कल ब्लॉग वाणी से लगभग एक घंटे फ़ोन से मेरी बात-चीत हुई है...ब्लॉग जगत की समस्या को धैर्य पूर्वक सुना गया और सहयोग का पूरा आश्वासन मिला है....अब किसी भी तरह की कोई बेहूदगी बर्दाश्त नहीं की जायेगी...सभी ब्लोग्गेर्स से अनुरोध है कृपया निम्नलिखित बातों पर गौर करें:
- किसी भी तरह के व्यक्तिगत आक्षेप से बचें ...बर्दाश्त नहीं किया जाएगा...
- संवेदनशील विषयों पर जैसे धर्म, नारी, पुरुष इत्यादि पर बात-चीत गरिमा के अन्दर रह कर की जाए...अगर ऐसा नहीं हुआ..तो class action lawsuits के लिए तैयार हो जाइए...
- कोई धर्म-बड़ा छोटा नहीं है, एक धर्म को दूसरे धर्म से ऊँचा दिखाने की कोशिश में किसी की भी भावनाओं से अगर खेला गया तो class action lawsuits किया जाएगा
- किसी ने भी फर्जी ID का प्रयोग कर के किसी की भी भावनाओं से खिलवाड़ करने की कोशिश की तो, ब्लॉग वाणी ने मुझसे वादा किया है कि वो उस नाम का पर्दा-फाश करेंगे....अगर किसी को कहीं भी ऐसी बात नज़र आती हैं...तुरंत मुझे सूचित कीजिये kavya.manjusha@gmail.com पर जल्द से जल्द....उस व्यक्ति का नाम, ब्लॉग का पता तस्वीर सहित छापा जाएगा....एक बात और स्पष्ट करना है फर्जी ID से कमेन्ट करना साइबर क्राइम के तहत आता है , और इसकी सज़ा भी है, पकडे जाने पर सारी जानकारी अधिकारियों को दी जायेगी....इस लिए सोच समझ कर कदम उठाया जाए..
जहाँ तक हो सके आपसी प्रेम बनाये रखिये, एक दूसरे कि संस्कृतियों को हम और अच्छी तरह समझने की कोशिश करें, एक दूसरे के धर्मों का आदर करें, उनकी अच्छाइयों को अपनाने की कोशिश करें और अपनी बुराइयों को सुधारने की....
विश्वास कीजिये हम एक स्वस्थ समाज की रचना कर सकते हैं....यह बिल्कुल संभव है...बस ज़रुरत है थोड़ी सहन-शक्ति, धैर्य और क्षमा की....
आज और अभी से शुरू कीजिये ...सब ठीक हो जाएगा...
सच में....
बिल्कुल सही, कानूनी कार्यवाही होनी ही चाहिये ऐसे तत्वों के खिलाफ़
ReplyDeleteयह लोग दस फीसद हैं, लेकिन सारा ध्यान इन पर लगाया जा रहा है क्यों? किस लिए? समीर जी ने पिछले दिनों एक शानदार पोस्ट लिखी थी, इस विषय पर। किसी की टिप्पणी से अगर लेखक आहत हो रहा है तो शायद कोई भीतर कमी है, वो परिपक्व नहीं है। किसी भी प्रतिक्रिया को प्रतिक्रिया के रूप में लेना चाहिए, निजी तौर पर नहीं। टेंशन देने की चीज है, लेने की नहीं।
ReplyDeleteआमीन!
ReplyDeleteहैप्पी,
ReplyDeleteयह टेंशन देने लेने की बात नहीं यह...फर्जी ID से कमेन्ट करना कानूनन जुर्म है ..यह साइबर क्राइम है....और क्राइम को बढ़ावा देना या नज़र अंदाज़ करना भी क्राइम है...
अदाजी, आप ने जो भी किया वह सराहनीय है ! बहुत कम लोग हैं जो आप जितने जुझारू, नेकदिल और इंसाफपसंद हैं ! आपकी इस कोशिश के लिए मेरे दिल में आपके लिए इज्ज़त बढ़ गयी है !
ReplyDeleteअदा जी,
ReplyDeleteआप की सभी बातों और बिन्दुओं से सहमत हूँ। हिन्दी ब्लागीरी को सामुहिक रूप से मेरी सेवाओं की आवश्यकता हो तो मैं सहर्ष उपलब्ध हूँ।
दिनेश जी,
ReplyDeleteआप नहीं जानते आपने मुझे कितनी बड़ी मुश्किल से निकाल दिया...मैं कल से आपसे बात करना चाहती थी लेकिन संकोचवश नहीं कर पायी...
अब कोई नहीं रोक सकता हमलोगों को...आप जब साथ हैं तो फिर क्या बात है...
आपका बहुत आभार..
हाँ नहीं तो...!!
सबके हक की रक्षा के लिये उठाये इस कदम की जितनी तारीफ़ की जाये कम है .....
ReplyDeleteआप ने जो किया वह एवम ब्लागवाणी का वादा दौनो ही माईल-स्टोन हैं
दौनो का आभार
सहमत हूँ।
ReplyDeleteअदा बहन
ReplyDeleteबिलकुल सही कहा आपने।
आभार
अदा बहनजी ,
ReplyDeleteबहुते बढ़िया कार्य कर रही हैं आप ...बहुते आभार ...
मगर ..तनी ई हो बता दिया जाए की रऊर शिकयत कहाँ करे के पडी ...एक ठो क्राईम रिपोर्ट लिखवाए के कहाँ जाये के पड़ी...के सुनिहे हमरी ..औरी लोगन की शिकायत ...:):):):)
khulla-khulla likh kar aapne bahut achha aur saarthak kaam kiyaa hai.
ReplyDeleteAPNI MAATI
MANIKNAAMAA
आपने अच्छा किया आपने बातचीत में विमर्श किए गए मुद्दों को सार्वजनिक कर दिया। परसों माननीय मैथिलीजी से मेरी भी इस बाबत चर्चा हुई थी। यह हिन्दी ब्लॉगिंग के स्वस्थ विकास की ओर बढ़ता जोरदार कदम है।
ReplyDeleteकोर्ट कचहरी से बहुत डरता हूँ। टिप्पणी करना बहुत कम करना होगा। क्या पता कौन सी बात किसे बुरी लग जाय !
ReplyDelete:(
जी दी सहमत हूँ ,साथ हूँ .............., आप ही का सिपाही हूँ ................ मुझे आप अपने तरकश में तीर की भांति संभालकर पटक दीजिये फिर जिधर चलाना चाहे चला दीजिये ,,,,,,,,,,.........पर अंततः मैं इन बेवकूफ बदतमीज़ लोगो पर अपेक्षाकृत अधिक समय नष्ट नहीं करने के पक्ष मैं हूँ .............बाकी आप तो बड़ी हैं आदरणीय हैं .........आदेश का पालन होगा ..........आमीन
ReplyDeleteबिल्कुल सही, कानूनी कार्यवाही होनी ही चाहिये |
ReplyDeleteGreat move !
ReplyDeleteCongrats !
Haan nahi toooooo....
Smiles !
This post is the good lesson for pests !
ReplyDeleteबस कुछ लोगों को समझना है इस बात को...सार्थक लिखो ये मज़हब और विवादित लिखने में क्या रखा है...लोग पढ़े तो कुछ मिले ...एक नेक उद्देश्य होना चाहिए ब्लॉगिंग का...अदा जी बहुत सही बात कही आपने आज कल लोग ऐसे लिखने लगे की ब्लॉगवानी पर आने का भी मन नही करता....यह बदलने की ज़रूरत है....अच्छा लिखो और अच्छा पढ़ो...बढ़िया आलेख के लिए धन्यवाद अदा जी
ReplyDeleteहमारी नेता कैसी हों, अदा जी जैसी हों...
ReplyDeleteअदा जी आप संघर्ष करो, हम आप के साथ हैं...
hats off to you !
जय हिंद...
कुछ तो नियंत्रण ज़रूरी है।
ReplyDeleteआपका प्रयास सराहनीय है अदा जी ।
सही है, प्रयास जारी रखें.
ReplyDeleteफर्जी और छदम नामी में अन्तर बना रहे, यह जरुरी है.
bikul sahi .....is trah ki karwhai honi chaiye .....
ReplyDeleteअदा जी,मैं आपसे बिलकुल सहमत हूँ.मेरा मानना है कि दुसरे धर्मों के बारे में कुछ कहे बगैर भी अपने धर्म की बात कही जा सकती है.मेरे इस नए ब्लॉग पर अवश्य पधारें.
ReplyDeletesatya-islam.blogspot.com
इस सराहनीय कार्य के लिये आपको साधुवाद!
ReplyDeleteअदा जी !
ReplyDeleteआपने रचनात्मक कदम उठाया है!
आपकी इस पहल की मैं सराहना करता हूँ!
अदा जी ,
ReplyDeleteसिर्फ़ इतना कहने आया था कि ,
work in porgress
बाकी अभी ज्यादा कहना ठीक नहीं है , शुभकामनाएं ।
work in progress
ReplyDeleteअच्छा है अब सुर्पणखा और मामा मारीच से पीछा छूटेगा.
ReplyDeleteरामराम.
अदा जी, मैं आपके इस कदम से बहुत प्रभावित हूँ. इससे पहले आपने एक और केस में इसी तरह बीचबचाव किया था, नारी मुद्दे पर ही. इस बार भी आपने सबका ध्यान ब्लॉग जगत में मजहब के नाम पर नफ़रत फैलाने वालों और फ़र्ज़ी टिप्पणी करके एक महिला का अपमान करने वालों की ओर आकृष्ट किया है. मैं भी आपको खुशदीप भाई का समर्थन करते हुये "लीडर ऑफ़ हिन्दी ब्लॉगिंग" मानती हूँ.
ReplyDeleteसादर नमस्कार!
ReplyDeleteहम आपके इस प्रयास की सराहना करते है |
रत्नेश त्रिपाठी
अदा जी जब आप लिखती है आपमे पढ़ने की भी हिम्मत होनी चाहिए आपको लिखते-2 कितने दिन हो गये लेकिन आप मे सुनने की ताक़त नही आई किसी को बुरा कहने के हम भी विरोधी है लेकिन ये सब क्यो हो रहा है आपने सोचा?
ReplyDeleteसाइबर क्राइम के उन नियमों थोडा सा जिक्र हो जाता तो बहुत अच्छा होता...
ReplyDelete;)
ReplyDeleteaDaDi,
बूझो तो मैं कौन? (No marks for guessing)
ब्लॉग्गिंग- साइबर क्राइम का पहला अपराधी....
hum bhi aapke is pryas se prabhavit hue
ReplyDeleteaapka ye pryas sarahniy hai
सराहनीय प्रयास
ReplyDeleteआपसे सहमत
ReplyDeleteराष्ट्रवाद की नायिका फ़िरदौस ख़ान की बदौलत आज बहुत से 'लोग' सही मार्ग पार आ गए हैं.
सबसे पहले अपनी बहन (फ़िरदौस ख़ान) के ख़िलाफ़ नीचता की हद तक गिरने वाले सलीम खान ने अपना मार्ग बदलते हुए सुधरने की कसम खा ली और लगे हाथ ब्लॉग पर एक लेख- 'स्वच्छ संदेश' अब भारतीय मुस्लिम समाज की आवाज़ भी बनेगा लिखकर इसकी घोषणा भी कर डाली.
अब एजाज़ अहमद इदरीसी भी सुधरने की बात कर रहे हैं.
उन्होंने भी पोस्ट लिखकर सुधरने का दावा किया है.
उनका कहना है-
मुझे किसी ब्लॉगर ने बहकाया था; ब्लोगिंग की अहमियत मैंने अब पहचानी है; मैं अब स्वस्थ ब्लोगिंग ही करूँगा: EJAZ AHMAD
इस लेख से साफ़ पता चलता है कि फ़िरदौस जी की राष्ट्रवादिता की आवाज़ को दबाने के लिए यह घृणित षड्यंत्र रचा गया था. क्या ये सब सुधर गए हैं? अगर सुधर गए हैं तो क्या इन्होंने अपनी बहन फ़िरदौस से माफ़ी मांगी है?
इसके पीछे कौन है? सभी जानते हैं.
ऐसा तो केवल तिलाबानी मानसिकता के लोग ही कर सकते हैं, कोई भारतीय नहीं.
कहीं ऐसा तो नहीं- नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली.
आश्चर्य की बात है कि अपनी बेशर्मी के लिए सलीम भाई और उनकी चंडाल चौकड़ी ने अपनी बहन से क्षमा तक नहीं मांगी.
इसी चंडाल चौकड़ी के Dr. Ayaz ahmad , EJAZ AHMAD IDREESI, zeashan zaidi, Aslam Qasmi ने जगह-जगह जाकर घृणित कमेन्ट किए, जो इनके ब्लोगों पर देखे जा सकते हैं.
जिसे बहन कहते हैं, उसी के विरुद्ध घृणित कमेन्ट करते हैं. जिसके ऐसे भाई हों उसे दुश्मनों की क्या ज़रूरत है?
इन लोगों ने अपनी बहन के ख़िलाफ़ जो शर्मनाक कमेन्ट लिखे हैं, क्या ये उसे डिलीट करेंगे?
बिल्कुल सही, बहुत बहुत शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteक्या पता है कब किसी को क्या बुरा लग जाय क्यों
ReplyDeleteकौन कब पूछे दुनाली तानकर - अच्छा लगा?
@गिरिजेश राव
अब ब्लॉग जगत का वाकई भला होगा लगता है, डण्डे के ज़ोर पर ही सही। लोग टिप्पणी की जगह ब्लॉग पर लिखेंगे।
और चिढ़ाने वाली टिप्पणी के लिए कोई कानून है या नहीं?
ReplyDeleteया चिढ़ भी व्यक्तिगत कमज़ोरी ही मान ली जाए!
@कहत कबीरा ----
ReplyDeleteमैंने कोई घृणित टिपण्णी कहाँ की है, क्या आप बताने का कष्ट करेंगे/करेंगी ?
बड़ी फुर्ती दिखाई आपने! :-)
ReplyDeleteबहरहाल, हम साथ साथ हैं
किसी ने भी फर्जी ID का प्रयोग कर के किसी की भी भावनाओं से खिलवाड़ करने की कोशिश की तो, ब्लॉग वाणी ने मुझसे वादा किया है कि वो उस नाम का पर्दा-फाश करेंगे.
ReplyDeleteयह हुयी ना बात, यह सही है. धन्यवाद
aadrniy blogvaani ki grimaa ke liyen chintaa chod den bs ab qaanoon ki baat kren kendr or raajy srkaaron pr apnaa shiknjaa ksen ke voh pulis kaa ek alg vibhaag is smbndh men bnaaye or khud dhund kr yaa shikaayt milne pr ese logon ko nyaayaalyon men chaalaan pesh kr dndit krvaae. akhtar khan akela kota rajasthan
ReplyDeleteऎसा कदम उठाया जाना निहायत ही जरूरी था.....सहमत!
ReplyDeleteअदा जी ये आपका एक बहुत सराहनीय प्रयास है. आशा है अब कुछ सफाई होगी और कचरा (या कचरे सामान सोच वाले लोग) हतोसाहित होंगे. आभार..
ReplyDeleteसराहनीय प्रयास
ReplyDeleteसही प्रेरणा।आभार!
ReplyDelete
ReplyDeleteहमलोगों का अपना एक झँडा बैनर इत्यादि तो होना ही चाहिये,
आप जुगाड़ लगायें, बकिया डँडा की जिम्मेवारी हमारी रहेगी ।
सही कदम पर क्या सिर्फ ब्लॉगवाणी तक सीमित है या दूसरे एग्रीगेटर भी लागू करेंगे ।
ReplyDeleteआपकी पहल रंग लाए, ऐसी आशा है।
ReplyDelete@अख्तर साहब, आप भी वकील हैं और आपने सहायता का हाथ बढ़ाया है...बहुत ख़ुशी हुई है...आपलोगों का साथ रहा तो सब कुछ ठीक हो जाएगा ...आपको देख कर विशेष रूप से हौसला बढ़ा है...आपका आभार..
ReplyDelete"नारद" के समय महसूस किया गया था कि प्रतिबन्ध से यह सब नहीं रुकेगा, सिर्फ सामाजिक बहिष्कार ही ऐसे लोगों को हतोत्साहित कर सकता है।
ReplyDeleteएक समय जहाँ "नारद" था आज वहाँ "ब्लॉगवाणी" है। उस समय जो लोग नारद की आलोचना में लगे थे और ब्लॉगवाणी को नये मसीहा के रुप में पेश कर रहे थे, उम्मीद है वे आज नारद का दर्द समझ रहे होंगे।