Monday, August 3, 2009

पुनर्जनम


सारी उम्र बड़े बुजुर्ग हमको ये ही बताये हैं
भारी पुण्य करला पर ही, मनुख जनम हम पाए हैं
ये ही बात भेजा में अपने, खूब बढ़िया से बैठाये हैं
कभी पुण्य हम नाही करेंगे, भारी कसम उठाये हैं

जे खाता में पुण्य ना होवे, तो भगवान बहुत गुसियाये हैं
कभी कुत्ता तो बिल्ली बना के, धरती पर धकियायें हैं
पूरा अटेंशन अब हम अपने खाता पर ही लगाये हैं
एक भी पुण्य का एंट्री, हम दाखिल नहीं करवाए हैं

राम राम करके बस बीत जाए ये जिंदगानी
पुनर्जनम में ना होई, कोई किसिम की परेशानी
मानुस जनम से छुट्टी मिलिहैं, ना होई शिकन पेशानी
डागी पुसी की जात होई और जीवन होई आसमानी

सुबह सवेरे गौरवर्णा हमें टहलाने ले जाई
ठुमकत लचकत हम आगे आगे, उनका पीछे पीछे दौड़ाई
हाथ में प्लास्टिक लेके मेनका, कदम से कदम मिलाई
जहाँ मर्जी हम विष्ठा त्यागे, और सुंदरी लपक के ले उठाई

हनी डार्लिंग की टेर फिर, हर पल देवे सुनाई
नयन से नयन उलझ जैहें, ज्यूँ प्रेम सागर लहराई
बात बात में हम उनका गलबहियाँ भी लगाई
गोड़ हाथ के बात ही छोडो, नाक मुंह भी चटवाई
मर्सितीज़ की अगली सीट पर मज़े में हवा हम खावें
सुबह शाम क्रिस्टल बोल में, प्युरीना ब्रांड पचावें
किंग साइज़ के बेड में सोवें, और रम्भा पीठ खुजावें
सुबह सवेरे आँख खुले तब, जब अप्सरा प्रभाती गावें

ये ही जीवन की आस में भगवन, एको पुण्य नहीं कमाए
कनाडा, इंग्लैंड या अमेरिका में बस श्वान योनी हम पा

जबसे तेरे नैना मेरे नैनों से लागे रे...आवाज़ 'अदा' की...