हमारा राष्ट्रीय गान क्या सच-मच राष्ट्र के लिए ही है ?
कहते हैं गुरुदेव रविन्द्र नाथ ठाकुर ने इसे जॉर्ज पंचम की स्तुति में लिखा था...
आप क्या कहते हैं ?????
जन गण मन अधिनायक जय हे,
(हे भारत के जन गण और मन के नायक(जिनके हम अधीन हैं)
भारत-भाग्य-विधाता
(आप भारत के भाग्य के विधाता हैं)
पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा,
(वह भारत जो पंजाब, सिंध, गुजरात, महाराष्ट्र,)
द्वाविड़, उत्कल, बंग
(तमिलनाडु, उड़ीसा, और बंगाल जैसे प्रदेश से बना है)
विन्ध्य, हिमाचल, यमुना-गंगा,
(जहाँ विन्ध्याचल तथा हिमालय जैसे पर्वत हैं और यमुना-गंगा जैसी नदियाँ हैं)
उच्छल जलधि तरंगा
(और जिनकी तरंगे उच्छश्रृंखल होकर उठतीं हैं)
तव शुभ नामे जागे
(आपका शुभ नाम लेकर ही प्रातः उठते हैं )
तव शुभ आशिष माँगे
(और आपके आर्शीवाद की याचना करते हैं )
जन-गण-मंगलदायक जय हे,
(आप हम सभी जनों का मंगल करने वाले हैं, आपकी जय हो)
गाहे तव जयगाथा,
(सभी आपकी ही जय की गाथा गायें)
जन-गण-मंगलदायक जय हे
(हे जनों का मंगल करने वाले आपकी जय हो)
भारत भाग्य विधाता
(आप भारत के भाग्य विधाता हैं)
जय हे, जय हे, जय हे,
(आपकी जय हो, जय हो, जय हो,)
जय, जय, जय, जय हे
(जय, जय, जय, जय हो)
no comments(hum bolega to bologe ki bolta hai):
ReplyDeletehttp://www.sacw.net/DC/CommunalismCollection/ArticlesArchive/pkDatta092004.html
http://en.wikipedia.org/wiki/Indian_National_Anthem
http://www.youtube.com/watch?v=0tEmAJw5NdY
http://www.anothersubcontinent.com/forums/index.php?showtopic=478
http://spicezee.zeenews.com/articles/story20492.htm
and the list goes on !!!
सत्य वचन महाराज।
ReplyDeleteअब क्या करें
ReplyDeleteवन्देमातरम् को कहें
पर तीर तो छूट चुका है
अब बेतीर कैसे हों .........
jaan kari ke liye shukriyaa ada ji.
ReplyDeletehamein
nahin
maloom
yhaa ye sab jo aapne samjhayaa hai..
:(
darpan ne to bina bole hi sab bol diya hum bole bhi to kya bole .alag ada ke saath bahut khoob kah dala .jai hind .
ReplyDeleteacchi jaankari !!
ReplyDeleteसुना तो hamne भी ऐसा ही है............ पर अब जब ये tay हो ही गया ही की ये raashtr gaan है........... मन में aadar aa जाता है
ReplyDeleteहमें तो पहले से ही मंजूर है, आपने पंकित्यों को अर्थ के साथ देकर अच्छा प्रचलन छोडा है, सारे जहाँ से अच्छा पर कहीं ऐसे ही दे सको या दिया गया हो तो बताईये अन्यथा फिर मुझे ही देना पडेगा, राष्ट्र गाण ते होने पर बधाई
ReplyDeleteआपने राष्ट्रगान का अर्थ बताया उसके लिए धन्यवाद!
ReplyDeleteकिन्तु अर्थ में आपने 'अधिनायक' शब्द का अर्थ 'नायक' बताया है, यह कुछ समझ में नहीं आया। और फिर नायक शब्द के लिए कोष्ठक में स्पष्ट किया है कि "जिनके हम अधीन हैं", किनके आधीन हैं हम जो कि भारत का भाग्य विधाता है?
हमें तो पता ही नहीं था की अपना रास्ट्र गान जॉर्ज पंचम की स्तुति में लिखा था....
ReplyDeleteबाप रे बाप .... जब नीव मैं ही इतना कचरा भरा गया है तो .... भारत के सुन्दर भविष्य की कैसे कामना की जा सकती है ?
नेहरु जी .... जहाँ कहीं भी हो .... आप थूकने लायक काम कर गए हो ....
awadhiya ji,
ReplyDeleteaapne sahi kahan mujhe ise aur spasht karna chahiye...
'Adhinayak' ka arth Tanashah bhi hota hai yahan par iska arth 'Tanashah' ya ham jinke adheen hain liya gaya hai...jo bharat ke bhagya ke vidhata hain...aur jahir hai us vakt hamare bharat ke bhagya ke vidhata angrz hi the...
Yah geet Ravindra Nath ji ne George fifth ki stuti mein likha tha jab wo bharat aaye the ...Ravindra Nath ji ki acchi saakh thi angrejon mein isliye is geet ko Rashtriye geet banaya gaya...aur baad mein geetanjali ke liye Nobel puraskar bhi..
किस किस को याद करे ,
ReplyDeleteकिस किस बात पर रोएँ ,
आराम बड़ी चीज़ है,
मुंह धक् कर सोयें !