर आपकी आवाज़ में अच्छा है
ReplyDeleteबहुत रो चुके मुकेश के गाने सुनकर
मुझे रोने धोने वाले गीत अच्छे नहीं लगते आजकल ...
गीत बहुत सुंदर गाया है।
ReplyDeleteमुहब्बत हो जाने पर कोई महबूब को छोड़ कर कहाँ जा सकता है?
aap ki awaz bahut achhee lagi aur jo aap ne adaygi ki woh bhee bahut pasand aayee. Bahut bahut badhyaee. Aap kaun se karoke system use karti hai kyonki aap ki music ke saath setting badi achhee aatee hai.
ReplyDeleteAshoo
@ आशू जी....
ReplyDeleteआपका शुक्रिया...मेरी कोशिश आपको पसंद आई...
मैं अपने लैपटॉप में audacity नाम के sofware से रिकॉर्ड करती हूँ...
आपका धन्यवाद..
बहुत सुन्दर और दिलकश गाना ।
ReplyDeleteअच्छी प्रस्तुती शानदार आवाज ...
ReplyDeleteyahan aayen aur sargam se sari udaasi door ker den
ReplyDeleteshaandaar har baar ki tarah
ReplyDeletebahut sunser aawaj
ReplyDeleteaur geet bhi bahut achchha
http://sanjaykuamr.blogspot.com/
क्या ब्लोग्वानी ऐसे ब्लोगों को रख कर खुश होता है या यह उसकी मजबूरी है
ReplyDeleteदेख लीजिये खुद ही ब्लोग्वानी को जहां मां बहन की हद दर्जे की अश्लील गालियाँ खुले आम दिखाई जाती हैं आगे पढ़ें और देखें
महबूब की गलियो मै जाये जी, पता है...
ReplyDeleteमहबूब नगर
प्रेम गली
मकान ना० ४२०
:)
"mohabbat jinko ho gayee, wo deewane kahan jayen......."
ReplyDeleteinn panktiyon ko padhne, aur kahan..:)
apart from joke, very lovable lines...:)
god bless ma'm!!
लाजवाब गीत।
ReplyDelete--------
रूपसियों सजना संवरना छोड़ दो?
मंत्रो के द्वारा क्या-क्या चीज़ नहीं पैदा की जा सकती?
aap ki awaah ko sunakar do dil kahin kho jata hai...ab to bas aap se milne ki tammnna hai.
ReplyDeleteशानदार
ReplyDeleteगाने और गले दोनों में दर्द... दर्द पर दर्द का तड़का.. ये तो जालफ्रेजी हो गया.. उफ़ उफ़ उफ़.. :)
ReplyDeleteadaji
ReplyDeleteaapne bahut hi meetha gana gaya hai
bs smjhane shbd thoda alg lg rha tha
anytha na le .
...अदभुत ... बेहद मिठास है आपकी आवाज में ... बहुत बहुत बधाई !!!
ReplyDeleteसादर!
ReplyDeleteवाह जी ! मान गए | आप तो किसी पेशेवर गायक की तरह गाती हैं|नौजवान होते हुए भी मुझे इतना अच्छा लग रहा है तो बुजुर्गों का क्या हाल होगा ........
रत्नेश त्रिपाठी
कोई लिख रहा है-
ReplyDeleteये दुनिया ये महफिल मेरे काम की नहीं
कोई गा रहा है
भरी दुनिया में कहां जाएं
एक लिखकर गया है-
आपस में प्रेम करो देशप्रेमियों
मेरे लिए क्या हुक्म हैं मेरे आका
गाने में अच्छा निर्वाह।