Monday, February 28, 2011

मैं दुल्हन तेरी तू दूल्हा पिया..ना देखो मुझे उड़ता है धुवाँ ...


दिल जलता है तो जलने दे...
तेरा मेरा प्यार अमर...फिर किस बात का डर..
क्या क्या न सहे हमने सितम आपकी खातिर ...ये जान भी जायेगी सनम सुट्टे की कसम...
मैं तेरे प्यार में पागल ऐसे धूकती हूँ....
मैं दुल्हन तेरी तू दूल्हा पिया..ना देखो मुझे उड़ता है धुवाँ

आजा के  इंतज़ार में बुझने को है सिगार भी...

जब तक मेरे हाथों में मेरा प्यार बाक़ी  है...समझ लो जानम तेरा इंतज़ार बाक़ी है
चल चल चल मेरे साथी ओ मेरे साथी ..


5 comments:

  1. तौबा...तौबा...तौबा
    तखलिया
    खबरदार जो इन बेहूदा लोगों ने हिन्दुस्तान में कदम रखा तो
    हाँ नहीं तो

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  2. आदरणीया अदा जी
    सादर सस्नेहाभिवादन !

    कमाल की पोस्ट है आज तो … :)
    दम मारो दम !
    ग़म हो न कम !
    मिट जाएं हम !
    ग़ज़ब बेशरम !



    आज गीत की हसरत पूरी नहीं हुई …
    बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  3. कोई नयी बात नहीं है जी....

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  4. हम दोनों के गाने ने शुरू करवाया था ये, ये सब पहले देख लिया होता तो बचे रहते:) देव आनंद भी फ़ेल है जी इनके आगे।

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