आजकल कहीं भी कार से यात्रा करनी हो तो GPS यानी Global Positioning System के बिना बाहर निकलना ही मुश्किल है... यह एक यंत्र है जिसमें आपको जहाँ भी जाना है, उस स्थान का पता फीड कर दें और ..सेटेलाईट से दिशा और दूरी का हिसाब-किताब करते हुए यह यंत्र आपको गंतव्य तक पहुँचा ही देता है...ख़ुश होने वाली बात यह है कि एक मधुर आवाज़ आपका दिशा निर्देश करती रहेगी...Drive 3 kilometers , keep left, at 300 meters turn right वगैरह-वगैरह .... अब अगर इतनी मीठी आवाज़ इतने प्यार से कुछ भी कहेगी तो भला आप क्यूँ नहीं मानेंगे...अच्छी बात ये है कि ये बालिका ऐसे ही मधुर-मधुर बोलती हुई, अपनी और आपकी गलतियाँ को रिकैल्कुलेट करती हुई आपको, आपके पते तक पहुँचा देती हैं....
हमारे भारत में भी एक सिस्टम है...JPS का, ...है ये बहुत पुराना....और यही सिस्टम काम ही करता है...पूरे देश की सडकें इतनी बेतरतीब हैं कि और किसी सिस्टम के काम करने की सम्भावना ज़रा कम लगती है, आप कहीं भी जा रहे हैं, JPS आपका साथी है, अगर आपको उस जगह की जानकारी नहीं है और आप JPS की मदद के बिना पहुँच गए तो फिर हम मान जायेंगे आपको... लगी शर्त, इसके बिना आप कहीं पहुँच ही नहीं सकते,
चाहे वो चांदनी चौक हो या चार मीनार, बड़कल लेक हो या झुमरी तलैय्या....बड़े शहर, छोटे शहर या फिर कोई क़स्बा या गाँव, JPS से आप हर पते का पता लगा सकते हैं....ख़ास करके बीवियां तो इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल करतीं हैं...आप ज़रा राह भटके नहीं कि बस ..फट से 'JPS ' इस्तेमाल करने की सलाह दे ही देतीं हैं...'अजी ! ज़रा JPS '..... बड़े काम की चीज़ है ये...इसे न चार्ज करने की ज़रुरत, न ही एड्रेस फीड करने की ज़रुरत ..ज़रुरत है तो बस किसी पान की दूकान , किसी परचून की दूकान, किसी राह चलते राहगीर या थ्री व्हीलर या कहीं भी अपनी गाड़ी रोकिये और फिर JPS 'ज़रा पूछिए तो सही' ..:):) पता मिल जाएगा...
हाँ नहीं तो...!!
हाँ नहीं तो...!!
अदा दीदी,
ReplyDeleteबिलकुल सही कहा है ..... मैंने कईं बार JPS यंत्र को काम में लिया है
अच्छा यंत्र है , इंसानों में अपनापन बढाता है
कोई रास्ता पूछता है .... कोई बताता है......... तो अच्छा लगता है
पोस्ट बहुत अच्छी है , जिस तरह आपने GPS को चित्रित किया है काबिले तारीफ है
इस पोस्ट के लिए धन्यवाद
अभी तक GPS पर नहीं गये हैं अभी तो JPS जिंदाबाद है :)
ReplyDeleteये मेरे लिए कुछ disabled हो गया था या बीते दिनों कमेन्ट जा नहीं रहे थे?
ReplyDeleteवैसे हाँ JPS है बड़े काम की चीज... पर गुडगाँव जैसे शहरों में नहीं..बगल की गली में लोगों को कुछ नहीं पता.
जितना काम का जीपीएस है उससे कही अधिक कारगर जेपीएस है। अमेरिका में जीपीएस के सहारे भी जब चूक होती है तो कई मील की लगती है लेकिन हमारे यहाँ बस पूछते चलो और आगे बढ़ते चलो। अरे भाई बोलता देश है, गूंगा नहीं।
ReplyDeleteGPS के विषय में बेहतरीन जानकारी!
ReplyDeleteऔर हाँ GPS एक बार फेल हो सकता है पर JPS कभी फेल नहीं हो सकता। कल ही मैं और ललित शर्मा जी पाबला जी के यहाँ गये थे तो भिलाई में रिसाली सेक्टर और पाबला जी का घर कहाँ है यह जानने के लिये हमने JPS का का तीन चार बार प्रयोग किया था।
आपने कमेंट करने के लिये इतने दिन तरसाया और जब मौका आया तो इतनी मजेदार बात लिख दी कि गुस्सा भी नहीं हो सकते। JPS के सामने सब फेल है।
ReplyDeletebilkul sahi kaha aapne!
ReplyDeleteबस JPS के जरिये थोडा समय ज्यादा खर्च होता है वरना ये तकनीक GPS से ज्यादा कारगर और पुरानी है जी
ReplyDeleteप्रणाम
हमारे यहाँ तो jps रिक्शावाला से पूछ लिया तो आपकी खैर नहीं वो आपके साथ घर तक पहुँच जायेगा |
ReplyDeleteअब दिख रही हैं आप अपने पुराने रंग में, वैराईटी ऑफ़ फ़्लेवर्स।
ReplyDeleteGPS vs JPS में हम जैसों के लिये तो यकीनन JPS ज्यादा मुफ़ीद है क्योंकि यह SST(Sasta Sunder & Tikaaoo) भी है।
एकाध गाना शाना भी सुनवा देते जी तो बड़ा उपकार होता।
सदैव आभारी।
बहुत खूब...गीत-गजलों से अलग आपकी यह पोस्ट अच्छी लगी.सच है भारत में तो चाहे कार से या पैदल, कैसी भी यात्रा हो, जनता पोजीशनिन्ग सिस्टम ही कारगर है.
ReplyDeleteGPS न हो गया अदा जी का मधुर गला हो गया...
ReplyDeleteJPS मतलब....जुगाड़ परमानेंट साथी....
जय हिंद...
अदा दीदी,
ReplyDeleteबिलकुल सही कहा है .