चढ़ गया रे फागुनी बुखार...
गीतकार : श्री समीर लाल 'समीर'
संगीतकार : श्री संतोष शैल
गायिका: स्वप्न मञ्जूषा 'अदा'
गीत : सजना सन्मुख सज के सजनी...
गीतकार: श्री ललित शर्मा
संगीतकार : श्री संतोष शैल
गायिका: स्वप्न मञ्जूषा 'अदा'
गायिका: स्वप्न मञ्जूषा 'अदा'
आप सभी का हृदय से आभार...
ये दोनों गीत पूरे एक साल पुराने हैं...पिछले वर्ष मैंने इन्हें समीर जी और ललित जी स्नेहासिक्त अनुरोध पर गाया था...
इस वर्ष तो यूँ भी होली हमारे घर में नहीं मनी...मेरा घर अभी भी मेरे बाबा के निधन पर शोक-संतप्त है...
आपलोगों ने इन गीतों को पसंद करके मेरा, गीतकार श्री समीर जी और श्री ललित जी और संगीतकार श्री संतोष शैल जी का मान बढ़ाया है...
पुनः आपका धन्यवाद..
'अदा'
ये दोनों गीत पूरे एक साल पुराने हैं...पिछले वर्ष मैंने इन्हें समीर जी और ललित जी स्नेहासिक्त अनुरोध पर गाया था...
इस वर्ष तो यूँ भी होली हमारे घर में नहीं मनी...मेरा घर अभी भी मेरे बाबा के निधन पर शोक-संतप्त है...
आपलोगों ने इन गीतों को पसंद करके मेरा, गीतकार श्री समीर जी और श्री ललित जी और संगीतकार श्री संतोष शैल जी का मान बढ़ाया है...
पुनः आपका धन्यवाद..
'अदा'
बहुत ही सुन्दर आवाज़ मे बहुत सुन्दर गीत सुनकर मज़ा आ गया। होली की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गीत मैंने यह गीत आपके यू-ट्यूब चैनल पर देखा था
ReplyDeleteइस गीत को वीडियो में यहाँ देखें
khoob bhalo 'indradanukhi' rangoli...........
ReplyDeletegeet sunte pari na........dipawali ker subhokamana
opna shobay ke.........
paronam.
मन प्रफुल्लित हो गया अदा जी...ये दोनों गीत सुन कर..लाजवाब।
ReplyDeleteआपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (19.03.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
ReplyDeleteचर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
वाह! गजब की प्रस्तुति!वैसे इस बुखार की एक दवाई मैं जानता हूँ, दो लोटे ठंडाई भांग बिना चटनी वाली पकौडी के!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर , दोनों गीत भी और आपका गायन भी ।
ReplyDeleteबधाई ।
होली की हार्दिक शुभकामनायें ।
गज़ब रे गज़ब। हम पर भी कृपा कर दें, हम भी लिखते हैं आपकी आवाज़ के लिये।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDelete--
मस्त फुहारें लेकर आया,
मौसम हँसी-ठिठोली का।
देख तमाशा होली का।।
--
होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
wah bahut sundar aur mithi aawaj hai aapki...dono gane bahut hi achche lage...
ReplyDeleteholi ki bahut bahut shubhkamnaye...
मज़ा आ गया। होली की हार्दिक शुभकामनायें और बधाई...
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनायें .
ReplyDeleteये गीत पहली बार सुने हैं, अच्छे लगे, लगने ही थे:))
ReplyDeleteहैप्पी होली।
Holee kee dheron shubhkamnayen!
ReplyDeleteवाकई चढ़ गया जी बुखार, अब उतरेगा कैसे ये तो बता दीजिए...
ReplyDeleteतन रंग लो जी आज मन रंग लो,
तन रंग लो,
खेलो,खेलो उमंग भरे रंग,
प्यार के ले लो...
खुशियों के रंगों से आपकी होली सराबोर रहे...
जय हिंद...
kitni meethi awaaz hai aapki, sunder geet aur bhi sunder ho gaye aapki awaaz pakar. Happy holi!!!
ReplyDeleteबहुत सुंदर,
ReplyDeleteहोली पर्व की घणी रामराम.
भजन करो भोजन करो गाओ ताल तरंग।
ReplyDeleteमन मेरो लागे रहे सब ब्लोगर के संग॥
होलिका (अपने अंतर के कलुष) के दहन और वसन्तोसव पर्व की शुभकामनाएँ!
स्पेअकर न होने से सुन नही पाई .......
ReplyDeleteआपको होली की शुभकामनाये
...
’होलिका वध’ शुभ हो!
ReplyDelete’मदनोत्सव’और रंगपर्व की सभी को बधाई!
Hally Hoppy!
होली का आनंद आ गया.... बहुत सुन्दर......
ReplyDeleteचढ़ गया रे फागुनी बुख़ार ...
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा ये गीत
होली की हार्दिक शुभकमनाएं
रंगपर्व की अशेष शुभकामनाएं !
ReplyDeleteखूबसुरत प्रस्तुति...
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ...
खूबसूरत गीत ...
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को त्यौहार की बहुत शुभकामनायें !
दोनो गीत सुनकर मन प्रसन्न हो गया ...
ReplyDeleteआप सबों को त्यौहार की बहुत शुभकामनायें !
आप सभी का हृदय से आभार...
ReplyDeleteये दोनों गीत पूरे एक साल पुराने हैं...पिछले वर्ष मैंने इन्हें समीर जी और ललित जी स्नेहासिक्त अनुरोध पर गाया था...
इस वर्ष तो यूँ भी होली हमारे घर में नहीं मनी...मेरा घर अभी भी मेरे बाबा के निधन पर शोक-संतप्त है...
आपलोगों ने इन गीतों को पसंद करके मेरा, गीतकार श्री समीर जी और श्री ललित जी और संगीतकार श्री संतोष शैल जी का मान बढ़ाया है...
पुनः आपका धन्यवाद..
'अदा'
@ Sanjay Jha..
ReplyDeletegeet sunte pari na........dipawali ker subhokamana
opna shobay ke.........
DIPAWALI ????
KI HOLO SONJOY BABA???
होली की हार्दिक शुभ कामनाएं |
ReplyDeleteआशा