Friday, April 6, 2012

किसी की जान जाती है, किसी को शर्म तक 'नहीं' आती है....

मिस तानिया हेड और न्यू यार्क महापौर रूडी जुलियानी


कहते हैं, युद्ध पैसा बनाने का एक 'सुअवसर' होता है...इस दुनिया में बड़े-बड़े राष्ट्र, ऐसे मौकों की तलाश में रहते हैं, वो अपने असलहों के ज़खीरे, इसी वक्त के लिए सम्हाल कर रखते हैं, ताकि इंसानियत मिटे और इनकी संदूकें भरें...

ऐसा ही कुछ किया ३५ वर्षीय 'तानिया हेड' ने, फर्क सिर्फ इतना है कि, इसमें किसी की जान नहीं गयी है, लेकिन बहुतों के विश्वास, यक़ीन, जो भी आप कह लें, उसका खून हो गया,

पिछले ६ सालों से सुश्री तानिया हेड, ९११ जैसे भीषण हादसे की उत्तरजीवी मानी जातीं रहीं, इतना ही नहीं उन्हें, दृढसंकल्प और साहस का प्रतीक भी माना जाता रहा, इस दुखद घटना, और अपनी, आपबीती का ज़िक्र, उन्होंने हमेशा अश्रुपूरित आँखों से, विश्वसनीयता पूर्ण तरीके से, कई बार और कई जगहों पर किया, और हर बार इस हादसे का, उन्होंने ऐसा मार्मिक और हृदय स्पर्शी विवरण किया, कि किसी को, एक पल के लिए भी उनपर, कभी, कोई शक नहीं हुआ...उन्होंने जनसमूह को बताया कि, कैसे जलते हुए वर्ल्ड ट्रेड सेण्टर, के अंदर से आ रही थी, मार्मिक पुकार, लोग लगा रहे थे, उनकी जिंदगी बचाने की गुहार, और किस तरह वो, अनगिनत मौतों को मात देतीं हुईं, उन मिटती हुई जिंदगियों के बीच से, जीवित, विजयी होकर निकल आयीं थीं...

सबसे बड़ी त्रासदी यह है कि, सबने उनकी बातों को अक्षरशः सत्य मानते हुए, आँख बंद करके उनके शब्द-शब्द पर विश्वास कर लिया, और उनके नकली धैर्य और साहस को, सिर झुका कर नमन भी किया, परन्तु आज पता चला कि, वो सब झूठ था, सबकुछ नाटक था...


सुश्री हेड की बातों में इतना दम था कि उन्हें, उन्हें इस घटना में बचे हुए, १९ लोगों में से, सबसे ज्यादा साहसी मान कर World Trade Centre Survivors' नेटवर्क  का प्रेसिडेंट बना दिया गया...इस चैरिटी की स्थापना, ९११ के हमले में पीड़ित, परिवारों और दोस्तों की मदद के लिए किया गया है...

मिस हेड ग्राउंड जीरो का, निर्देशित पर्यटन भी दिया करतीं थीं, मिस हेड, के तथाकथित मर्मभेदी, विस्तृत वर्णनों और अनुभवों को देखते हुए ही, उन्हें यह काम सौंपा गया था...

वैसे तो उनकी झूठी और नाटकीय कहानी ने, हज़ारों लोगों के आंसू सुखा दिए और बहुतों को उनके अद्भुत किन्तु नकली साहस ने प्रेरित भी किया है...उनको इस तरह अडिग खड़े देख कर बहुतों ने, अपना जीवन समेट लिया, जिसके लिए आप उनकी तारीफ भी कर सकते हैं... एक Memorial Service में मिस हेड ने कहा था "मैंने वहाँ जो देखा, मैं कभी भूल नहीं सकती, वहाँ मौत और विनाश का तांडव था, लेकिन मैंने उस विनाश में भी आशा की किरण देखी थी "...

परन्तु कल, मिस हेड का यह, नकली रूप उजागर हो गया है..कल सबको पता चल गया कि 'मिस हेड' एक मक्कार का नाम है...

हुआ यूँ कि, मिस हेड, तीन साक्षात्कारों के लिए अपनी सहमती देने के, बावजूद उपस्थित नहीं हुईं...वो उन साक्षात्कार कर्ताओं से खुद को बचाती रहीं और छुपतीं रहीं....वो ऐसा क्यूँ कर रहीं हैं, ये बात, लोगों के पल्ले नहीं पड़ रही थी,..हार कर उनकी तलाश शुरू हुई, मिस हेड द्वारा बताये गए, कुछ नामों से, मिस हेड के बारे में पूछ-ताछ की गयी...जिन लोगों के नाम मिस हेड ने, बड़े धडल्ले से लिया था कि, वो लोग उनके अपने लोग हैं,  जब उनसे पूछा गया तो, उन व्यक्तियों ने मिस हेड से अपना, किसी भी तरह के सम्बन्ध के बारे में अनभिज्ञता जता दी... यहाँ तक कि, जिस कंपनी में उन्होंने अपनी नौकरी होने की, बात कही थी, और जिस, तथाकथित मीटिंग के लिए वो ९११ हादसे के दिन, ट्विन टावर गयीं थी...उस कंपनी ने भी साफ़-साफ़ मना कर दिया कि, मिस तानिया हेड नाम की, न कोई उनकी एम्प्लोई थीं, न ही वर्तमान में कोई हैं, और न ही हादसे के दिन, ऐसी कोई मीटिंग 'मिस हेड' नामक किसी महिला के साथ थी....कुल मिला कर बात ये हुई कि 'मिस तानिया हेड' उस दिन ट्विन टावर में मौज़ूद ही नहीं थीं...

बात सिर्फ इतनी ही नहीं है, मिस हेड ने खुद को, इंगेज्ड भी बताया था..और उनका कहना था कि, मौत के मुँह से वो, अपने प्रेमी के प्रेम के कारण निकल आयीं थी...उस कठिन घडी में, उन्हें अपनी शादी का वो जोड़ा याद आ रहा था, जिसे पहन कर, वो अपने प्रेमी की जीवन संगिनी बनने की कसम उठा चुकीं थीं...उन्होंने ये भी कहा कि वो और उनके प्रेमी, इस हादसे से कुछ ही दिन पहले, हवाई द्वीप से लौटे थे, जहाँ उनके प्रेमी ने उनको प्रोपोज भी किया था...और ये युगल जोड़ी, तथाकथित शादी के बंधन में जल्द ही बंधने वाले थे, हाँ ये अलग बात है कि, मिस हेड के अनुसार,  उनका प्रेमी डेविड, इस हादसे का शिकार हो गया...जो उनपर और भी भारी पड़ा...

हैरान करने वाली बात यह भी है, कि जिस व्यक्ति को वो अपना प्रेमी बता रहीं हैं...उस व्यक्ति, डेविड की माता का कहना है कि...उनका बेटा, कभी न तो इंगेज्ड हुआ था, ना ही वो हवाई गया था...

तो ये सब कुछ 'मिस हेड' का हवा-हवाई ही था...
पकड़ी जाने के बाद भी, मिस हेड का यही कहना है..उन्होंने कोई ग़ैरक़ानूनी काम नहीं किया है...हालाँकि इस चक्कर में उन्होंने, न सिर्फ अपना बैंक बैलेंस बना लिया, उन्होंने उन लोगों के भी, गुड बुक्स में अपना नाम दर्ज करवा लिया था..जिनके दर्शन तक करना, सिर्फ मुश्किल ही नहीं, असंभव है...जैसे न्यू यार्क के महापौर Rudy Giuliani, वर्तमान महापौर Michael Bloomberg, और राज्य के पूर्व राज्यपाल George Pataki. अब ये लोग अपनी बेवकूफी को, क्या नाम देंगे, ये तो समय बतायेगा...लेकिन किसी हादसे का इतनी बेरहमी से कैसे फायदा उठाया जा सकता है, इस बारे में, जब कभी भी ये बात उठेगी, मिस तानिया हेड का नाम अग्रणी माना जाएगा....सोचने वाली बात ये भी है, कि क्या उनका नाम सचमुच असली है '' तानिया हेड'' ????

हाँ नहीं तो..!!