tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post7087441897491405129..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: क्या वो आपको मंजूर होगा ??स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger35125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-56824310076360314722012-07-10T08:55:06.390+05:302012-07-10T08:55:06.390+05:30मुझे भी अपनी एक दो ग़ज़ल अनजाने ब्लोग्स पर मिलीं हैं...मुझे भी अपनी एक दो ग़ज़ल अनजाने ब्लोग्स पर मिलीं हैं..बिना अनुमति के और बिना नाम के<br />एक बार तो देखकर लगा कि कम से कम नाम तो मेरा डालना चाहिए था..अनुमति ना लेता ना सही...<br />फिर सोचा..जाने दो...<br />अपने डैडी का क्या जा रहा है इसमें..<br />:)<br /><br />हाँ,<br />ये जानने की जरूर इच्छा हुई कि ये है कौन...लेकिन कुछ पता नहीं चला..manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-30463500467769933142012-07-10T08:41:37.112+05:302012-07-10T08:41:37.112+05:30यदि कोई ब्लॉगर किसी अन्य ब्लॉगर की तस्वीर और कवित...यदि कोई ब्लॉगर किसी अन्य ब्लॉगर की तस्वीर और कविता के मौजूद अथवा हटाये गये लिंक दूसरी जगह पोस्ट करना चाहता है तो उसे उस ब्लॉगर से अनुमति लेनी चाहिए . और यदि उक्त ब्लॉगर असुविधाजनक महसूस कर रहा है तो उसे जरुर हटा देना चाहिए ...<br />सहमत !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-71824449633512298842012-07-09T16:16:16.276+05:302012-07-09T16:16:16.276+05:30बुद्धिजीवी भी नहीं समझ पाते, इतनी कुटिलता से नाम औ...बुद्धिजीवी भी नहीं समझ पाते, इतनी कुटिलता से नाम और फोटो को यूज किया जाता है!!!<br />कुछ तो उपाय कीजिये<br /><br />प्रणामअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-46376419213628658572012-07-09T07:36:25.594+05:302012-07-09T07:36:25.594+05:30पहली बार भी यह पोस्ट रेलिवेंट थी और आज भी है। अंतर...पहली बार भी यह पोस्ट रेलिवेंट थी और आज भी है। अंतर्जाल का दुरुपयोग करने वालों के इरादे सबके सामने हैं। बदनीयती का साथ न देने की बात भी अधिकांश भद्रजन कहते, सुनते करते ही रहे हैं, यहाँ भी इसकी ज़रूरत है। यह कठिन भी नहीं है, गूगल की खैरात पर दूसरों के व्यक्तित्व या आस्था की हत्या करना कभी भी स्वीकार्य नहीं होना चाहिये। भारतीय न्याय व्यवस्था में नफ़रत की ऐसी दुकानें क्षण भर में बन्द कराने का प्रावधान है, महिलाओं के योजनाबद्ध अपमान और चरित्र-हनन की यह ताज़ी हरकत इन अधिकारों के प्रयोग की ज़रूरत बताने के लिये एक ज्वलंत उदाहरण है। ब्लॉगर्स को इस पर तो स्पष्ट रूप से सामने आना चाहिये और ग़लत को ग़लत भी कहना चाहिये और स्टाकर्स/शोहदों को सज़ा दिलाने में जिस सहायता की ज़रूरत हो, प्रदान करनी चाहिये।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-50491796416208126622012-07-09T05:09:37.439+05:302012-07-09T05:09:37.439+05:30अजय जी,
बहुत मेहनत करते हैं आप..
मेरा लिखा इस योग्...अजय जी,<br />बहुत मेहनत करते हैं आप..<br />मेरा लिखा इस योग्य लगा आपको, यही बड़ी बात है..<br />आपका धन्यवाद.स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-84909846014493183092012-07-09T05:08:00.696+05:302012-07-09T05:08:00.696+05:30सिद्धार्थ जी,
सबसे पहली बात, मैं कृतज्ञं हूँ आप आए...सिद्धार्थ जी,<br />सबसे पहली बात, मैं कृतज्ञं हूँ आप आए |<br />अब अब ऐसा कोई जतन हो कि सदाशय का स्वर धीमा न पड़े,<br />आप भी कुछ बताइये, हमें क्या करना चाहिए.. ?<br />धन्यवादस्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-36315225845782253902012-07-09T05:05:05.019+05:302012-07-09T05:05:05.019+05:30सुज्ञ जी,
बस ये आन्दोलन अब शुरू होना ही चाहिए...अब...सुज्ञ जी,<br />बस ये आन्दोलन अब शुरू होना ही चाहिए...अब भी नहीं हुआ तो कभी नहीं होगा..<br />आप आए, आपका धन्यवाद..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-61490558078729024742012-07-09T05:03:06.248+05:302012-07-09T05:03:06.248+05:30आपकी सारी बातें, सिर-माथे पर..
यहाँ रहना है तो साव...आपकी सारी बातें, सिर-माथे पर..<br />यहाँ रहना है तो सावधानी बरतनी ही होगी...स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-51067287484030887312012-07-09T05:00:57.673+05:302012-07-09T05:00:57.673+05:30चलिए आपने भी अभय जी को परामर्श दे दिया ..
धन्यवादचलिए आपने भी अभय जी को परामर्श दे दिया ..<br />धन्यवादस्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-91407745805743578772012-07-09T05:00:05.676+05:302012-07-09T05:00:05.676+05:30वंदना जी,
अगर उसके बात भी कोई ऐसा करता है तो...ऊँग...वंदना जी,<br />अगर उसके बात भी कोई ऐसा करता है तो...ऊँगली टेढ़ी करनी पड़ेगी...:)<br />और अब हम उसके लिए भी तैयार हैं..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-71117922215163420662012-07-09T04:58:39.155+05:302012-07-09T04:58:39.155+05:30ललित जी,
आप आए बहुत ख़ुशी हुई..!ललित जी,<br />आप आए बहुत ख़ुशी हुई..!स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-60787888099923699262012-07-09T04:57:45.152+05:302012-07-09T04:57:45.152+05:30आभारी हैं हम..!आभारी हैं हम..!स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-75089074085466993302012-07-09T04:56:53.796+05:302012-07-09T04:56:53.796+05:30शालिनी जी,
ऐसे लोगों को सबक सिखाने का एक तरीका, &#...शालिनी जी,<br />ऐसे लोगों को सबक सिखाने का एक तरीका, 'असहयोग' भी है..<br />यकीन कीजिये, इस समय आप बहुत कुछ कर सकतीं हैं..<br />आपका धन्यवादस्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-76471032818600700272012-07-09T04:54:04.026+05:302012-07-09T04:54:04.026+05:30बहुत दिनों बाद कमेन्ट बोक्स खोला है मैंने...
आप आए...बहुत दिनों बाद कमेन्ट बोक्स खोला है मैंने...<br />आप आए, और सहमत भी हुए आभार आपका..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-87075703120797731952012-07-09T04:13:30.068+05:302012-07-09T04:13:30.068+05:30कोई बात नहीं सुषमा जी,
ऐसी कोई ख़ुशी की भी बात नही...कोई बात नहीं सुषमा जी,<br />ऐसी कोई ख़ुशी की भी बात नहीं है, जो आपसे कहूँ आपने कुछ मिस किया..<br />कुछ शरारती तत्वों ने हमारे ब्लॉग जगत की दो अति विशिष्ठ महिलाओं की तस्वीर कुछ ग़लत सन्दर्भों से जोड़ कर पोस्ट कर दिया...कई बार निवेदन करने के बाद एक तस्वीर हटी है, दूसरी के हटने का अभी इंतज़ार ही कर रहे हैं हम...<br />आप आईं हार्दिक प्रसन्नता हुई..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-69042681188966345152012-07-09T03:49:58.807+05:302012-07-09T03:49:58.807+05:30aapka lekh padha, parantu context se filhal vaqif ...aapka lekh padha, parantu context se filhal vaqif nahin hoon. yun hii kaii maheenon se sirf 4-5 blog par hii kuch padhtii hoon..स्वप्नदर्शीhttps://www.blogger.com/profile/15273098014066821195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-23552222881272366732012-07-08T19:55:35.558+05:302012-07-08T19:55:35.558+05:30आपने जिस खतरे से सावधान किया है वह खतरा वास्तविक ह...आपने जिस खतरे से सावधान किया है वह खतरा वास्तविक है। किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति से ऐसी ऊल-जलूल हरकतों की अपेक्षा नहीं की जा सकती; लेकिन मुश्किल यह है कि हिंदी ब्लॉग जगत में जिम्मेदार लोगों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। बहुत से लोग विवादों से दूर रहने में ही अपनी भलाई समझते हैं। ऐसे में सदाशय का स्वर धीमा पड़ जाता है और उद्दंडता शोर मचाती रहती है।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-41609091444715504302012-07-08T19:18:46.046+05:302012-07-08T19:18:46.046+05:30वाकई जिनकी मंशा और नियत बुरी है वे ऐसे दुरपयोग करत...वाकई जिनकी मंशा और नियत बुरी है वे ऐसे दुरपयोग करते है। अश्लील शब्दों वाले समाचार आदि की पोस्ट पर जानबूझ कर किसी भी बहाने चित्र चिपका देते है। परिणाम स्वरूप सर्च में आपके चित्र पाए जाते है। ऐसे घृणित मंशाओं की पहचान कर बाहिस्कार किया जाना चाहिए साथ ही उन तत्वों से सावधानी के संदेशों का प्रसार होना चाहिएसुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-12008807360273716612012-07-08T19:00:47.604+05:302012-07-08T19:00:47.604+05:30सिर्फ महिलाएँ नहीं कई बार पुरूषों के साथ भी ऐसा हो...सिर्फ महिलाएँ नहीं कई बार पुरूषों के साथ भी ऐसा होता है.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-58974937769030657912012-07-08T18:48:23.840+05:302012-07-08T18:48:23.840+05:30अभय जी,
आप मेरी कविता, आपकी प्यारी बेटी के लिए लगा...अभय जी,<br />आप मेरी कविता, आपकी प्यारी बेटी के लिए लगा सकते हैं...<br />मेरा नाम आपने दिया ही था..<br />शुक्रियास्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-91234317362745719312012-07-08T17:43:46.166+05:302012-07-08T17:43:46.166+05:30@ एक बात यहाँ बताना ज़रूरी है कि हम महिलाओं की प्र...@ एक बात यहाँ बताना ज़रूरी है कि हम महिलाओं की प्रतिष्ठा कोई पानी का बुलबुला नहीं जो ऐसे लोगों के बे-सिर पैर की बातों से फूट जाएगा ...न ही यह ब्लॉग जगत इतना मूढमति है कि इनकी नियत से वाकिफ नहीं है...हाँ इनके अपने अहम् की तुष्टि बेशक हो जाती है, लेकिन ऐसा करके ये ख़ुद को और भी नीचे गिराते हैं...जो भी धारणा बनी हुई है आम जनसमूह में ये उसकी पुष्टि ही कर रहे हैं...<br />इनलोगों की ऐसी हरक्कत इनको लोगों की नज़र में कभी उठने नहीं देगा...स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-90234912689430588192012-07-08T17:29:50.354+05:302012-07-08T17:29:50.354+05:30अब यह तो उस ब्लॉगर पर निर्भर करता है कि उसकी मानसि...अब यह तो उस ब्लॉगर पर निर्भर करता है कि उसकी मानसिकता क्या है.उसे यदि किसीको अपमानित ही करना है तो उसे आपका नाम लेने की जरूरत ही कहाँ होती है.मैं तो पिछले काफी समय से देख रहा हूँ कि ऐसे ब्लॉगर किसीको खासकर किसी महिला को भला बुरा कहना चाहे या अपमानित करना चाहें तो बिना सीधे सीधे उसका नाम लिए ही ऐसे किसी तरीके से बात करते हैं कि कम से कम ब्लॉगिंग में सक्रिय रहने वाले लोगों को साफ पहचान हो जाती है कि किसके बारे में बात की गई है.उस व्यक्ति को भी पता चल जाता है लेकिन वह विरोध नहीं कर पाता न दूसरे ही विरोध कर पाते हैं क्योंकि वो उल्टा गले पड जाएँगे कि आप हमें बेवजह विवाद में घसीट रहे हैं.ऐसे में व्यक्ति को अपमान का घूँट पीकर रह जाना पडता है.और चूँकि नाम नहीं लिया गया है तो शायद कहीं कोई शिकायत भी दर्ज नहीं कराई जा सकती.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-6369025026552864202012-07-08T17:28:24.090+05:302012-07-08T17:28:24.090+05:30Rachna ji,
I do agree entirely. if some one is no...Rachna ji,<br /><br />I do agree entirely. if some one is not feeling comfortable to his or her photograph ,on anybody's blog and requests to remove it, it is mere courtesy to act accordingly.<br />This is what is expected from any educated, cultured person. This is really sad to see such brutal act by those people who claim to be so called most 'sophisticated'. <br /><b>To me, it looks, a well planned strategy to defame, women from specific community.</b>स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-67317107787733273932012-07-08T16:55:18.474+05:302012-07-08T16:55:18.474+05:30ada
the best part is that he can put the photogr...ada <br /><br />the best part is that he can put the photograph , put the name with the photograph and if asked to remove he wants an verification of the photgraph <br /><br />I think there can be nothing more stupid then this <br /><br />Why should some one lift someones photo and use labels that have nothing to do with the post or the commentsरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-74987951135805475452012-07-08T16:44:31.056+05:302012-07-08T16:44:31.056+05:30त्रिवेदी जी,
बात यहाँ आपके हाजमे की नहीं हैं, सतर्...त्रिवेदी जी,<br />बात यहाँ आपके हाजमे की नहीं हैं, सतर्कता की है, आप मेरे विषय में क्या और कहाँ लिख रहे हैं, इसकी जानकारी और समझ मुझे होनी ही चाहिए...यह मेरा अधिकार है. आलोचना या प्रशंसा के रूप में आप कहीं भी कुछ भी नहीं लिख सकते हैं...मैं तो शालीन रह भी लूँ , क्या ज़रूरी है की दूसरे भी शालीन रहेंगे ? ब्लॉग जगत में प्रशंसा और समर्थन के नाम पर चारित्रिक हनन होते हुए देख रही हूँ...और मैं किसी भी हाल में ऐसी दुर्भावना का समर्थन नहीं कर सकती...आप एक स्वस्थ आलोचना कर सकते हैं, जिसकी जानकारी मुझे होनी चाहिए, और मुझे वो मंजूर भी होना चाहिए..<br />दूसरी बात क़ानून अगर इतना ही सहज रास्ता होता तो सब उसका उपयोग हर बात पर करते...आप हम सभी जानते हैं, क़ानून अपना वक्त लेता है, उसके चक्कर में रहें तो हो लिया काम...अगर ज़रा सी सतर्कता से बड़े नुकसान से बचा जा सकता है तो मैं उसके पक्ष में हूँ...<br />A stitch in time saves nine.स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com