दिखाया जाहिरा से खूब मंज़र आशनाई का
अजब फिर खेल खेला है,खुदी जम के खुदाई का
दिखाए तूने क्या-क्या कारनामे,क्या जवाब उनका
खुला हैरत से बस मुंह रह गया है तमाशाई का
कहा आँखों ने क्या और दिल न जाने क्या समझ बैठा
कमाल ऐसा भी हमने देखा है तेरी खुदाई का
न नजरें जब रहीं रोशन, न जिस्मों में गठीलापन
लिया बस नाम इन्सां है तब तेरी खुदाई का
achhe bhav aur bahaavhain bdhayee..
ReplyDeletearsh
भाई वाह ! आपकी लेखनी एवं सुर का कोई जबाब नहीं । बहुत बहुत................।
ReplyDeleteदिखाए तूने क्या-क्या कारनामे,क्या जवाब उनका
ReplyDeleteखुला हैरत से बस मुंह रह गया है तमाशाई का
कहा आँखों ने क्या और दिल न जाने क्या समझ बैठा
कमाल ऐसा भी हमने देखा है तेरी खुदाई का
bahut khuub
कहा आँखों ने क्या और दिल न जाने क्या समझ बैठा
ReplyDeleteकमाल ऐसा भी हमने देखा है तेरी खुदाई का
.....wah wah...
flawless....
phir se ek mukamill nazm...
manu ji ne sahi kaha ki aap badi zaldi zaldi post karti hain...
hum utni zaldi comment bhi nahi kar paate...
par badhiya hai...
"Main chal bhi nahi sakta aur tum daud jaati ho..."
hehehehe
Oh sorry Mera dost online tha uske profile se comment send ho gaya....
ReplyDeleteBest Regards.
Darpan Sah 'Darshan'
बेहतर प्रविष्टि । खूबसूरत रचना ।
ReplyDeletebahut hi sundar rachana......khubsoorat
ReplyDeleteकहा आँखों ने क्या और दिल न जाने क्या समझ बैठा
ReplyDeleteकमाल ऐसा भी हमने देखा है तेरी खुदाई का
बहुत सुंदर भाव हैं आपकी इस रचना में ...
आनन्द आ गया।
ReplyDelete"खुला हैरत से बस मुंह रह गया है तमाशाई का"
उर्दू कविता की विभिन्न विधाओं से परिचय कराती कोई साइट हो तो कृपया बताएँ। समझ बढ़्ने से आनन्द दूना हो जाता है।
कहा आँखों ने क्या और दिल न जाने क्या समझ बैठा
ReplyDeleteकमाल ऐसा भी हमने देखा है तेरी खुदाई का...kmaal ki rachna.....really b`ful...
दिखाए तूने क्या-क्या कारनामे,क्या जवाब उनका
ReplyDeleteखुला हैरत से बस मुंह रह गया है तमाशाई का
vah bahut khub, aap ke liye to shabd hee nahi hai
Wah..! " Kya cheez hain aankhen hamaree!
ReplyDeleteKya karishma hai qudratka,
Bantee hain khud tamasha,
Dekhte hain banke tamashaee...!"
http://shamasansmaran.blogspot.com
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कहा आँखों ने क्या और दिल न जाने क्या समझ बैठा
ReplyDeleteकमाल ऐसा भी हमने देखा है तेरी खुदाई का
वाह कितनी लाजवाब बात कही है ...........
hnm.........
ReplyDeleteदिखाया जाहिरा से खूब मंज़र आशनाई का
अजब फिर खेल खेला है,खुदी जम के खुदाई का
kamaal ka matlaa hai ji..
darpan laadle....
galat baat hai...apnee hi I.D. se do naa comment...
::)
खुदा भी आसमां से जब ज़मीं पर देखता होगा,
ReplyDeleteमेरी आपा को किसने बनाया सोचता होगा....
ये भी बेजोड़ है