सुना है शाहरुख़ खान को फिर अमेरिका के एयर पोर्ट में कुछ देर के लिए रोका गया था...जिससे उन्हें बहुत गुस्सा आया, क्योंकि वो भारत के 'बहुत ख़ास' व्यक्ति हैं...वो भारत के' ख़ास व्यक्ति' हो सकते हैं लेकिन अमेरिका के लिए वो सिर्फ एक व्यक्ति है, इन देशों में कानून सबके लिए बराबर होता है...अमेरिका को पूरा हक है, अच्छी तरह छान-बीन करने का फिर चाहे वो कोई भी हो...अमेरिका ने ९११ के बाद एक भी हमला होने नहीं दिया है...कारण साफ़ है वो अपना काम बहुत अच्छी तरह जानते हैं और ईमानदारी से अपना काम करते हैं...जबकि भारत में आतंकवादी हमले इतनी सेक्युरिटी का नाटक करने के बाद भी होते रहे हैं...ज़ाहिर सी बात है, उनका दोहरा सलूक रहता ही है, विशिष्ट और अतिविशिष्ट लोगों के प्रति....तभी तो ये हाल है..आये दिन कभी, मुम्बई, कभी जयपुर, कभी दिल्ली में होते हमलों के बारे में, क्या जवाब है इन महान सेक्युरिटी स्पेसिलिस्टस का..??
भारत को भी शाहरुख़ के इस तरह एयर पोर्ट पर रोके जाने से तकलीफ हुई है...कहा गया है कि, इतने 'विशिष्ट व्यक्ति' को इतने समय तक बिठा कर रखना गलत था... लेकिन हिन्दुस्तानी ऑथोरिटी भूल जाते हैं, कि भारत में पहुँचने वाले लोगों को सेक्युरिटी क्लियरेंस के लिए कितना वक्त लगाना पड़ता है...जिसमें ज्यादातर वक्त सिर्फ अपनी धौंस जमाने में ऑथोरिटी वाले लगाते हैं...सुरक्षा कर्मचारी, सुरक्षा की जांच कम, अपने पावर की नुमाइश ज्यादा करते हैं...तभी तो आतंकवादी उनकी नाक के नीचे से निकल जाते हैं और उनको पता तक नहीं चलता है...
हर देश की अपनी अस्मिता होती है और उसे बचाने का हक हर देश को है...इसमें किसी को कुछ भी बोलने का कोई इख्तियार नहीं है...शाहरुख़ से ज्यादा इम्पोर्टेंट लोग हैं दुनिया में...वो सिर्फ एक कलाकार है जो दूसरे के लिखे हुए डाय्लोग्स बोलता है और दूसरे के लिखे हुए गीत गाता है...जब कि कितने इंजिनियरस, डॉक्टर्स, वैज्ञानिक हैं दुनिया में जो उससे से बेहतर और बड़ा काम कर रहे हैं...और इस तरह की बातों में अपना पूरा सहयोग दे रहे हैं...
भारत पहले अपना घर ठीक करे फिर दूसरों को सीख दे...पहले वो अमेरिका की तरह अपने देश की अस्मिता पर नज़र रखे, उसे बचाए...अपना पार्लियामेंट तो बचा नहीं सका भारत, आज तक अपने लोगों को सही सुरक्षा दे नहीं सका भारत, क्योंकि वो ज्यादा व्यस्त है, ऐसे ही नाचने-गाने वालों की सुरक्षा में....
बात करते हैं..!!
हाँ नहीं तो..!!