नतीजा लगावट का जाने क्या निकले
मोहब्बत में वो आजमा कर चले
आँखे लगीं हीं रहीं थीं फिर दर पे
इक झूठी झलक दिखा कर चले
ख्यालों में उनके फना हो गए हम
दिलों पे वो बिजली गिरा कर चले
हमें तो है उनकी ही लागी लगन
वो आये और बस मुस्कुरा कर चले
'अदा' है मेरा तक्ख्ल्लुस सुनें
कोई शक हो तो बता कर चलें
सुनिए 'अदा' हैं मेरा तख़ल्लुस
ReplyDeleteकोई शक हो तो बता कर चलें
are ada ji shaq ki koi gunjaaish hi nahi hai bilkul bhi.
kya baat anand aa gaya.
bahut khoob.
'अदा' है मेरा तक्ख्ल्लुस सुनें
ReplyDeleteकोई शक हो तो बता कर चलें....
...tu kuch bhi ho jahan ke liye,
apne liye tujhe 'bethakhallus' bana ke chale.
(bethakhallus =w/o any takhallus)
हमें तो है उनकी ही लागी लगन
ReplyDeleteवो आये और बस मुस्कुरा कर चले
good one !!
badhiya badhiya !!
subhan allah.
chuhiya ka intzaar hai, nahi to aaj kal kaun itna 'courtious' hai jo 'comment' main bhi comment de.
:)
हमें तो है उनकी ही लागी लगन
ReplyDeleteवो आये और बस मुस्कुरा कर चले
इतनी भी क्या बेरूखी. चलो मुस्कराये तो !!
और फिर आपके तक्ख्ल्लुस पर भला किसी को क्यो होने लगा.
बहुत लाजवाब रचना. शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
हर इक चीज उनकी बपौती है क्या..?
ReplyDeleteके जो दिल में आया उठाकर चले...
:(
वाह खूबसूरत अन्दाज़ है!
ReplyDeletekya baat hai shikaayat aur hidaayt dono hi alag andaz se.........
ReplyDeleteहमें तो है उनकी ही लागी लगन
ReplyDeleteवो आये और बस मुस्कुरा कर चले
वो तो aisaa karenge ही .............. और nakhre utaane भी padhenge ............. lagan जो लगी है उनकी........... लाजवाब लिखा है
शक की कोई गुंजाईश ही नहीं...आपकी हर रचना अच्छी होती है
ReplyDeletekahan ho?
ReplyDeletelagta hai aapke omment box ko post box banana hi padega....
ये हर जगह तो 'चले' था अंत में 'चलें 'लिख कर गीतात्मकता क्यों गडबड कर दी आपने
ReplyDeleteसुनिए 'अदा' हैं मेरा तख़ल्लुस
ReplyDeleteकोई शक हो तो बता कर चलें
बहुत लाजवाब रचना
नतीजा लगावट का जाने क्या निकले
ReplyDeleteमोहब्बत में वो आजमा कर चले
ग़ज़ल का आगाज़ अच्छा है
...बेशक !!
हमें तो है उनकी ही लागी लगन
वो आये और बस मुस्कुरा कर चले
ग़ज़ल की तरतीब भी अच्छी है
...यकीनन !!
मतले से मक्ते तक एक खुशनुमा गहराई ....
एक पाकीजा-सी ख़ुशी नज़र आ रही है
"किसी नाम को बे-तखल्लुस कहा
खुद अपना तखल्लुस 'अदा' कर चले"
एक अच्छी ग़ज़ल पर बधाई
---MUFLIS---
हमें तो है उनकी ही लागी लगन
ReplyDeleteवो आये और बस मुस्कुरा कर चले
'अदा' है मेरा तक्ख्ल्लुस सुनें
कोई शक हो तो बता कर चलें
bahut khoob ada ji hamesha ki tarah.
badhai.
नतीजा लगावट का जाने क्या निकले
ReplyDeleteमोहब्बत में वो आजमा कर चले
जो मुहब्बत को आजमाता है
वो मुहब्बत को जानता नहीं है
मुहब्बत तो वो नग्मा है
जो हर साज पर गाया नहीं जाता
और जिस साज पर गाया गया
वहां आजमायश की गुंजाइश नहीं
जहां आजमायश है
वहां मुहब्बत फना है ।।।
.... एक सुंदर गजल, जो दिल की गहराइयों से निकली है ।
raahe- ishaq mein sung , chle wo magar
ReplyDeletehamein sau dafaa ajma kar chale..'
नतीजा लगावट का जाने क्या निकले
ReplyDeleteमोहब्बत में वो आजमा कर चले
आँखे लगीं हीं रहीं थीं फिर दर पे
इक छोटी झलक दिखा कर चले
bahut sunder
'ada' ji,
ReplyDeleteनतीजा लगावट का जाने क्या निकले
मोहब्बत में वो आजमा कर चले
हमें तो है उनकी ही लागी लगन
वो आये और बस मुस्कुरा कर चले
bahut hi sundar sher hain ye aur poori gazal dil se nikli hui si lagi.
नतीजा लगावट का जाने क्या निकले
ReplyDeleteमोहब्बत में वो आजमा कर चले
आँखे लगीं हीं रहीं थीं फिर दर पे
इक छोटी झलक दिखा कर चले
ख्यालों में उनके फना हो गए हम
दिलों पे वो बिजली गिरा कर चले
हमें तो है उनकी ही लागी लगन
वो आये और बस मुस्कुरा कर चले
'अदा' है मेरा तक्ख्ल्लुस सुनें
कोई शक हो तो बता कर चलें
mujhe ye poori gazal bahut acchi lagi main dobara padhne aaya hun ada ji.
dil ko chu gayi ye.
हमें तो है उनकी ही लागी लगन
ReplyDeleteवो आये और बस मुस्कुरा कर चले
subhan allah !!!!
behrateen !!!