घर में हम सभी एक साथ बैठ कर फिल्म्स देखते हैं...अच्छा लगता है...फैमिली रूम में ज़मीन पर बिस्तर बिछाना...गरम-गरम पॉपकॉर्न बनाना, बड़े-बड़े डब्बों में लेकर, और फिर सबका एक ही जगह लेट कर फिल्म का आनंद उठाना ...इसी बीच बच्चों का मेरी गोद में लेटने के लिए लड़ना...मेरे दो हाथ हैं और बच्चे तीन...कोई कहता कि मेरी पीठ खुजाओ, कोई कहता मेरा सिर सहलाओ, और किसी की फरमाईश कि बस मेरा हाथ थामे रहो....इस चिल्ल-पों का अपना ही एक आनंद होता है...थियेटर का माहौल बनाना, सराउंड साउंड और लाइटिंग परफेक्ट बनाना फिर फिल्म चलाना, चलती फिल्म में और अगर कोई उठकर बाथरूम भी जाए तो सबका एक साथ चिल्लाना और फिल्म को रोक देना...तब-तक जबतक कि वो वापिस नहीं आ जाता....और अगर कोई 'ऐसा वैसा' सीन आए तो सेंसर कि कैंची लिए किसी न किसी बालक का मुस्तैद रहना ..कहने की भी ज़रुरत नहीं होती अब तो...बस झट से फास्ट-फॉरवर्ड का बटन दबा देना ...सब कुछ बड़ा automatic है..सबको एक-दूसरे की पसंद-नापसंद का पता है..और सच पूछिए तो परिवार का अर्थ भी यही है..एक-दूसरे को पूरी तरह समझना..
हे भगवान् !!! हम तो कुछ और कहने आए थे आउर कुछ का कुछ कहने लगे ...अजी आए थे हरिभजन को ओटन लगे कपास...बात हम कर रहे थे हिंदी फिल्मों की...बात ई है कि आज कल हम ज़रा खिस्केली हुए पड़े हैं ..आएँ-बाएँ कर रहे हों तो माफ़ कीजियेगा...
हाँ तो हम कह रहे थे ...जब भी आज कल कोई हिंदी फिल्म देखने लगते हैं तो लगता है इसे पहले देखा
है...जबकि वो बिल्कुल नई फिल्म होती है...और तब बच्चे फटाफट बता देते हैं...अरे मम्मी ये तो फलाने Hollywood मूवी की कॉपी है ...तब दिल करता है चम्मच में पानी लेवें और बस गोता लगा जावें...और जनाब एक बार पता लग जाए ये कौन सी मूवी है फिर देखो मृगांक तो पूरी कहानी बता देता है....और हम फिल्म बनाने वालों से बस इतना सा शिष्टाचार की उम्मीद करते रह जाते हैं..कम से कम जहाँ से नक़ल की है उसका नाम तो बता दो.... हाँ नहीं तो...!!
पता नहीं क्यों हम हिन्दुस्तानी नक़ल करने में बहुत होशियार हैं (इन्क्लुडिंग मी)...चलिए कोई बात नहीं..बॉलीवुड नक़ल करने से बाज़ तो नहीं आएगा, लेकिन पता तो होना ही चाहिए कि ये सारी फिल्में नक़ल हैं..हमारे लेखक, निर्देशक के दीमाग की उपज नहीं है...कितनी आसानी से सारा क्रेडिट हमारे बॉलीवुड के कर्ता-धर्ता ले जाते हैं...आज तक कहीं नहीं देखा है, न ही सुना है कि हमने यह फिल्म फलाने हॉलीवुड फिल्म से प्रेरित होकर बनाई है...या फिर हमें इसकी कहानी अच्छी लगी तो सोचा चलो हम भी इसे अपने हिसाब से भारतीय लोगों के लिए बना कर देखें...न जी न ....!! यकीन कीजिये ऐसी फिल्मों की संख्या बहुत ज्यादा है..
चलिए कुछ फिल्मों की बात करते हैं यहाँ पर ...
एक बहुत ही पुरानी फिल्म आ रही थी टी वी पर It Happened One Night उसे देख कर लगा कि इससे मिलता जुलता सीन देखा है मैंने ...कहीं तो देखा है इसे ...फिर याद आया इसकी हू-ब-हू नक़ल है राज कपूर नर्गिस की फिल्म चोरी-चोरी, फिर याद आया कि आमिर खान और पूजा भट्ट की फिल्म 'दिल है कि मानता नहीं' शाट बाई शाट 'चोरी-चोरी' की नक़ल है...वो बस के अन्दर वाला सीन...भुट्टे की जगह तरबूज खाने का सीन...तो जनाब नक़ल करने की बीमारी आज की नहीं है ...बस ये पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही है...
फिर याद आया अनु अग्रवाल की फिल्म 'खलनायिका ' वो नक़ल थी अंग्रेजी फिल्म 'The hand that rocks the cradle' की..
बचपन में एक फिल्म देखी थी 'The Sound of Music' बड़े हुए तो देखा 'परिचय',जीतेंद्र और जया भादुरी ..
मेरी एक बहुत ही पसंदीदा हॉलीवुड की फिल्म है 'The Shawshank Redemption ' उससे मिलती जुलती फिल्म बनी 'तीन दीवारें' फिर एक फिल्म देखा था 'Changing Lanes' उसकी नक़ल बनी 'Taxi नंबर ९२११'
Michael Douglas और Debbi Moor की फिल्म आई थी 'Disclosure ' और इसी की कॉपी बनी है फिल्म 'एतराज़' अक्षय कुमार, प्रियंका चोपड़ा और करीना कपूर जो बहुत हिट रही है....
'The Usual Suspects ' से बनी Chocholate , मेरी एक और बहुत ही पसंदीदा फिल्म है जूलिया रोबेर्स की 'Sleeping with the Enemy', ये एक ऐसी फिल्म है जिसे मैं कई बार देख सकती हूँ, इसकी नक़ल बनी नाना पाटेकर और मनीषा कोईराला की 'अग्निसाक्षी '
Mrs. Doubtfire से बनी चाची ४२०, और MURDER बनी थी फिल्म UNFAITHFUL से....
Mrs. Doubtfire से बनी चाची ४२०, और MURDER बनी थी फिल्म UNFAITHFUL से....
कुछ ऐसी ही फिल्मों की लिस्ट दे रही हूँ आपको याद आए तो आप भी नाम जोड़ दीजियेगा....
मैं हूँ न – Never Been Kissed
क्यूंकि मैं झूठ नहीं बोलता – Liar Liar
आपकी ख़ातिर – The Wedding Date
दीवाने हुए पागल – There’s Something About Mary
राज़ – What Lies Beneath
ज़हर – Out of Time
मैं ऐसा ही हूँ – I Am Sam
हे बेबी – Three Men and a Baby
धमाल – Rat Race
मैं ऐसा ही हूँ – I Am Sam
हे बेबी – Three Men and a Baby
धमाल – Rat Race
अकेले हम अकेले तुम - Kramer vs Kramer
ब्लैक – The Miracle Worker
ब्लैक – The Miracle Worker
सलाम नमस्ते – Nine Months
गज़नी – Memento
सरकार- God father
गोद तुस्सी ग्रेट हो - Bruce Almighty
गोद तुस्सी ग्रेट हो - Bruce Almighty
अंगूर – Comedy of Errors
इत्यादि ...
अभी तो बहुत सारी फिल्में हैं..कुछ आपका भी सहयोग चाहिए...आप भी दिमाग लगाइए कुछ और इस लिस्ट में जोड़ने की कोशिश कीजिये...
यह प्रयोग तो सुपरहिट रहा!
ReplyDelete--
बढ़िया पोस्ट!
बिना सारी फिल्में देखे ..कुछ हद तक सहमत हैं हम...
ReplyDeleteबच्चों से कहिएगा...लेट कर फिल्म ना देखा करें...
ReplyDeletegood..
ReplyDeleteMy best friend's wedding मेरे यार की शादी है
ReplyDeleteE.T. कोई मिल गया
Pay check क्रिश
silence of the lambs संघर्श
Girijesh ji ne kaha:
ReplyDeleteशोले - Seven Samurai (प्रेरणा है नकल नहीं ;)
jab koi kahne ki racipi batata hai, aur fir agar ham usme thora ulat fer kar ke usko pesh karte hain.........to kabhi kabhi wo recipi hit ho jati hai..........to aisa hi hai hamara Bollywood..:)
ReplyDeletewaise aapne bahut saare tathya pesh kiye hain.......thats great!!
Haan..yah sab chalta hee hai..Gulzar ne Angoor me to Shaspear kee tasveer dikha ke kathanak ka mool bata diya tha.
ReplyDelete"Ham aapke hain kaun",yah film box office pe khoob chali aur shot by shot,including several dialogues,copy thee "Nadiya ke paar" film kee. Afsos ke banane wale acknowledge bhi nahi karte...
Your article is extremely interesting!
Kayi baar to copy aise kathanak ki karte hain,jo Bharteey parivesh me asambhav hai!
gyanvardhan huaa ...!
ReplyDeleteबढ़िया पोस्ट !
ReplyDeleteAradhana 1969 To Each His Own 1946
ReplyDeleteAbhimaan 1973 A Star Is Born 1954
Khotey Sikkay 1973 The Magnificent Seven 1960
Dharmatma 1975 The Godfather 1972
Rafoo Chakkar 1975 Some Like It Hot 1959
Sholay 1975 The Magnificent Seven 1960
Karz 1980 The Reincarnation of Peter Proud 1975
The Burning Train 1980 Shinkansen Daibakuha 1975
Shaukeen 1981 Boys' Night Out 1962
Janbaaz=Duel in the Sun (1946)
Satte Pe Satta 1982 Seven Brides For Seven Brothers 1954
Ek Ruka Hua Faisla 1986 12 Angry Men 1957
Khoon Bhari Maang 1988 Return to Eden 1983
Tezaab 1988 Streets of fire 1984
Agneepath 1990 Scarface 1983
Dil Hai Ke Manta Nahin 1991 It Happened One Night 1934
Jo Jeeta Wohi Sikandar 1992 Breaking Away 1979
Chamatkar 1992 Blackbeard's Ghost 1968
Ek Ladka Ek Ladki 1992 Overboard 1987
Baazigar 1993 A Kiss Before Dying 1991
Khal-Naaikaa 1993 The Hand That Rocks The Cradle 1992
Yeh Dillagi 1994 Sabrina 1954
Main Khiladi Tu Anari 1994 The Hard Way 1991
Akele Hum Akele Tum 1995 Kramer vs. Kramer 1979
Yaraana 1995 Sleeping with the Enemy 1991
Criminal 1995 The Fugitive 1993
Rangeela- Win a Date with Tadf Hamilton
Daraar 1996 Sleeping with the Enemy 1991
Agni Sakshi 1996 Sleeping with the Enemy 1991
Papi Gudia 1996 Child's Play 1988
Deewana Mastana 1997 What About Bob? 1991
Judwaa 1997 Twin Dragons 1992
Chor machaye shor(1997).. Blue Streak
Chachi 420 1998 Mrs. Doubtfire 1993
Ghulam 1998 On the Waterfront 1954
Pyar To Hona Hi Tha 1998 French Kiss 1995
Dushman 1998 Eye for an Eye 1996
Sangharsh 1999 The Silence of the Lambs 1991
Mohabbatein 2000 Dead Poets Society 1989
Josh 2000 West Side Story 1961
Bichhoo 2000 Leon: The Professional 1994
Har Dil Jo Pyar Karega 2000 While You Were Sleeping 1995
Dhaai Akshar Prem Ke 2000 A Walk in the Clouds 1995
Kahin Pyaar Na Ho Jaaye 2000 The Wedding Singer 1998
Ajnabee 2001 Consenting Adults 1992
Pyaar Tune Kya Kiya 2001 Fatal Attraction 1987
Kyo Kii... Main Jhuth Nahin Bolta 2001 Liar Liar 1997
Kasoor 2001 Jagged Edge 1985
Awara Paagal Deewana 2002 The Whole Nine Yards 2000
Humraaz 2002 A Perfect Murder 1998
Kaante 2002 Reservoir Dogs 1992
Hum Kisi Se Kum Nahin 2002 Analyze This 1999
Chor Machaaye Shor 2002 Blue Streak 1999
Baadshah(SRK starrer) = Nick Of Time, The Mask, Rush Hour, Mr. Nice Guy
Fareb = Unlawful Entry (1992)
जय हिंद...
अदा जी ! ऐसे तो इस लिस्ट में अब तक जितनी फिल्म्स बनी हैं बॉलीवुड में ..सब शामिल हो जाएँगी :)
ReplyDeleteअदा जी,
ReplyDeleteबॉलीवुड तो खैर हॉलीवुड से पहले से ही प्रेरणा लेता रहा है...लेकिन अब उलटी गंगा भी बहने लगी है...संजय पूरन सिंह चौहान की फिल्म 'लाहौर' पहली फिल्म होगी जिसका हॉलीवुड में रीमेक बनने जा रहा है...हॉलीवुड गैंग नामके प्रोडक्शन हाउस ने संजय पूरन सिंह चौहान से रीमेक के लिए राइट्स देने के लिए संपर्क किया है...हॉलीवुड गैंग जेरार्ड बटलर स्टारर '300' और रॉबर्ट डि नीरो स्टारर 'एवरीबॉडीज़ फाइन' जैसी हिट फिल्में बना चुका है...बहुत संभव है कि संजय पूरन सिंह चौहान ही हॉलीवुड के रीमेक का भी निर्देशन करें...फर्क बस इतना है कि हॉलीवुड पूरे वैध तरीके से काम कर रहा है...और हम हॉलीवुड के ऑरीजनल काम को सीधे लिफ्ट करने में यकीन करते हैं...
जय हिंद...
च पूछिए तो परिवार का अर्थ भी यही है..एक-दूसरे को पूरी तरह समझना..
ReplyDeleteaapki is filmy charcha me ye baat bahut achchhi lagi jo sach bhi hai ,miljulkar jahan aanand uthaya jaaye wo mahaul ki baat hi nirali hoti hai .sundar
इतनी फिल्मे देख डाली । वो भी डबल । ऊपर से खुशदीप ने पूरा लेखा जोखा लिख दिया ।
ReplyDeleteवैसे नक़ल करने में बुराई भी क्या है ,बस मज़ा आना चाहिए ।
बहुत फिल्में ओरिजनल हैं । उनको देखने में अधिक आनन्द आता है । हॉलीवुड रहे न रहे, बॉलीवुड जागता रहेगा ।
ReplyDeletegood research, really nice,
ReplyDeletevivj2000.blogspot.com
लम्बी शोध चली.
ReplyDeleteचलो जी नकल की वजह से ही सही हालीवुड की कहानियां हम भी देख पाते हैं
ReplyDeleteप्रणाम
हॉलीवुड रहे न रहे, बॉलीवुड जागता रहेगा ।
ReplyDeleteबढ़िया पोस्ट !
कौन कहता है आपके सिर्फ दो हाथ हैं ?
ReplyDeleteक्या पोल खोली है वाह.. :)
ReplyDelete
ReplyDeleteQ. हॉलीवुड अगर नहीं होता तो बॉलीवुड का क्या होता .....?
A.
म्म्मैडम जी मैं बताऊँ ?
जी इसका नाम होता नालीवुड !
बाप रे बाप, कितना शोध किया है ..
दुर.. एतना समय में त रऊआ एगो गजले लिख लेतीं न जी ?
वईसे यह बात गौरतलब है कि बॉलीवुड का नामकरण ही हॉलीवुड की तर्ज़ पर हुआ है,
बकिया लीखे हम थोड़ा.. लेकिन बूझीयेगा आप ज्यादा.. !
ReplyDeleteऎ भाई, ई visible after blog owner approval से हमको बड़ा न डर लगता है..
ईसके चक्कर में जाने केतना टिपणी घोँटा गया है !
अगर मेल से टिप्पणी देंगे त छापीयेगा नू ?