आज कल ब्लॉग जगत में बेनामी जी
अपनी सही और सधी हुई बातों के लिए बहुत पसंद किये जा रहे हैं...पहले दिन ही मुझे लगा कि ये ज़रूर मुफलिस जी हैं..उनसे मैंने पूछ भी लिया ...लेकिन ज़ाहिर सी बात है उनका जवाब ..'ऋणात्मक' था..हा हा हा..
फिर मुझे लगा गिरिजेश राव हैं, उनसे भी पूछ लिया...उनका जवाब गोल-मोल था....
आज गौतम राजरिशी की टिपण्णी देखी उनपर भी लोगों ने शक किया है...
आज आप लोगों से पूछती हूँ कौन है ये 'बेनामी जी' ??
वैसे तो ये बेनामी ही रहे तो अच्छा है..क्यूंकि 'बेनामी' रह कर ये जो काम कर पा रहे हैं शायद 'नाम' के साथ नहीं कर पाते...मैं तो इनकी मुरीद हो ही गयी हूँ...आप लोग क्या कहते हैं...ज़रा अपने विचार दीजिये आखिर हैं कौन ये..?
कोई महिला भी हो सकती हैं.. चलिए अब गेसियाइये ज़रा.....हा हा हा
अरे नामी हों या बेनामी, लिख तो हिन्दी ब्लोगजगत के भले के लिये ही रहे हैं। बहुत बहुत धन्यवाद उन्हें!
ReplyDeleteअरे नामी हों या बेनामी, लिख तो हिन्दी ब्लोगजगत के भले के लिये ही रहे हैं। बहुत बहुत धन्यवाद उन्हें!
ReplyDeleteअदा जी,
ReplyDeleteजब उन्होंने खुद बेनामी होना चुना है तो भला हम गैसिया कर उनकी अमानत में खयानत क्यों करें? हाँ इतना ज़रूर है की जो भी हैं बहुत समझदार और परिपक्व हैं. इसलिए हम उनकी होशियारी और ईमानदारी की तारीफ़ किये बिना नहीं रहेंगे.
नाम में क्या रखा है, क्या नाम किसी के अस्तित्व को मिटा सकता है क्या ? बस इतना पर्याप्त है कि उनका लिखा आपके ह्रदय को छू रहा है ।
ReplyDeleteइन साहब का सबसे पहला कमेन्ट जब देखा था तो एक छवि बनी थी मन में...
ReplyDeleteफिर कुछ और देखा सोचा समझा...या कहिये के कोशिश कि...ये सब करने कि...
तो छवि में ज़रा तबदीली आई...
अब घूम फिर कर वही ढाक के तीन पात...
गौतम जी का तो खैर कोई सीन ही नहीं है....
मुफलिस जी भी नहीं हैं....
गिरिजेश जी के बारे में ज्यादा जानते नहीं हैं......
इनकी तहरीर एकाध से मिलती जरूर है....लेकिन अभी कुछ स्पष्ट नहीं है...
ना हमें....
और ना ही खुद इन्हें.......
खैर..ये साहब जो भी हों....जैसे भी हों..
एक बार जरूर ध्यान आकर्षित हुआ था...वो भी काफी ज़्यादा...
बात सही होनी चाहिए, नाम कुछ भी हो, या कुछ भी न हो।
ReplyDeleteक्या ट्रैप बिछाया !
ReplyDeleteजान बूझ कर ग़लती !! [अखीर] को [ आखिर ] कर लें। मेरी हिन्दी टाइपिंग अब एकदम ठीक है।
हा हा हा ...
ReplyDelete@बेनामी जी...:):)
चलिए जगह तो हम जान गए हैं...
और हाँ गलती सुधार दिया आपने.....
शुक्रिया...:):)
'टिपण्णी' भी गलत। आप कमेंट लिखा करें।
ReplyDeleteसेकंड ट्रैप ?
अब ऐसा है..
ReplyDeleteपता कैसे चलेगा कि हम जान बूझ कर गलत कर रहे हैं या सचमुच ग़लत हो रहा है..:):)
ada ji is par ek achchi khasi film ban sakti hai ..." vo kaun hai"
ReplyDeleteइस बखेड़े से अपना क्या लेना !
ReplyDeleteअपनी आई. क्यू. तो बड़ी कमजोर है !
बात सही होनी चाहिए, नाम कुछ भी हो, या कुछ भी न हो।
ReplyDeleteShikha ji ne film kahee...
ReplyDelete"vo kaun hai"
aur
ek film aur thi...
Naveen Nishchal waali....
"wo main nahi"
Narender Chanchal ne to gaaya bhi tha
"main benaam ho gayaaaa"
Mehmood hote to kehte...
"gumnaam hai koeeeeee"
BENAAMI JI ko salaam !
पता नहीं कौन है, लेकिन नाम बड़ा अच्छा है ।
ReplyDeleteहम कहें....
ReplyDeleteआयो कहाँ से घनश्याम.......
हाय राम..
आयो कहाँ से घनश्याम....
ऐसे लगे है तेरे हाथ में बंसिया....
जैसे कटारी लियो थाम...हाय राम...
:)
ये "गैसियाईये " का जवाब नही
ReplyDeleteराधे राधे जरुर कोई गोपी होगी, जिन पर शक है? वो हो नही सकती, क्योकि वो तो सिर्फ़ बेनामी टिपण्णियां ही दे सकती है, इतना अच्छा लेख नही:)
ReplyDeleteजो भी है वो, है बहुत खास...
ReplyDeletejaisa ki Shakespeare ne bhi kaha hai, "naam mein kya rakha hai!!!"
ReplyDeleteहम तो आपसे ही पूछने वाले थे. :)
ReplyDeleteपहचान तो हम गए हैं ...पर नाम नहीं बताएँगे ....
ReplyDeleteइन भूत भूतनियों का क्या भरोसा ...हमारे ही पीछे पड़ जाएँ ....:):)
हर एक आदमी में छिपे होते हैं दस बीस आदमी... वाला हाल है.
ReplyDeleteटिप्पणियों के गुल्ली डंडा (मुंशी प्रेमचंद साहब) वाले खेल में पिदना-पिदाना तो सीखा नहीं किन्तु शरद साहब की ही तरह मुझे भी आपके इस शब्द "गेसियाइये" में व्यापक प्रभाव और अर्थ छुपे दीख रहे हैं.
चलिए कम से कम बेनामी तो सही लिख रहे है, नामी तो बस इसी बात पर लड़ते रह गए कि रोटी का बड़ा हिस्सा तेरे पास चला गया ! और रोटी ( डोमेन ) बिल्ली ले उडी :)
ReplyDeleteचलिए ये अच्छी बात है कुछ तो कर रहे है .......बेनाम जी .
ReplyDeleteAabhaar aapka,ki aapke kaaran benami ji ke blog par jaane ka suawsar mila...
ReplyDeleteMujhe koi utsukta nahi ho rahi jaane ki ,ki ye benami mahoday/mahodaya koun hain...kyonki aaj ka jo paridrishy hai blog jagat ka,isme saarthak sakaratmak kuch thos karne ke liye benami hona bahut aawashyak hai...
Ishwar karen ,ye jo bhi hon,isi prakaar apna kaam mustaidi se karte rahen aur blog jagat ko saaf suthra rakhne me apna mahat yogdan dete rahen..
नाम गुम जाएगा,
ReplyDeleteचेहरा ये बदल जाएगा,
मेरी आवाज़ ही पहचान है,
गर याद रहे...
जय हिंद...
मेरी सम्भावना सिरे से नकार दी जा रही है!
ReplyDeleteपता नहीं कौन है, लेकिन नाम बड़ा अच्छा है
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