Friday, April 20, 2012

वो हिन्दू कितने बदकिस्मत होंगे, जिनका घर पाकिस्तान में है...

विश्व का सबसे बड़ा प्रजातंत्र भारत...
हम भारत के लोग, भारत को, एक सम्पूर्ण, प्रभुत्व संपन्न, गणराज्य बनाने के लिए, तथा इसके समस्त नागरिकों, को सामाजिक आर्थिक राजनैतिक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देने के लिए कटिबद्ध हैं, और यह स्वतंत्रता सभी नागरिकों को प्राप्त भी है...बेशक उस स्वतंत्रता का अनुचित उपयोग करने से लोग बाज़ नहीं आते, लेकिन क्या लोग सोचते हैं कि दुनिया में ऐसे भी देश हैं, जहाँ कुछ समुदाय के लोगों के लिए, किसी भी तरह की स्वतंत्रता नाम की कोई चीज़ मौजूद ही नहीं है...दूर क्यों जाना हमारे पड़ोस में नज़र डालिए..पाकिस्तान...!! जो देश के नाम पर ही कलंक है...जिसका इतिहास शुरू से लेकर आज तक खून से ही सना हुआ है..जहाँ हर शासक, अपने पहले वाले शासक को मार कर ही गद्दी पर बैठा है...जब वहाँ वो अपनों को ज़िबह करने से नहीं क़तराते, फिर वहां बसने वाले निरीह हिन्दुओं की क्या बिसात भला ?? इस्लामिक राष्ट्र में ये कल्पनातीत ही हो जाता है, कैसे हमारे हिन्दू भाई-बहन वहाँ जीते होंगे भला ?  कितना मुश्किल होता होगा तथाकथित काफिरों का साँस लेना,  जिंदा रहना...जहाँ कोई भी उनका गला दबाने को किसी भी पल आ सकता है...जहाँ का शरिया कानून ही कहता है, काफिरों को मारो और ज़न्नत पाओ...और वहां तो हर किसी को जन्नत ही चाहिए....कितना कठिन होगा हिन्दुओं का जीवन, बिलकुल ऐसे   जैसे भेड़ियों के बीच मेमना.....

वो हिन्दू कितने बदकिस्मत होंगे, जिनका घर पाकिस्तान में है...और वो मुसलमान कितने खुशकिस्मत जो भारत में रहते हैं और अपनी मनमानी करते हैं...जिन्हें रोकने वाला तो कोई नहीं ही है,  लेकिन बढ़ावा देने वाली कांग्रेसी सरकार है और उनके पिठ्लग्गु...फिर भी इनकी माँग पूरी नहीं होती...और इनका पेट नहीं भरता...

क्या पकिस्तान भी ऐसे हिन्दू धर्मावलम्बियों के प्रणेता होंगे जैसे यहाँ इमाम बुखारी हैं? क्या वहां भी गली-गली में मंदिर होंगे, क्या वहाँ भी हिन्दू धूम-धाम से तीज-त्यौहार मनाते होंगे...? क्या वहाँ भी, पाकिस्तान की हार और भारत की क्रिकेट में जीत पर  हिन्दू भाई-बहन अपने मोहल्लो में पटाखे चलाते होंगे ??  क्या वहाँ की पार्लियामेंट में हिन्दुओं के प्रतिनिधि होंगे ?  क्या वहाँ के हिन्दुओं को नौकरी में रिजर्वेशन मिलता होगा ???  क्या वहाँ के हिन्दुओं को तीर्थ यात्रा के लिए एड मिलता होगा ??? क्या पाकिस्तानी अल्संख्यक हिन्दुओं के लिए भी पर्सनल ला होंगे ? क्या पकिस्तान के हिन्दू, पाकिस्तान के सही मायने में नागरिक है ???? हज़ारों सवाल हैं मेरे ज़हन में...लेकिन कोई सिर्फ एक सवाल का ही जवाब दे दे.....क्या वहाँ के हिन्दू, एक रात भी चैन की नींद सोते होंगे ????

भारत चाहे जैसा भी देश है, कट्टर देश नहीं है...हिन्दू अहमक हो सकते हैं, अलसी हो सकते हैं लेकिन कट्टर नहीं हैं...भारत के मुसलमान भारत के नागरिक हैं, और इसके लिए उन्हें उनके अधिकार से कहीं भी वंचित नहीं रखा जाता है...हालाँकि उनकी शिकायत कभी ख़त्म नहीं होती कि, उनके साथ दोहरा व्यवहार होता है...लेकिन वो अपने ही दिल से कभी पूछ लें, क्या पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ वही बर्ताव होता होगा जो उनके साथ यहाँ होता है...? क्या पाकिस्तान से ये उम्मीद की जा सकती है कि वो अपने ही देश के हिन्दू नागरिकों को वो दर्ज़ा दे पाता है जो यहाँके मुसलमान पाते हैं...

पाकिस्तान में बस रहे हिन्दुओं पर IBN khabar की रिपोर्ट:

पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दू समुदाय के लोग बेहद नाराज हैं और खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। एक प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ता और हिन्दू नेता का कहना है कि हिन्दुओं को उनकी लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्मातरण जैसी घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग की अध्यक्ष जोहरा यूसुफ ने इस्लामाबाद से टेलीफोन पर बताया, "हिन्दू समुदाय डरा हुआ नहीं हैं...बल्कि नाराज है और असहाय महसूस कर रहा है।"
उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान और सिंध प्रांतों में हिन्दू लकड़ियों का जबरन धर्मातरण और फिरौती के लिए अपहरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हाल ही में जबरन धर्म परिवर्तन का एक मामला उच्चतम अदालत में आया, जिसमें एक युवा महिला ने कहा कि वह अपने परिवार के पास वापस लौटना चाहती हैं।
मानवाधिकार कार्यकर्ता ने कहा कि हिन्दू समुदाय के लोग जबरन धर्म परिवर्तन को खत्म करने के लिए एक कानून की मांग कर रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार पाकिस्तान की कुल 17 करोड़ की आबादी में 5.5 प्रतिशत हिन्दू लोग हैं। इनमें 90 प्रतिशत सिंध में रहते हैं, जबकि शेष पंजाब और बलूचिस्तान प्रांत में बसे हुए हैं।
पाकिस्तान में कुछ राजनीतिक पार्टियां और हिन्दू संगठन सिंध प्रांत में हिन्दु समुदाय की लड़कियों के अपहरण और उनके जबरन धर्मातरण से खासे दुखी हैं। वह इसके विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन भी कर रहे हैं। मानवाधिकार क्लब, युवा हिन्दू फोरम, पाकिस्तान अल्पसंख्यक आयोग, आवामी जमहूरी पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ और पाकिस्तान हिन्दू परिषद ने रविवार को इन घटनाओं के विरोध में कराची प्रेस क्लब के सामने प्रदर्शन भी किया था।
इन सभी ने आरोप लगाया है कि मीरपुर मठेलो शहर में एक हिन्दू लड़की रिंकल कुमारी का अपहरण कर उसका जबरन धर्म पर्वितन (हिन्दू से इस्लाम) कर दिया गया। एक अन्य लड़की आशा कुमारी को भी महीने भर पहले जेकोबाबाद से अगवा कर लिया गया था।
पाकिस्तान हिन्दू परिषद के संरक्षक रमेश कुमार वंकवानी ने कराची से टेलीफोन पर बताया कि देश में हिन्दुओं के लिए वातावरण सुरक्षित नही है। उन्होंने कहा, "हिन्दुओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि हुई है।"
वंकवानी ने यह भी बताया कि हिंगलाज श्वेता मंडी के अध्यक्ष गंगाराम मोटीआनी का गत छह अप्रैल को बलूचिस्तान के बेला क्षेत्र से अपहरण कर लिया गया। यह घटना हिंगलाज माता मंदिर में होने वाले हिन्दू वार्षिक सम्मेलन से कुछ दिन पहले हुई। उन्होंने कहा कि 2007 के बाद इस तरह की घटनाओं में तेजी आई है।
"प्रत्येक वर्ष हमारे पास लगभग 50 हिन्दू लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन की शिकायतें आती हैं। उन्होंने धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए एक कानून बनाने की मांग की हैं।"उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष नवम्बर में पाकिस्तान के सिंध प्रांतों में तीन हिन्दू डॉक्टर भाईयों- अजित कुमार, अशोक कुमार, और नरेश कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

ई कौन सी बड़ी बात है ? न मारते तो बड़ी बात होती...

हाँ नहीं तो..!!