महामहिम समीर लाल जी की आरती पढ़ी मानसिक हलचल पर ..मन अति प्रसन्न हुआ ..सोचा इसको थोड़ा और बढाया जाए... एक दो दिन में पक्की बात है गाकर डालूंगी...फिलहाल आप गुनगुना कर काम चलाइये...
आदरणीय समीर जी और आदरणीय ज्ञानदत्त पाण्डेय जी आपको समर्पित है मेरी यह रचना...
ॐ जय चिट्ठाचर्चा
स्वामी जय चिट्ठाचर्चा
तुम्हरे कारण अपना
तुम्हरे कारण अपना
नहीं बंद हुआ चर्चा
ॐ जय चिटठा चर्चा
कितने भी ठोस मैं पोस्ट लिखूँ
स्वामी कितने भी ठोस लिखूँ
इनकी नज़र में भईया
मैं ना धाँसू दिखूँ
स्वामी मैं ना धाँसू दिखूँ
कैसे योग्य बनूँ मैं
आउट करो परचा
ॐ जय चिटठा चर्चा
बैर जो आपसे मोल लिया
बस भाग मेरा फूटा
भईया भाग मेरा फूटा
चिट्ठों की मेरी वाट लगी
चर्चा ही मेरा छूटा
स्वामी काहे भला छूटा
चर्चे उनके बड़े हैं
चर्चे उनके बड़े हैं
जो गोड़ इनके पड़ता
ॐ जय चिटठा चर्चा
अब हम जाने हैं बंधू
लुटिया डूबी मेरी
लुटिया ही डूबी मेरी
सत्य वचन हम बोलें
हमरी है खूबी
स्वामी हमरी है खूबी
अपने जोर लगाओ
चेलों को भी बुलाओ
फर्क नहीं पड़ता
ॐ जय चिटठा चर्चा
नाम जो इसके डोमेन लिया
स्वामी काहे डोमेन लिया
माथा पकड़ कर सोचूँ
हाय रे ये क्या किया
मैंने काहे ये किया
छोटे बड़े सभी को
छोटे बड़े सभी को
खूब लगा मिर्चा
ॐ जय चिटठा चर्चा
ॐ जय चिटठा चर्चा
स्वामी जय चिट्ठाचर्चा
तुम्हरे कारण अपना
तुम्हरे कारण अपना
थोड़ा बढ़ा खर्चा
ॐ जय चिटठा चर्चा
झटपट गाये हैं सुन लीजिये ::::
क्षमा सहित महामहीम - महामहिम
ReplyDeleteवाह अदा जी ... आपकी अदा ही निराली है ... आई मीन ...चिटठा चर्चा की आरती वाह वाह ... जय हो ...छुट्टी कर दी सबकी ...लगे रहिये इसी तरह ...
ReplyDelete@संजीव जी,
ReplyDeleteत्रुटि सुधार के लिए ह्रदय से आभारी हूँ ..
jay jay chitta charcha . gaakar sunaaye tabhi anand aayega
ReplyDeleteचिट्ठा चर्चा की अच्छी खबर ली है ... आपकी मधुर आवाज में और भी सरस हो जाएगी ... तो अच्छी सी धुन पर सुना ही डालिए ।
ReplyDeleteहा हा हा...वाह्! ये भी खूब रही:)
ReplyDeleteजयति जय चिट्ठा चरचा।
ReplyDeleteआपने तो गजब ढा दिया।
बेहतरीन्।
समस्त देवी देवताओं की जय!!
ReplyDeleteअदा देवी की जय!!
मां अदा चैतन्य कीर्ति महाराज साहिबा जी की जय!!
-सस्वर सुनने को बेताब... :)
सस्वर आस्वादन का इंतिजार है ..
ReplyDeleteकाश ! सस्वर गायन में इन पंक्तियों को व्याख्या भी मिलती !
सेवा मै ..
ReplyDeleteहम ने पुरी आरती मन लगा कर करी, साथ मै हमारी बसंती ने घंटी से साथ दिया, अब प्रसाद के हक दार है जल्दी से हमे प्रसाद भेज दो
आप का आग्या कारी
arey waah! madam, ghazab dhaa diya aapne..
ReplyDeletekis kis ko kahan kahan maara hai aapne...
o teri to....
Main Pappu paapad wala...
vaaaaaaaaaaaaaaaaah
ReplyDeletewaaaaaaaaaaaaaaaaaaaah
woooooooooooooooooooow
ha.ha.ha.mera man to kar raha rat lu ise. bahut khoob ada rahi ada di ye bhi aapki.
ये आरती चिट्ठा चर्चा की आपकी आवाज में सुनने को बेताब हैं।
ReplyDeleteOh! Kya baat hai..aapko ekek baat soojh jati hai!
ReplyDeleteबिल्कुल सामयिक चर्चा.:)
ReplyDeleteरामराम.
hmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm
ReplyDeleteWahh!!
ReplyDeleteAdaji aisi charana likhne wali to charcha me hamesha hi rahegi..
gungunane ki nakam koshish to hamane bhi kari, par aapki aawaz me luft ki kuch aur tha..bhai maza aagaya :)
jay ho..
ReplyDeleteबोलो सत्य श्री चिट्ठाचर्चा सरकार की....... जय..
ReplyDeleteबोलो चिट्ठा दरबार की.... जय..
समर्थकों का कल्याण हो, विद्रोहियों का नाश हो..
लिखा और गाया दोनों अच्छा दीदी
जय हिंद...
वाह माता अदाम्बिके ....
ReplyDeleteभजन लिखने वालो में एक और नाम जुडवा लिया ....
भक्तन पर किरपा करो ...!!
वाह वाह! लाजवाब!
ReplyDeleteमजा आ गया पूरी आरती पढ़कर!
ReplyDeleteसबसे ज्यादा मजा तो इन पंक्तियों ने दिया"
"छोटे बड़े सभी को
खूब लगा मिर्चा"
इस आरती से हमअरे और सबके भाग जगे
ReplyDeleteजोर का झटका धीरे से लगे।
वाह्! ये भी खूब रही:)
ReplyDeletepost bahut acchee lagee naye naye blogger hai atah masala samajh nahee pae...par aapkee post jaroor vatavaran me halkapan le aaee hai ..........
ReplyDeleteapkee ek post me aswasthata ke bare me pada tha.....
wish you all the best and do take care........
मोहतरमा अदा साहिबा, आदाब
ReplyDelete<<>>
***!!!***
चलिये, आपकी एक और 'अदा'
मंज़रे-आम पर आ गई
बिना खर्चा
ReplyDeleteचिट्ठाचर्चा की
खूब चर्चा.
ReplyDeleteक्या अदा जी,
क्या खूब पिरोया है, पर...
आप भी किन पचड़ों में पड़ती हैं ?
अब यह न लिख दीजियेगा कि हमें लगा मिर्चा !
शुभकामनायें !
hnm....
ReplyDeleteचिट्ठाचर्चा वाली अदम्बिके मैया की सदा ही जय...
ReplyDeleteजय हिंद...
waah kya baat hai bahut badhiya :)
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गाया है!
ReplyDeleteपर वास्तव में क्या चिठ्ठाचर्चा जैसे मंच के बिना चल नहीं सकता? एक लम्बे समय तक मेरी अनेक पोस्टों का कोई जिक्र ही नहीं रहा वहां। और मैं सोचता था कि वह स्थापित ब्लॉगरों की अड्डेबाजी है। शायद थी भी।
पर ब्लॉग में नियमितता और सम्प्रेषण की जरूरत - यही मुख्य लगे।
हां, लिंक्स महत्वपूर्ण हैं। पोस्ट से पोस्ट बढ़ाना - यह सही तरीका है। आपने वही किया है और मैं उसी सूत्र से आपके ब्लॉग पर पंहुचा हूं।
रही चिठ्ठाचर्चा की बात - डोमेन स्क्वैटिंग मुझे प्रतिभा का बौनापन लगता है।
लोगों के कद छोटे होते जा रहे हैं शायद!
waah .......ye bhi khoob rahi.
ReplyDeleteवाह ! सुहावन रूप !
ReplyDeleteआदरणीय अदाजी.
ReplyDeleteसादर अभिवादन ,
आपका यह गीत सुनकर आनंद आ गया है . मैंने भी टंकी की आरती पर एक पैरोडी बनाई है . कृपया इसे आप अपनी मधुर आवाज में सुना दें तो मै आपका अत्यंत आभारी रहूँगा . कृपया निरंतर हिंदी ब्लॉग में यह देखें -
http://nirantar1.blogspot.com/2010/01/blog-post_27.html
महेन्द्र मिश्र
जबलपुर
हा हा हा!!
ReplyDeleteबहुत खूब गाया है.
आदेश हो तो इस आरती को आश्रमवासियों की सेवा में लगाया जाये. :)
सच तो यह है---तू गाता चल ए यार, टिप्पणी, चर्चा, प्रशन्सा के फ़ेर में मत पड, कुछ अपना ही अन्दाज़ हो वो ब्लोग ,ब्लोग होता है.
ReplyDeleteबहुत खूब! मजेदार आरती, मधुर आवाज!आनन्दित हुये। प्रमुदित हुये।
ReplyDeleteचिट्ठाचर्चा को मेरे ख्याल से इत्ता भाव नहीं मिलना चाहिये। ब्लॉग है तो चर्चा है, चर्चा के कारण कोई ब्लॉग नहीं होता।
waaaaaaah !!
ReplyDeletebahut zabardast piroya hai apne
sunkar hi man khush ho gaya
chutti kar di sabki apne
Jai Ho !!
वाह अदा जी!
ReplyDeleteबहुत जम के धोया/गाया है आपने आरती में!
आज तक तो कोई इनके खिलाफ जुबान लही खोल सका!
आपके साहस को सलाम!
सभी परिप्रेक्ष्यो के साथ इसे देख रहा हूँ -बढियां प्रस्तुति !
ReplyDeleteवाह आरती पढ़कर और फिर सुनकर आनंद आ गया गाने से प्रस्तुति अत्यंत सुन्दर बन पड़ी है....कुछ दिन तक तो सुनने के एह जुबान पर रहेगा :)
ReplyDeleteaccha hai !!
ReplyDeleteमजा आ गया पूरी आरती पढ़कर!
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