Saturday, July 7, 2012

क्या वो आपको मंजूर होगा ??

(अप्रैल माह में मैंने यह पोस्ट लिखी थी, लेकिन आज फिर इसकी ज़रुरत नज़र आई, इसलिए दोबारा डाल  रही हूँ। )
 
सच पूछा जाए तो, ब्लॉग लिखना आत्मसंतुष्टि का परिचायक है, हम आत्मिक ख़ुशी के लिए ब्लॉग लिखते हैं, कुछ हद तक, ये हमारे अहम् को भी तुष्ट करता है, कुछ अलग सा करने की  प्रेरणा भी देता है,  जैसा हर जगह देखने को मिलता और अब तो हम सभी जानते हैं, ब्लॉगिंग, 'आत्माभिव्यक्ति' का एक सशक्त साधन  है ..लेकिन कभी-कभी हमारी ये 'आत्माभिव्यक्ति' हमें ऐसी स्थिति में लाकर खड़ा कर देती है, कि आप अपनी 'आत्माभिव्यक्ति' पर पछता कर रह जाते हैं, और आप खुद को मुश्किल में पाते हैं....

ब्लॉगिंग की दुनिया में आये हुए, मुझे कुछ वर्ष हो ही चुके हैं, और इन सालों में, जो मैंने देखा, समझा, जो गलतियाँ मुझसे हुई, और जो अनुभव मेरा रहा, उसके आधार पर आज मैं कह सकती हूँ, कि मैं सचमुच बहुत चिंतित हूँ...इस अंतरजाल के दुरूपयोग से...हमें यह मान कर चलना चाहिए कि, यहाँ सभी प्रबुद्ध नहीं हैं, सब आपका भला चाहने वाले नहीं हैं, सभी यहाँ वो नहीं हैं, जो नज़र आते हैं, इसलिए महिलाओं को ख़ास करके सतर्क रहने की, बहुत आवश्यकता है...हम यह न भूलें, अंतरजाल में लिखा गया सबकुछ, तारीख़ बन जाता है...
एक उदाहरण देती हूँ....अगर आपने कोई पोस्ट लिखी, उसके जवाब में या, फिर उसके समर्थन में किसी व्यक्ति ने एक और पोस्ट लिख दी, परन्तु जो पोस्ट लिखी गयी है, कोई ज़रूरी नहीं वो, सही मायने में आपका समर्थन कर रही है...और उसका उद्देश्य आपका समर्थन करना ही है, जैसा आप समझ रहे हैं...हो सकता है उस पोस्ट की भाषा, उसका सन्दर्भ आपके पूरे व्यक्तित्व को, कुछ और ही दिशा या रूप दे रहा हो..., आपको ऐसा प्रतीत हो रहा हो, कि उस व्यक्ति ने, आपका साथ दिया है, लेकिन वास्तव में वो पोस्ट आपको ऐसा नाम दे रही है...कि आप सोच भी नहीं सकते...सही मायने में वो नाम नहीं, बदनामी दे रही है...
हमें नहीं भूलना चाहिए कि, गूगल एक बहुत ही पोपुलर और बहुत पावरफुल सर्च इंजिन है...पूरे विश्व में करोड़ों लोग इसका उपयोग करते हैं...और सर्च करने वाले हर तरह की, चीज़ों की तलाश में रहते हैं...आप यह बिलकुल नहीं चाहेंगे कि, दुनिया के किसी कोने में बैठ कर, एक अनजान व्यक्ति ने, एक अश्लील शब्द से कुछ ढूंढना शुरू किया,  और आपका नाम, आपकी फोटो समेत, एकदम से सामने आ गया...और लोग आपको उस विषय में स्पेसिलिस्ट समझें...कम से कम मैं तो नहीं चाहूँगी...लेकिन ऐसा ही हो रहा है...मुझे इसकी बहुत चिंता है...और ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि एक पोस्ट के समर्थन में, जो पोस्ट लिखी गयी है..उसका शीर्षक भी ऐसा ही दिया गया है...

ब्लॉग जगत में हर तरह के लोग हैं, कुछ तो बस, आपकी नासमझियों के इंतज़ार में बैठे रहते हैं, आपने एक मौका दिया और देखिये वो आपके नाम का, कितना और कैसे इस्तेमाल करते हैं, इसलिए आपके नाम से लिखी गयी पोस्ट, आपकी मर्ज़ी के बिना न लिखी जाए, इस बात की आप तसल्ली कर लें...ब्लॉग जगत में यह नियम बनना चाहिए...कि बिना आपकी मर्ज़ी के, आपके नाम का उपयोग, कोई न करे...फिर चाहे वो आपकी तारीफ में ही क्यों न हो....
आज मैं यहाँ, एक बात साफ़ कह देना चाहती हूँ, बिना मेरी इजाज़त, मेरे नाम का इस्तेमाल, या मेरे ब्लॉग के नाम, एड्रेस का इस्तेमाल, कोई भी, कहीं भी, नहीं कर सकता है...आप मेरे ब्लॉग पर आयें, आपका स्वागत है...इससे ज्यादा मुझे आपसे कोई अपेक्षा नहीं है...
हम सभी परिवार वाले हैं, इस पोस्ट के जरिए, मैं ब्लॉग जगत को, और उन ब्लागर्स को बताना चाहती हूँ, कि किसी का चरित्र हनन करना, और वो भी इस तरीके से, कि अगले को पता भी न चले, घोर अन्याय है, यह किसी भी हिसाब से इंसानियत नहीं है....ख़ास करके महिलाओं के प्रति ...ये न भूलें, उन महिलाओं के, पति, बच्चे सभी होते हैं, और इस तरह की अश्लीलता के साथ, अपनी माँ का, या पत्नी का नाम देखना, फोटो समेत, उनके लिए, बहुत कष्टदायक हो सकता है...कौन जाने बच्चों के दोस्त, कहीं देख लें और बच्चों का जीना हराम कर दें....इसतरह बड़ी आसानी से कई ज़िंदगियाँ तबाह हो सकतीं हैं...  
ब्लॉग जगत की सभी महिलाएं पढ़ी-लिखी और घर-परिवार वाली हैं , उनके नाम का बेज़ा इस्तेमाल न किया जाए, यूँ तो,सबकी अपनी-अपनी  जिम्मेदारी होती है यहाँ, हर इंसान अपने कामों के लिए, खुद ही जिम्मेवार होता है...फिर भी, अगर किसी ने कोई नासमझी की, तो हम सब का फ़र्ज़ है, उसे सम्हालना, उसे आगाह करना, न कि उसे और मुसीबत में डाल देना , मानवता का तकाज़ा ये नहीं है...इंसानियत की बड़ी-बड़ी बातें करने वालों से, इतनी इंसानियत की अपेक्षा, तो करते हैं हम सब....क्या पता आपके द्वारा, आवेश में आकर लिखी गयी एक अदद पोस्ट...किसका जीवन बर्बाद कर दे...!!!
जब भी आप ऐसा करें, तो एक बार अपनी, माँ, अपनी पत्नी, अपनी बहन और अपनी बच्ची की तरफ अवश्य देखें...क्या उनके साथ, ऐसी कोई भी हरकत, कोई दूसरा करे, तो क्या वो उचित होगा और क्या वो आपको मंजूर होगा ??

हाँ नहीं तो..!!

35 comments:

  1. समुचित मान ही सबको ब्लॉगिंग से जोड़े रह सकता है, सहमत हैं आपसे..

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    1. बहुत दिनों बाद कमेन्ट बोक्स खोला है मैंने...
      आप आए, और सहमत भी हुए आभार आपका..

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  2. ek ek bat sahi kahi hai aapne.poori tarah se sahmat hoon.sangrahniy v sarthak prastuti.धिक्कार तुम्हे है तब मानव ||

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    1. aap khud us blog ki sadsya haen jahaan hindu mahila bloggar ki photo daali gayii haen
      aap khud unko sheh daeti haen
      aur phir yahaan bhi sehmat haen

      kyaa baat haen shalini ji

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    2. शालिनी जी,
      ऐसे लोगों को सबक सिखाने का एक तरीका, 'असहयोग' भी है..
      यकीन कीजिये, इस समय आप बहुत कुछ कर सकतीं हैं..
      आपका धन्यवाद

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    1. ललित जी,
      आप आए बहुत ख़ुशी हुई..!

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  4. आदरणीया अदा जी नमस्कार
    में सबसे पहले तो आप से क्षमा चाहूँगा की बेटी पर लिखी हुयी आपकी एक पोस्ट मेने अपने पेज पर आपके नाम से ही डाली थी पोस्ट इतनी अच्छी थी की आपसे इजाजत लेने का समय ही नहीं था -में आपके इस लेख से सौ % सहमत हूँ |
    में आपसे एक बात कहना चाहता हूँ -(बात क्या रिक्वेस्ट है मेरी )की दुनिया में सारे के सारे लोग गलत नहीं है
    में एक ऐसा बाप हूँ जो एक बेटी चाहता था पर जिंदगी भर इस सुख से वंचित रहा -लेकिन ईश्वर की लीला देखो की मुझे एक बेटी फेसबुक के जरिये मिल गयी और ये रिश्ता केसा है एक बाप कितना खुश है यह आप मेरे पेज ---आपको पता है "पापा"---पर जाकर देख सकती है मतलब ये की आपकी वो कविता मेने मेरी बेटी को खुश करने के लिए आपके नाम से ही पोस्ट की है --इस दुनिया में बहुत से अच्छे लोग भी है जो माँ बहन और बेटियों की इज्जत करना भी जानते है -में क्षमा चाहूँगा उस पोस्ट को डिलीट कर रहा हूँ मेरे पेज से | क्योकि वो पोस्ट आपकी इजाजत के बिना ली गयी है |

    हा पर आपने जो कहा है वो सच भी है

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    1. अभय जी,
      आप मेरी कविता, आपकी प्यारी बेटी के लिए लगा सकते हैं...
      मेरा नाम आपने दिया ही था..
      शुक्रिया

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  5. ...मतलब अब आपकी या आपके विचारों की आलोचना के लिए भी आपका अनुमति-पत्र लेना होगा...यह बात कुछ हजाम नहीं हुई.हाँ,हमें शालीनता को हर हाल में निभाना होगा,पर यह तो उसी सरकारी-फरमान की तरह हो गया जो अंतर्जाल में सेंसरशिप लगाना चाहती है.
    यदि आप शालीन हैं तो फिर डर किस बात का ? रही बात व्यक्तिगत रूप से किसी के द्वारा आरोप लगाने की या प्रतिष्ठा-हनन की तो इसके लिए हमें कानूनी-संरक्षण प्राप्त है.मैं नहीं समझता हूँ कि एक-या दो अपवादों को छोड़कर इतना गंभीर संकट है जैसा कि आप भी पूर्व में कह चुकी हैं कि हिंदी-ब्लोगिंग अब सुधार की दिशा में अग्रसर है !

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    1. त्रिवेदी जी,
      बात यहाँ आपके हाजमे की नहीं हैं, सतर्कता की है, आप मेरे विषय में क्या और कहाँ लिख रहे हैं, इसकी जानकारी और समझ मुझे होनी ही चाहिए...यह मेरा अधिकार है. आलोचना या प्रशंसा के रूप में आप कहीं भी कुछ भी नहीं लिख सकते हैं...मैं तो शालीन रह भी लूँ , क्या ज़रूरी है की दूसरे भी शालीन रहेंगे ? ब्लॉग जगत में प्रशंसा और समर्थन के नाम पर चारित्रिक हनन होते हुए देख रही हूँ...और मैं किसी भी हाल में ऐसी दुर्भावना का समर्थन नहीं कर सकती...आप एक स्वस्थ आलोचना कर सकते हैं, जिसकी जानकारी मुझे होनी चाहिए, और मुझे वो मंजूर भी होना चाहिए..
      दूसरी बात क़ानून अगर इतना ही सहज रास्ता होता तो सब उसका उपयोग हर बात पर करते...आप हम सभी जानते हैं, क़ानून अपना वक्त लेता है, उसके चक्कर में रहें तो हो लिया काम...अगर ज़रा सी सतर्कता से बड़े नुकसान से बचा जा सकता है तो मैं उसके पक्ष में हूँ...
      A stitch in time saves nine.

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  6. पोस्ट या नाम का यदि गलत इस्तेमाल हो रहा हो तो उसे रोकना बहुत ज़रूरी है, लेकिन क्या केवल लिंक या नाम का इस्तेमाल न करने की हिदायत देना काफ़ी है? मनाही के बाद भी यदि कोई इस्तेमाल करता है तो?

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    1. वंदना जी,
      अगर उसके बात भी कोई ऐसा करता है तो...ऊँगली टेढ़ी करनी पड़ेगी...:)
      और अब हम उसके लिए भी तैयार हैं..

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  7. abhay ji,

    agar aap ka maksad kuchh galat nahion hai to aap post deleat mat kijiye..
    haan madum ada ke naam se lagaayein..

    manu

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    1. चलिए आपने भी अभय जी को परामर्श दे दिया ..
      धन्यवाद

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  8. @ एक बार अपनी, माँ, अपनी पत्नी, अपनी बहन और अपनी बच्ची की तरफ अवश्य देखें...क्या उनके साथ, ऐसी कोई भी हरकत, कोई दूसरा करे, तो क्या वो उचित होगा और क्या वो आपको मंजूर होगा ??

    नहीं मंजूर होगा, इसीलिए सावधान रहने की कोशिश करते भी हैं और जिन दो-चार तक हमारी पहुँच है उन्हें यही बताते भी हैं|

    सिक्योरिटी सिखाने वाले एक सिद्धांत बताते हैं 'respect all, suspect all' & I like it. शालीन रह्ते हुये भी सावधान रहना, हमारा कर्त्तव्य है| अंतरजाल में दूसरों को पहचानने के गिने चुने ही साधन हैं लेकिन थोड़ा सचेत रहने से सही गलत की पहचान हो ही जाती है| हम सब अगर अपने अपने स्तर पर सतर्क रहें और सस्ती लोकप्रियता का लोभ न करें तो बेह्तर ही होगा। दूसरों की निजता, दूसरों की गरिमा का ध्यान रखना ही चाहिये।

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    1. आपकी सारी बातें, सिर-माथे पर..
      यहाँ रहना है तो सावधानी बरतनी ही होगी...

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  9. ada

    the best part is that he can put the photograph , put the name with the photograph and if asked to remove he wants an verification of the photgraph

    I think there can be nothing more stupid then this

    Why should some one lift someones photo and use labels that have nothing to do with the post or the comments

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    1. Rachna ji,

      I do agree entirely. if some one is not feeling comfortable to his or her photograph ,on anybody's blog and requests to remove it, it is mere courtesy to act accordingly.
      This is what is expected from any educated, cultured person. This is really sad to see such brutal act by those people who claim to be so called most 'sophisticated'.
      To me, it looks, a well planned strategy to defame, women from specific community.

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  10. अब यह तो उस ब्लॉगर पर निर्भर करता है कि उसकी मानसिकता क्या है.उसे यदि किसीको अपमानित ही करना है तो उसे आपका नाम लेने की जरूरत ही कहाँ होती है.मैं तो पिछले काफी समय से देख रहा हूँ कि ऐसे ब्लॉगर किसीको खासकर किसी महिला को भला बुरा कहना चाहे या अपमानित करना चाहें तो बिना सीधे सीधे उसका नाम लिए ही ऐसे किसी तरीके से बात करते हैं कि कम से कम ब्लॉगिंग में सक्रिय रहने वाले लोगों को साफ पहचान हो जाती है कि किसके बारे में बात की गई है.उस व्यक्ति को भी पता चल जाता है लेकिन वह विरोध नहीं कर पाता न दूसरे ही विरोध कर पाते हैं क्योंकि वो उल्टा गले पड जाएँगे कि आप हमें बेवजह विवाद में घसीट रहे हैं.ऐसे में व्यक्ति को अपमान का घूँट पीकर रह जाना पडता है.और चूँकि नाम नहीं लिया गया है तो शायद कहीं कोई शिकायत भी दर्ज नहीं कराई जा सकती.

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    1. @ एक बात यहाँ बताना ज़रूरी है कि हम महिलाओं की प्रतिष्ठा कोई पानी का बुलबुला नहीं जो ऐसे लोगों के बे-सिर पैर की बातों से फूट जाएगा ...न ही यह ब्लॉग जगत इतना मूढमति है कि इनकी नियत से वाकिफ नहीं है...हाँ इनके अपने अहम् की तुष्टि बेशक हो जाती है, लेकिन ऐसा करके ये ख़ुद को और भी नीचे गिराते हैं...जो भी धारणा बनी हुई है आम जनसमूह में ये उसकी पुष्टि ही कर रहे हैं...
      इनलोगों की ऐसी हरक्कत इनको लोगों की नज़र में कभी उठने नहीं देगा...

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    2. सिर्फ महिलाएँ नहीं कई बार पुरूषों के साथ भी ऐसा होता है.

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  11. वाकई जिनकी मंशा और नियत बुरी है वे ऐसे दुरपयोग करते है। अश्लील शब्दों वाले समाचार आदि की पोस्ट पर जानबूझ कर किसी भी बहाने चित्र चिपका देते है। परिणाम स्वरूप सर्च में आपके चित्र पाए जाते है। ऐसे घृणित मंशाओं की पहचान कर बाहिस्कार किया जाना चाहिए साथ ही उन तत्वों से सावधानी के संदेशों का प्रसार होना चाहिए

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    1. सुज्ञ जी,
      बस ये आन्दोलन अब शुरू होना ही चाहिए...अब भी नहीं हुआ तो कभी नहीं होगा..
      आप आए, आपका धन्यवाद..

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  12. आपने जिस खतरे से सावधान किया है वह खतरा वास्तविक है। किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति से ऐसी ऊल-जलूल हरकतों की अपेक्षा नहीं की जा सकती; लेकिन मुश्किल यह है कि हिंदी ब्लॉग जगत में जिम्मेदार लोगों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। बहुत से लोग विवादों से दूर रहने में ही अपनी भलाई समझते हैं। ऐसे में सदाशय का स्वर धीमा पड़ जाता है और उद्दंडता शोर मचाती रहती है।

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    1. सिद्धार्थ जी,
      सबसे पहली बात, मैं कृतज्ञं हूँ आप आए |
      अब अब ऐसा कोई जतन हो कि सदाशय का स्वर धीमा न पड़े,
      आप भी कुछ बताइये, हमें क्या करना चाहिए.. ?
      धन्यवाद

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  13. aapka lekh padha, parantu context se filhal vaqif nahin hoon. yun hii kaii maheenon se sirf 4-5 blog par hii kuch padhtii hoon..

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    1. कोई बात नहीं सुषमा जी,
      ऐसी कोई ख़ुशी की भी बात नहीं है, जो आपसे कहूँ आपने कुछ मिस किया..
      कुछ शरारती तत्वों ने हमारे ब्लॉग जगत की दो अति विशिष्ठ महिलाओं की तस्वीर कुछ ग़लत सन्दर्भों से जोड़ कर पोस्ट कर दिया...कई बार निवेदन करने के बाद एक तस्वीर हटी है, दूसरी के हटने का अभी इंतज़ार ही कर रहे हैं हम...
      आप आईं हार्दिक प्रसन्नता हुई..

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  14. अजय जी,
    बहुत मेहनत करते हैं आप..
    मेरा लिखा इस योग्य लगा आपको, यही बड़ी बात है..
    आपका धन्यवाद.

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  15. पहली बार भी यह पोस्ट रेलिवेंट थी और आज भी है। अंतर्जाल का दुरुपयोग करने वालों के इरादे सबके सामने हैं। बदनीयती का साथ न देने की बात भी अधिकांश भद्रजन कहते, सुनते करते ही रहे हैं, यहाँ भी इसकी ज़रूरत है। यह कठिन भी नहीं है, गूगल की खैरात पर दूसरों के व्यक्तित्व या आस्था की हत्या करना कभी भी स्वीकार्य नहीं होना चाहिये। भारतीय न्याय व्यवस्था में नफ़रत की ऐसी दुकानें क्षण भर में बन्द कराने का प्रावधान है, महिलाओं के योजनाबद्ध अपमान और चरित्र-हनन की यह ताज़ी हरकत इन अधिकारों के प्रयोग की ज़रूरत बताने के लिये एक ज्वलंत उदाहरण है। ब्लॉगर्स को इस पर तो स्पष्ट रूप से सामने आना चाहिये और ग़लत को ग़लत भी कहना चाहिये और स्टाकर्स/शोहदों को सज़ा दिलाने में जिस सहायता की ज़रूरत हो, प्रदान करनी चाहिये।

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  16. बुद्धिजीवी भी नहीं समझ पाते, इतनी कुटिलता से नाम और फोटो को यूज किया जाता है!!!
    कुछ तो उपाय कीजिये

    प्रणाम

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  17. यदि कोई ब्लॉगर किसी अन्य ब्लॉगर की तस्वीर और कविता के मौजूद अथवा हटाये गये लिंक दूसरी जगह पोस्ट करना चाहता है तो उसे उस ब्लॉगर से अनुमति लेनी चाहिए . और यदि उक्त ब्लॉगर असुविधाजनक महसूस कर रहा है तो उसे जरुर हटा देना चाहिए ...
    सहमत !

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  18. मुझे भी अपनी एक दो ग़ज़ल अनजाने ब्लोग्स पर मिलीं हैं..बिना अनुमति के और बिना नाम के
    एक बार तो देखकर लगा कि कम से कम नाम तो मेरा डालना चाहिए था..अनुमति ना लेता ना सही...
    फिर सोचा..जाने दो...
    अपने डैडी का क्या जा रहा है इसमें..
    :)

    हाँ,
    ये जानने की जरूर इच्छा हुई कि ये है कौन...लेकिन कुछ पता नहीं चला..

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