Friday, April 27, 2012

फ्लर्टियालोजी.... हाँ....नहीं.......तो !!

अगर ऑफिस में कोई पुरुष, आपसे फ्लर्ट कर रहा है, तो इस बात की पक्की गारंटी है कि, वो महाशय या तो अपना काम ही नहीं जानते, या वो अपने काम से संतुष्ट नहीं हैं, या फिर वो अपने काम से बहुत बोर हो चुके हैं....जिनको अपना काम ही नहीं आता, फ्लर्ट करना ऐसे लोगों की चाल होती है, जिससे सहकर्मियों का ध्यान कहीं और ही लगा रहे,  उनके परफोर्मेंस पर न जाए...जो अपने काम से असंतुष्ट या बोर हो चुके होते हैं, वो अपनी बोरियत दूर करने के लिए, फ्लर्ट करते हैं...
ब्रिटेन के सर्रे विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञानिकों की एक टीम ने करीब 200 लोगों का सर्वेक्षण करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है...
फॉलोअप शोध से यह भी पता चला है कि, ऑफिस में फ्लर्ट करने वाले पुरुषों में ‘इमोशनल इंटेलिजेंस’ की बहुत कमी होती है और वे दूसरों की भावनाओं को भी बहुत कम समझते हैं.

उसी शोध के मुताबिक़, जो महिलाएं ऑफिस में काम के वक्त फ्लर्ट करती हैं,  वो अपने काम से बहुत खुश होती हैं...
तो लगे हाथों खुद पर या अपने आस-पास एक नज़र डाल ही लीजिये...
कौन सी कटेगोरी नज़र आई आपको...???? :):)
हाँ....नहीं.......तो !!



इत्थे 'अदा' दी आवाज़ है जी...:)