काफी वक्त गुज़ार दिया है मैंने इस ब्लॉग्गिंग की दुनिया में और अब तक जो बात समझ में आई है मुझे, वो मैं बताना चाहूँगी :
यहाँ की ज्यादातर आवाम अमन पसंद है, असहमतियों, आपत्तियों, विरोध ये सारे हंगामे होते हैं, लेकिन अब वो उतने बुरे नहीं होते जैसे पहले होते थे। काफी स्वस्थ विमर्श अब देखने को मिलता है।
अधिकतर पुरुष महिलाओं का आदर करते हैं, और अब अपनी सीमा जानते हैं। देख कर ख़ुशी होती है। लेकिन कुछ ऐसे भी पुरुष हैं,जो महिलाओं को पसंद तो करते हैं, लेकिन बिना दिमाग वाली औरतें उनको ज्यादा पसंद थीं। यह उनका दुर्भाग्य हुआ कि ब्लॉग जगत की सभी महिलायें दिमाग वाली हैं। इसलिए वो झेल नहीं पाते थे। फिर भी समयानुसार उन पुरुषों में भी बदलाव अब देखने को मिल रहा है। जो बहुत अच्छी बात है।
अच्छा लग रहा है देख कर कि ब्लॉग जगत में अश्लीलता में काफी कमी आई है। लोग सहिष्णु हो रहे हैं, जो पहले अश्लीलता पर उतर आते थे, अब खुद में सुधार ला रहे हैं। अब वैसा हंगामा नहीं होता है, जैसे पहले होता था । अश्लीलता किसी भी कीमत पर झेली नहीं जायेगी चाहे वो किसी के भी प्रति हो, यह मोटो होना ही चाहिए ब्लॉग जगत का। अश्लीलता को अब वो अटेंशन नहीं मिलती जो पहले मिलती थी, इसलिए ऐसा लेखन करनेवाले भी अब नम्र हो रहे हैं, यह भी बहुत अच्छी बात है।
बेनामी टिप्पणियों में तो भारी मात्रा में कमी आई है। जो बहुत ही पोजिटिव बात है। अब तो एक्का-दुक्का ही ऐसी टिप्पणियाँ देखने को मिलतीं हैं, और जो मिलतीं हैं, सभी जानते हैं वो किनकी हैं। बेनामी भी अब सभ्य टिप्पणियाँ करने लगे हैं।
बेनामी प्रोफाइल्स भी अब नहीं के बराबर सक्रीय हैं।
टिप्पणियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। अब हर ब्लॉग में टिप्पणियाँ प्रचूर मात्रा में देखने को मिलती हैं । इसलिए ये स्पर्धा भी अब लगभग समाप्तप्राय हो रही है।
टिप्पणियों की गुणवत्ता में भी बहुत सुधार हुआ है। अब अधिकतर लोग अपनी बात खुल कर कहते हैं, जिससे, पोस्ट की महत्ता बढ़ जाती है, कई बार पोस्ट से अधिक जानकारी टिप्पणियों में ही मिल जाती है। फिर भी इसमें और अधिक सुधार की गुंजाईश अब भी है।
पहले की तरह अब ब्लोग्गर्स, असहमतियों, आपत्तियों, विरोध से नहीं घबराते। जिनको जवाब नहीं देना होता है वो नहीं ही देते हैं। ब्लोग्गर्स अपने मोडेरेशन का सही इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर लोगों को किसी ब्लोग्गर की लिखी, पोस्ट पसंद नहीं आयी तो, ब्लोग्गर अपने अधिकार का सही इस्तेमाल करते हुए सारी टिप्पणियाँ हटा देता है, जो बिलकुल सही है। टिप्पणी रखना न रखना यह ब्लोग्गर का अधिकार है और इस अधिकार का बहुत सही इस्तेमाल कर रहे हैं ब्लोग्गर्स । अच्छी बात यह भी है कि पाठक, ब्लोगर के इस फैसले का सम्मान भी कर रहे हैं।
और जो ब्लोग्गर्स पहले भी चुपचाप अपना काम करते थे वो अब भी कर रहे हैं। आज भी बहुत सारे अच्छे ब्लोग हैं. अच्छा लिखने वाले हैं जो पाठकों की आस लगाए बैठे हैं, वो अब भी बैठे ही हैं। लेकिन उनको भी अपनी तरफ से परिश्रम करना ही होगा और एक बात बिलकुल सही है, अगर आप सचमुच अच्छा लिखते हैं, और खुद को सामने लेकर आते हैं, तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
और जो ब्लोग्गर्स पहले भी चुपचाप अपना काम करते थे वो अब भी कर रहे हैं। आज भी बहुत सारे अच्छे ब्लोग हैं. अच्छा लिखने वाले हैं जो पाठकों की आस लगाए बैठे हैं, वो अब भी बैठे ही हैं। लेकिन उनको भी अपनी तरफ से परिश्रम करना ही होगा और एक बात बिलकुल सही है, अगर आप सचमुच अच्छा लिखते हैं, और खुद को सामने लेकर आते हैं, तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
कुलमिला कर हिंदी ब्लोग्गर्स अब काफी परिपक्व नज़र आ रहे हैं और हिंदी ब्लॉग्गिंग अब सही दिशा की ओर जा रही है।
आप सभी को हृदय से बधाई।