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हमारी बिटिया रानी...
प्रज्ञा......शायद हमारे लिए कभी भी बड़ी नहीं होएगी
जैसे हम आज तक बड़े नहीं हो पाए हैं अपनी माँ के लिए...
पिछले साल हम दुर्गा पूजा में रांची में थे...मूर्ति देखने गए थे
माँ ने सारा समय मेरा हाथ पकड रखा.....उस दिन भी माँ की पकड़ सुरक्षा दे रही थी ......
कुछ ऑडियो files देख रहे थे, तो एक गाना मिला .....
सोचा सुना ही दूँ...
बजा बजाया है : संतोष शैल
गायिका : प्रज्ञा शैल (पाँच वर्ष की थी जब )
कुछ चुटकुले :
अदा निराली हैं आपकी .....................हंस भी लिए हम ....................आपकी बात मानकर ..............अदा जी वो क्या हैं ना की हम ज़रा अनाड़ी टाइप के पक्के अनाड़ी हैं ,पता ही नहीं था की आप सब जब टिप्पणी करते हैं तो वर्ड-वेरिफिकेशन वगेरह से माथा-पच्ची होती हैं आपकी ,तहे दिल से शुक्रिया आपका ................इसी तरह इस अनाड़ी ब्लॉगर को इत्तला करती रहिये ,वैसे आशीष ने बहुत सिखा दिया हैं फिर भी हम अनाड़ी रहे ............जी बहुत शुक्रिया
ReplyDeleteअब आप ही बताइए कैसे कोई आपको फोलो करे ,साइन इन पर जाकर माउस नाराज़ जो हो जाता हैं ...........या बताइए मैं ही अनाड़ी हूँ .........सुबह से यही हो रहा हैं .........
ReplyDeleteबात इ है आदित्य आफ़ताब 'इश्क' जी,
ReplyDeleteआज तक तो सब लोग हमसे बिना पूछे पीछा किये हैं ...
और पीछा करने का गुर भी वही है जो आज तक आप अपनाते आये हैं..
और कोई दूसरा चुरकी रास्ता या diversion हो तो हम नहीं जानते हैं भाई...
हिम्मत से काम लीजिये...भगवान् बेडा पार लगावेंगे ...
Shail (If this is how you spell it) is simply fantastic. May she grow up and perform even better.
ReplyDeleteअरे प्रज्ञा ने इतना बढिया गाया है कि बस मज़ा आ गया. चुटकुले ठीक से ही हैं.
ReplyDeleteगज़ब कर दिया..वाह वाह!! प्रज्ञा तो छा गई..बहुत बधाई.
ReplyDeletebahut sunder..
ReplyDeletebadhaai..
सच मुछ मै अदा निराली है जी, गीत बहुत प्यार लगा, फ़िर चुटकला उतना ही प्यारा.
ReplyDeleteधन्यवाद
मारवाड़ी में एक कहावत है ..."चून गेल रोटी ...माँ गेल बेटी" ...यानी की " जैसा आटा होता है वैसी ही रोटी बनती है ..जैसी मां होती है वैसी ही बेटी ".. प्रज्ञा की आवाज भी बिलकुल आप जैसी ही सुरीली है ...शहद सी मीठी ...!!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया और शुभकामनायें ...प्रज्ञा को हमारा बहुत सारा दुलार ..!!
"होनहार बिरबान के होत चिकने पात"। अपने नाम के अनुरुप आपकी बेटी प्रज्ञाशील होगी व आप की तरह ही स्वर-कोकिला लगी ।
ReplyDeleteचुटकुला सुंदर लगा ।
बहुत शानदार जी. प्रज्ञा ने तो कमाल ही कर दिया, बहुत शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
Pragyaa नें तो कमाल ही कर दिया. क्या संयत स्वर में गाया है, यूं कि किसी फ़िल्म का कोई गीत बज रहा हो. आवाज़ में मासूमियत भी आप जैसी ही है.
ReplyDeleteबड़ी मेहनत मश्शाक्कत के बाद सुन पाया हूँ जी...
ReplyDeleteबहुत ही मस्ती में डूब के गाया है बिटिया ने...
बहुत मजा आया ...
ये ५ साल की उनर का गीत है तो जाने अब कैसा गाती होगी...
इश्वेर नजर से बचाए ,आपसे तो बहुत अच्छा गाती है जी,,,
:)
:)
और हाँ, पता नहीं जोक्स वाला रिकार्ड अब भी नहीं चल पा रहा है....५-१० सेकंड बाद ही सीपी हैंग हो जता है ..
चुटकुला और गनवा दोनो बढिया लगा |
ReplyDeleteमैं नहीं सुन पा रहा हूं, क्योंकि इंटरनेट की स्पी़ड ही दगा दे जा रही है।
ReplyDeleteमैं नहीं सुन पा रहा हूं, क्योंकि इंटरनेट की स्पी़ड ही दगा दे जा रही है।
ReplyDeletePyaare Nadeem,
ReplyDeleteham tumhen file hi bhej de rahe hain aaram se sun lena.
aapa
अभी सुना, बहुत ही सुरीली आवाज है। आखिर भांजी किसकी है। हीहीहीही। खैर, बहुत अच्छा लगा। आपा ने तो अपने गले की सरस्वती ही विराज दी है प्रज्ञा के भीतर। बहुत बहुत बहुत अच्छा लगा आपा।
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