Monday, June 14, 2010

पहुँचेंगे शिखर पर वो जिन्हें विश्वास होता है .....



जब मन उदास होता है
ख़याल के पास होता है

जो दिल में दर्द उठता है
लब पे उच्छ्वास होता है

पहुँचेंगे शिखर पर वो
जिन्हें विश्वास होता है

सच्चा प्रेम मिल जाए
फिर मधुमास होता है

सुधि सा जो साथी हो
जीवन ख़ास होता है

कलह प्रेमी मनुज का तो
बस विनाश होता है

कुटिलता का अंतिम लक्ष्य
बस भड़ास होता है

जिस जीवन में नहीं उत्साह
मृत्यु के पास होता है

और अब एक गीत... पुराना ही है लेकिन ......

33 comments:

  1. सच्चा प्रेम मिल जाए
    फिर मधुमास होता है
    बहुत सुन्दर,
    मौसम भी तो हमारे मिज़ाज; हमारे एहसास का मोहताज है.

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  2. वो कहते हैं,
    विकास हुआ है,
    मैं कहता हूं,
    विनाश हुआ है...

    गीत बड़ा ही मदिर-मधुर है...

    जय हिंद...

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  3. जिस जीवन में नहीं उत्साह
    मृत्यु के पास होता है
    --
    छोटी बहर का बहुत ही सुन्दर गीत है!
    बधाई!

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  4. Ada ji bada hi madhur geet likha....kab kab kya kya khas hota hai...sab keh dala...waah

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  5. सुन्दर गीत ....
    रोचक शब्दावली ...
    बधाई

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  6. कविता भी बढिया और गीत तो बढिया था ही। आखिरी मुक्‍तक में जिस के स्‍थान पर शायद जिसे होगा। देख लें।

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  7. जिस जीवन में नहीं उत्साह
    मृत्यु के पास होता है...
    जी हाँ ...इसीलिए तो आपसे कहते है हमारी तरह हँसते मुस्कुराते रहिये ..क्या हमेशा सड़ते रहना (हे हे ही ही )

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  8. पहुँचेंगे शिखर पर वो
    जिन्हें विश्वास होता है

    वाह! बहुत ख़ूब !
    अच्छा लगा आप का ये आत्म्विश्वास

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  9. पहुँचेंगे शिखर पर वो
    जिन्हें विश्वास होता है

    इन पंक्तियों ने सब कुछ कह दिया अदा जी ।
    गीत तो हमेशा की तरह सुरीला लगा ।

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  10. जो दिल में दर्द उठता है
    लब पे उच्छ्वास होता है


    -वाह!\

    गीत तो आनन्द दे गया और कुच याद जिन्दा कर गया!

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  11. पहुँचेंगे शिखर पर वो
    जिन्हें विश्वास होता है
    sach hai

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  12. अरे इस कविता को भी गया होता " जब भी ये दिल उदास होता है, जाने कौन आसपास होता है की तर्ज़ पर "

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  13. मंगलवार 15- 06- 2010 को आपकी रचना ... चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर ली गयी है


    http://charchamanch.blogspot.com/

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  14. वाह! बहुत सुन्दर!

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  15. उच्छ्वास का अर्थ क्या है जी!

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  16. @ 'नज़र' साहेब जहाँ तक मुझे मालूम हैं साँस छोड़ने की क्रिया को उच्छ्वास कहते हैं......

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  17. छोटे बंद वाली बेहतरीन प्रेरक कविता..

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  18. फ़िल्म - कर्मयोगी
    नायक - हमारा जॉनी
    डायलाग - पूरा याद नहीं। शायद ऐसा कुछ है
    ’पूछते हैं वो कि है खूब से खूबतर कहां?
    देखना ये है कि जाती है नज़र कहां?’
    आशावादिता, विश्वास की पराकाष्ठा।

    आपकी कविता पढ़कर याद आ गया। तीन घंटे खराब होंगे अब आपके कारण,फ़िल्म देखनी पढ़ेगी। हा हा हा

    गीत भी बहुत बढि़या लगा। आपके ’पुराना है’ लिखने से हमारे लिये तो चार्म बढ़ जाता है।

    आभार।

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  19. ..बहुत अच्छी रचना...
    आपके व्यक्तित्व में समाहित सशक्त रचनाकार और संवेदनशील इंसान को मेरा विनम्र अभिवादन. ... शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद मित्र.

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  20. यह कविता तो हम पहले भी पढ़ चुके हैं ...

    सच्चा प्रेम मिल जाए फिर मधुमास होता है
    सुधि सा जो साथी होजीवन ख़ास होता है

    सुंदर ...अति सुंदर

    हमारी भी एक ऐसी कविता है :

    सांस आती जाती है एक लय में
    रास आती जाती है जिंदगी एक वय में
    साथ सांसों सा हो तो जीवन खास होता है

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  21. पहुँचेंगे शिखर पर वो
    जिन्हें विश्वास होता है sach kaha ,sundar rachna .

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  22. अदा आंटीजी!!!!
    अपने शब्दों या रंगों से
    सम्पूर्णत: अभिव्यक्त....
    बहुत सुन्दर,
    thanx...



    संपत (भाई ऑफ़ मुंबई टाइगr)

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  23. गीत बड़ा ही मदिर-मधुर है...

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  24. गीत भी बहुत बढि़या लगा।

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  25. जिस जीवन में नहीं उत्साह
    मृत्यु के पास होता है

    सही कहा ......... यही जीवन का सार है

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  26. बहुत सुन्दर कविता .............बधाई

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