Wednesday, October 28, 2009
चूल्हा पर हम तो फ़िदा .....
आरम्भ
आज एगो फोटू देखे .....और हम तो फलाट हो गए वोंही पर धम से.....का कहें ऐसन हैण्डसम चूल्हा देखे तो रहा नहीं गया .....चूल्हे पर हम तो फ़िदा हो गए ..........सोचे कि आप सब भी मिलिए लीजिये.......मन बहुते खुस हो गया.....चूल्हा से मिल के....(कोई किसिम का कोई कन्फ़ुसियन न होवे कि हम चूल्हा का मालिक का बात कर रहे हैं .....काहे कि आज कल हमरी बात को दोसरा टर्न दे देते हैं लोग भाई, हम कहते हैं आन तो लोग-बाग़ कान समझते हैं .....हाँ नई तो... )
अरे इ फोटो नहीं है.....कविता है......हम झूठ नहीं कह रहे हैं.......आप देखिये ना !!!
आज ठण्ड पर कोई जोर चलता नहीं
चूल्हा जलाने लगे फिर ब्लोगियाने लगे
चूल्हा लकडी का है, कोयले का नहीं
यही बताने लगे फिर ब्लोगियाने लगे
पानी डबकाने की जब भी ज़रुरत हुई
डेकची चढ़ाने लगे फिर ब्लोगियाने लगे
चूल्हा का मालिक को आप सब जानते होंगे सायिद .....हम ही नए हैं इस दुनिया में ........माने कि ब्लॉग का दुनिया में ....और अभी तक बहुतों से हम परिचित भी नहीं हैं....हम ही नहीं जानते हैं इनको ......खाली पढ़े कि चूल्हा पर पानी गरम कर रहे हैं ......
बस हमको इ फोटू बहुते सुथर लगी सोचा ...आज के हिंदी ब्लॉगर से आपहूँ लोग मिल लीजिये ....हम तो इ छवि देख के हैरान हो गए हैं भाई....
अरे ऐसन बिलोग्गर रोज रोज नहीं न मिलेंगे....झूठ बोले का ...कहिये तो !!!!
आदरणीय संजीव तिवारी जी आशा है आप बुरा नहीं मानेंगे......आपसे आज्ञा लेने का कौनो जोगाड़ भी नहीं था ..अब का करते ......और थोडा बहुत चोरी-चकारी का लत भी है हमको भाई..... माफ़ कर दीजियेगा....अब ऐसन गड़बड़ावल आदत है कि अब कब तो सुधरेंगे....का पता ...
हाँ.....तो सुधि पाठकजन इ फोटू आपको कैसन लगा .....तनी कह दीजिये तो......कह दीजिये न !!!
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wah! yeh to maza aa gaya dekh ke..... fotauwa kahan se jhatkin hain aap?
ReplyDeleteहा हा हाहा हा ...किया फोतोवा छापे हो जी मजा ही आ गवा ....हमरे घर मा भी कुछ ऐसा ही सीन होवे रही...ही ही ही ...
ReplyDeleteअरे ई छत्तीस गढिये सब अईसने बिलागिंग करते हैं..तभिये तो हम कहें कि चिट्ठा सब पका पका सा काहे लगता है..देखिये तो कतना आंच दे दे के पोस्ट ठेल रहे हैं संजीव भाई...मुदा ई पका का रहे हैं भाई...भौजी सजा दी होंगी कि एतना देर तो बिलागिंग छोड देंगे..मुदा तिवारी बाबू माने नहीं ..बिलागजगत का एक ठो दुर्लभ फ़ोटु माना जाए इसे जी..
ReplyDeleteई अदा भी जुलम रहा अदा जी
बहुत जोरदार फोटो .संजीव जी अति व्यस्त है ....हाहा हा
ReplyDeleteवाह ...हाँ जी इस फोटो पर तो कौन फ़िदा नहीं होगा ...
ReplyDeleteई फोटू तो बहुते जबर्दस्त है दीदी, का करियेगा माडर्न जमाना आ गया है । फोटू देखकर पहले लगा की बेचारा कितनी गरीबी में है, पर जब लैपटापवा पर नजर पड़ी तो दिमगवे घूम गया ।
ReplyDeleteहमको तो लग रहा है कि लैपटाप पर संजीव जी आज पकाने को कुछ रेसिपी ढूढ रहे है.
ReplyDeleteई धांसु ब्लागर का असली पोज है,
ReplyDeleteभौजी ने घर से निकाल दिया, फ़िर भी देखिये कितना लगन से काम कर रहे हैं, ई लैपटाप तो सौउत हो गया है,भौजी का खिट-खिट औउर लैपट्पवा का टिप-टिप दुनो साथे चल रहा है, एक ब्लागर का सक्सेस होने के लिए ईहे जज्बा चाही,
जय हो्य सजीव तिवारी तोर
बासी खा तै रोज बिहनिया बोर
चारों मुड़ा होवे छत्तिसगढी के सोर
जय होय उकील साहेब तोर
अरे हमको ई पोस्ट और आप लोगन के टिप्पणी पढ के मजा आ गया. आज बिहिनिया जब हमरे मेहरारू नें ई फोटू खींची तब हमें नहीं लगा था कि इसमें कउनो अट्रेक्सनवा है फेर भी पोस्ट में ठेल दिया था.
ReplyDeleteआप सभी के स्नेह बरसाते टिप्पणियों के लिए आभार.
हा...हा...हा...
ReplyDeleteमज़ेदार....
ब्लॉगर सब कुछ भूल सकता है लेकिन ब्लॉगिंग नहीं
काव्य-टिप्पणी कर रहा हूं____
ReplyDeleteबड़ी उत्तम कलाकारी ,
हुवत है ब्लॉग-किलकारी !
चूल्हा सामने प्रस्तुत ,
लपटाप हाँथ माँ भरी ||
लिखावट की है बलिहारी
बधाई दे रहा सारी ...
वाह अदाजी
ReplyDeleteहमने आपको गीत गुनगु नाने को कहा था आपने तो उसकी पैरोडी बना डाली |ये भी खूब रही |इसमें भी जान डाल दी \
फोटो भी बहुत मजेदार है |बिलकुल नेचरल |
संजीव भाई तो छा गए!!
ReplyDeleteकल ही धावा बोलता हूँ, खिचड़ी पार्टी के लिए :-)
बी एस पाबला
इस चूल्हे के धुएं से सांस मेरी घुट गयी,
ReplyDeleteसोचता हूं इस जहां में काश! मैं आता नहीं।
शोभना जी,
ReplyDeleteप्रणाम,
आपकी बात बिलकुल सही है..जब से आपने इस गीत की बात कही है....में इसी फिराक में हूँ के कब गाऊं..म्यूजिक अभी तक मिला नहीं इस लिए नहीं गा पायी हूँ....और यह गीत इस कदर सर चढ़ कर बोल रहा है कि और कुछ सूझा ही नहीं तो .....इसी पर पैरोडी बना दी... आपको किसी भी तरह ये गीत सुनाना है मुझे...थोडा सा समय दीजिये बस....
चूल्हा और मालिक दोनो ही व्यस्त हैं । और आप फुरसत में, पर मजा आया पढ कर ।
ReplyDeleteada ji subha ki thandi aur ye garam chula,do cup chai pi gaye hum dekhte hi;),mazedar
ReplyDeleteये ब्लोगिंग की लत जो न करवाए ...हाहाहा....कहाँ से कबाडी ये फोटो ...
ReplyDeleteमेरे पास भी एक चूल्हा ..सर्दियों में बहुत काम आता है ...चूल्हे के इर्द गिर्द बैठ कर बहुत कुछ याद आता रहता है ..नानी और माँ के बनाये खाने और नसीहतों का स्वाद साथ घुलता जाता है ...!!
ये तो चूल्हा है ऐसा निराला
ReplyDeleteके अदा जी भी उस पे फिदा हों
खाले खिचड़ी जो इसी चूल्हे की
स्वाद बिल्कुल ही जिसकी जुदा हो
देखे ना! अइसनेच होथे छत्तिसगढ़िया मन हर, गैस चूल्हा तो बिसा नइ सकयँ फेर बलोगिंग के अतेक सउख के लेपटाप ले आथयँ!
संजीव जी को बधाई!!!
बहन जी , आपकी तारीफ़ करनी होगी, मान गए गुरु, कनाडा में बैठे-बैठे कहाँ - कहा से खोद लाती हो ? हा-हा-हा-हा... बहुत मजेदार !
ReplyDeleteअदा जी,
ReplyDeleteपहले तो माफी, पिछली एक-दो पोस्ट पर हाजरी नहीं लगा सका...कुछ व्यस्तता थी और कुछ महावीर और जानकी ने ज़्यादा ही उलझा दिया...ठीक वैसे ही जैसे आपको भी कुछ देर के लिए...वाणी जी के लिए भी मैंने यही लिखा है कि किसी मुद्दे पर राय अलग हो सकती है...लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि व्यक्तिगत तौर पर आपके लिए मेरे सम्मान में कोई कमी आएगी...
रही बात चूल्हे की तो ये महाशय लैपटॉप पर देख रहे हैं कि देश के धनकुबेरों की मेरे चूल्हे की लकड़ियों पर भी नजर तो नहीं है...
वैसे मैंने चूल्हे पर एक पोस्ट लिखी थी सपनों की रोटी...पिछले एक दो महीने की मेरी पोस्ट में कहीं मिल जाएगी...उसमें मन्ना डे के एक गीत का मैंने हवाला दिया था....
चूल्हा है ठंडा पड़ा,
मगर पेट में आग है...
गरमागरम रोटियां,
कितना हसीं ख्वाब है...
सूरज ज़रा, आ पास आ,
आज सपनों की रोटी बनाएंगे हम..
आसमां तू मेहरबां है बड़ा,
आज तुझको भी दावत खिलाएंगे हम...
(एक बात और आपने...मैं कौन सा गीत सुनाऊं...वाली फरमाइश अभी तक पूरी नहीं की है)
जय हिंद
हमका त लैपटॉप लिए एक मनई दिख रहा है -और कुछौ नाहीं .अब समझा काहें अर्जुन क केवल चिडिया क आंखे दिखात रहत !
ReplyDeleteमुस्कुराने लगे थे मगर रो पड़े...
ReplyDeletebadhiya hai di...
ReplyDeleteab photo ki kavita e to aap sochte rahiye!!!!
बहुत जोरदार फोटो .भौजी ने घर से निकाल दिया, फ़िर भी देखिये कितना लगन से काम कर रहे हैं.
ReplyDeleteशान्दार.
wo gaana yaad aa gaya ek superhit film Jewel Thief ke super flop sequal Return of Jewel Thief ka....
ReplyDeleteSehar main shor hai...
Kaun ye chor hai?
Wapis yaha fir aagaya lo choron ka Chief...
Return Of Jewel Thief