Monday, November 15, 2010

नारी कुदरत की एक बेहतरीन रचना ...


नारी कुदरत की एक बेहतरीन रचना है और इस रचना से छेड़छाड़ करना मूर्खता है...अक्सर देखती हूँ नारियाँ इतना ज्यादा बनाव-सिंगार पर उतर आतीं हैं कि असली ख़ूबसूरती फ़ाऊंडेशन और मस्कारा के तह के नीचे दब कर रह जाती है...हर स्त्री ख़ुद को ऐश्वर्या या प्रियंका दिखाने की भूल में ख़ुद की ख़ूबसूरती के साथ नाइंसाफी कर जाती है....ईश्वर ने हर किसी को खूबसूरत बनाया है, ज़रुरत है उस ख़ूबसूरती को पहचानने की ..

बनावटी ख़ूबसूरती के बजाय अगर अपनी कुदरती ख़ूबसूरती के साथ सामने आया जाए तो वह ज्यादा कारगर सिद्ध होता है...आप जैसी हैं, वैसी ही ख़ुद को प्रस्तुत करें, तो उसका प्रभाव बहुत कारगर होता है... नकली ख़ूबसूरती के पीछे लोग भागते तो हैं..लेकिन जिस दिन उनका भ्रम टूटता है..वो अफ़सोस करते हैं कि जिसे वो तारो-ताज़ा फूल समझ रहे थे वो महज़ कागज़ का था..कृत्रिम तरीके से पाई गई सुन्दरता के सहारे किसी को वश में किया जा सकता है...लेकिन बाँध कर रखा नहीं जा सकता है ..एक शाश्वत सत्य है...हर खूबसूरत चीज़ कभी न कभी बदसूरत हो ही जाती है ...इसलिए  आप जैसी है, जो हैं वही नज़र आइये...फिर जो आपसे जुड़ेंगे, किसी भुलावे का शिकार नहीं होंगे..

ख़ूबसूरती के प्रति सभी अनुराग रखते हैं, लेकिन उससे भी ज्यादा प्रभावशाली होता है व्यक्तित्व... सुन्दरता को नहीं अपने व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाएं...सुन्दरता कुछ देर तक अपना असर दिखा सकती है, लेकिन व्यक्तित्व का असर बहुत हद तक स्थायी होता है है...इसलिए पाउडर, रूज़ और perfumes पर अपने पैसे ख़राब न करके एक सुन्दर व्यक्तित्व की स्वामिनी बनिए ... देखिये आप कितना असर डाल सकतीं हैं... 




15 comments:

  1. व्यक्तित्व के साथ ही साथ कृतित्व भी आवश्यक है ..सुन्दर अभिव्यक्ति . आभार ...

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  2. एक बेहतरीन पोस्ट लिखी हैं अपने, वैसे तो मुझे नहीं आना चाहिए था क्योंकि विषय सिर्फ महिलावो पर था, मगर अपने-आप को रोक नहीं पाया. सचमुच नारी वोही अच्छी अच्छी लगती हैं जो बीना मेकप के दिखाती हैं.

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  3. श्रृंगार प्राकृतिक है तो ठीक है बाकी सब व्यर्थ है| प्रकृति माँ की तरह मानव का ध्यान रखती है | वैसे भी आजकल के अधिकतर ब्यूटी प्रोडक्ट्स की सच्चाई सब जानते हैं | फिर भी प्रयोग करे तो क्या कहें ?? :)

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  4. श्रृंगार प्राकृतिक है तो ठीक है बाकी सब व्यर्थ है| प्रकृति माँ की तरह मानव का ध्यान रखती है | वैसे भी आजकल के अधिकतर ब्यूटी प्रोडक्ट्स की सच्चाई सब जानते हैं | फिर भी प्रयोग करे तो क्या कहें ?? :)

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  5. सही है, अब तो नारी को विज्ञापन की तरह प्रयोग में लाया जा रहा है। प्राकृति श्रृंगार [नेचुरल ब्यूटी] ही नारी की असली सुंदरता है॥

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  6. आपके आलेख की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है.
    वाकई , हमें तो आपके हर शब्द पसंद आये.
    ""ख़ूबसूरती के प्रति सभी अनुराग रखते हैं, लेकिन उससे भी ज्यादा प्रभावशाली होता है व्यक्तित्व...
    सुन्दरता को नहीं अपने व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाएं...""
    - विजय तिवारी ' किसलय'

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  7. शारीरिक खूबसूरती चार दिन की चांदनी ..फिर अँधेरी रात ..
    व्यक्तित्व ही प्रभावशाली होना चाहिए ...
    सही बात !

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  8. क्या पोस्ट है, अभी श्रीमतीजी को पढ़ाते हैं।

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  9. इस आलेख पर 'नो कमेंट' ही सेफ जोन लग रहा है मुझे :)

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  10. सही है... इतना मेक-अप करती है की बस, जैसे पूरी की पूरी एक परत बिछा दी गयी हो... एकदम सत्य...

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  11. बिल्कुल सही बात कही।

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  12. जो बात कहते हम डरते रहे आप ने कह दी. धन्यवाद्

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  13. बेशक
    1. ब्लाग4वार्ता :83 लिंक्स
    2. मिसफ़िट पर बेडरूम
    3. प्रेम दिवस पर सबसे ज़रूरी बात प्रेम ही संसार की नींव है
    लिंक न खुलें तो सूचना पर अंकित ब्लाग के नाम पर क्लिक कीजिये

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