Thursday, January 28, 2010

ॐ जय चिटठा चर्चा.....समीर जी और ज्ञानदत्त पाण्डेय जी आपको समर्पित है..




महामहिम  समीर लाल जी  की आरती पढ़ी मानसिक हलचल पर ..मन अति प्रसन्न हुआ ..सोचा  इसको थोड़ा और बढाया जाए... एक दो दिन में पक्की बात है गाकर डालूंगी...फिलहाल आप गुनगुना कर काम चलाइये...
आदरणीय समीर जी और आदरणीय ज्ञानदत्त पाण्डेय जी आपको समर्पित है मेरी यह रचना...

ॐ जय चिट्ठाचर्चा
स्वामी जय चिट्ठाचर्चा
तुम्हरे कारण अपना
तुम्हरे कारण अपना
नहीं बंद हुआ चर्चा
ॐ जय चिटठा चर्चा

कितने भी ठोस मैं पोस्ट लिखूँ
स्वामी कितने भी ठोस लिखूँ
इनकी नज़र में भईया 
मैं ना धाँसू दिखूँ
स्वामी मैं ना धाँसू दिखूँ
कैसे योग्य बनूँ  मैं
आउट करो परचा
ॐ जय चिटठा चर्चा

बैर जो आपसे मोल लिया
बस भाग मेरा फूटा
भईया भाग मेरा फूटा 
चिट्ठों की मेरी वाट लगी
चर्चा ही मेरा छूटा
स्वामी काहे भला छूटा
चर्चे उनके बड़े हैं
चर्चे उनके बड़े हैं
जो गोड़ इनके पड़ता
ॐ जय चिटठा चर्चा


अब हम जाने हैं बंधू
लुटिया डूबी मेरी
लुटिया ही डूबी मेरी
सत्य वचन हम बोलें
हमरी है खूबी
स्वामी हमरी है खूबी 
अपने जोर लगाओ
चेलों को भी बुलाओ
फर्क नहीं पड़ता 
ॐ जय चिटठा चर्चा

नाम जो इसके डोमेन लिया
स्वामी काहे डोमेन लिया
माथा पकड़ कर सोचूँ
हाय रे ये क्या किया 
मैंने काहे ये किया  
छोटे बड़े सभी को
छोटे बड़े सभी को
खूब लगा मिर्चा
ॐ जय चिटठा चर्चा

ॐ जय चिटठा चर्चा
स्वामी जय चिट्ठाचर्चा
तुम्हरे कारण अपना
तुम्हरे कारण अपना
थोड़ा बढ़ा खर्चा
ॐ जय चिटठा चर्चा

झटपट  गाये हैं   सुन लीजिये  ::::



44 comments:

  1. क्षमा सहित महामहीम - महामहिम

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  2. वाह अदा जी ... आपकी अदा ही निराली है ... आई मीन ...चिटठा चर्चा की आरती वाह वाह ... जय हो ...छुट्टी कर दी सबकी ...लगे रहिये इसी तरह ...

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  3. @संजीव जी,
    त्रुटि सुधार के लिए ह्रदय से आभारी हूँ ..

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  4. चिट्ठा चर्चा की अच्छी खबर ली है ... आपकी मधुर आवाज में और भी सरस हो जाएगी ... तो अच्छी सी धुन पर सुना ही डालिए ।

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  5. हा हा हा...वाह्! ये भी खूब रही:)

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  6. जयति जय चिट्ठा चरचा।
    आपने तो गजब ढा दिया।

    बेहतरीन्।

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  7. समस्त देवी देवताओं की जय!!

    अदा देवी की जय!!

    मां अदा चैतन्य कीर्ति महाराज साहिबा जी की जय!!

    -सस्वर सुनने को बेताब... :)

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  8. सस्वर आस्वादन का इंतिजार है ..
    काश ! सस्वर गायन में इन पंक्तियों को व्याख्या भी मिलती !

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  9. सेवा मै ..
    हम ने पुरी आरती मन लगा कर करी, साथ मै हमारी बसंती ने घंटी से साथ दिया, अब प्रसाद के हक दार है जल्दी से हमे प्रसाद भेज दो
    आप का आग्या कारी

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  10. arey waah! madam, ghazab dhaa diya aapne..

    kis kis ko kahan kahan maara hai aapne...
    o teri to....

    Main Pappu paapad wala...

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  11. vaaaaaaaaaaaaaaaaah
    waaaaaaaaaaaaaaaaaaaah
    woooooooooooooooooooow

    ha.ha.ha.mera man to kar raha rat lu ise. bahut khoob ada rahi ada di ye bhi aapki.

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  12. ये आरती चिट्ठा चर्चा की आपकी आवाज में सुनने को बेताब हैं।

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  13. Oh! Kya baat hai..aapko ekek baat soojh jati hai!

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  14. बिल्कुल सामयिक चर्चा.:)

    रामराम.

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  15. Wahh!!
    Adaji aisi charana likhne wali to charcha me hamesha hi rahegi..
    gungunane ki nakam koshish to hamane bhi kari, par aapki aawaz me luft ki kuch aur tha..bhai maza aagaya :)

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  16. बोलो सत्य श्री चिट्ठाचर्चा सरकार की....... जय..
    बोलो चिट्ठा दरबार की.... जय..
    समर्थकों का कल्याण हो, विद्रोहियों का नाश हो..
    लिखा और गाया दोनों अच्छा दीदी
    जय हिंद...

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  17. वाह माता अदाम्बिके ....
    भजन लिखने वालो में एक और नाम जुडवा लिया ....
    भक्तन पर किरपा करो ...!!

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  18. वाह वाह! लाजवाब!

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  19. मजा आ गया पूरी आरती पढ़कर!

    सबसे ज्यादा मजा तो इन पंक्तियों ने दिया"

    "छोटे बड़े सभी को
    खूब लगा मिर्चा"

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  20. इस आरती से हमअरे और सबके भाग जगे
    जोर का झटका धीरे से लगे।

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  21. वाह्! ये भी खूब रही:)

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  22. post bahut acchee lagee naye naye blogger hai atah masala samajh nahee pae...par aapkee post jaroor vatavaran me halkapan le aaee hai ..........
    apkee ek post me aswasthata ke bare me pada tha.....
    wish you all the best and do take care........

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  23. मोहतरमा अदा साहिबा, आदाब
    <<>>
    ***!!!***
    चलिये, आपकी एक और 'अदा'
    मंज़रे-आम पर आ गई

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  24. बिना खर्चा

    चिट्ठाचर्चा की

    खूब चर्चा.

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  25. क्या अदा जी,
    क्या खूब पिरोया है, पर...
    आप भी किन पचड़ों में पड़ती हैं ?
    अब यह न लिख दीजियेगा कि हमें लगा मिर्चा !
    शुभकामनायें !

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  26. चिट्ठाचर्चा वाली अदम्बिके मैया की सदा ही जय...

    जय हिंद...

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  27. बहुत सुन्दर गाया है!
    पर वास्तव में क्या चिठ्ठाचर्चा जैसे मंच के बिना चल नहीं सकता? एक लम्बे समय तक मेरी अनेक पोस्टों का कोई जिक्र ही नहीं रहा वहां। और मैं सोचता था कि वह स्थापित ब्लॉगरों की अड्डेबाजी है। शायद थी भी।
    पर ब्लॉग में नियमितता और सम्प्रेषण की जरूरत - यही मुख्य लगे।
    हां, लिंक्स महत्वपूर्ण हैं। पोस्ट से पोस्ट बढ़ाना - यह सही तरीका है। आपने वही किया है और मैं उसी सूत्र से आपके ब्लॉग पर पंहुचा हूं।
    रही चिठ्ठाचर्चा की बात - डोमेन स्क्वैटिंग मुझे प्रतिभा का बौनापन लगता है।
    लोगों के कद छोटे होते जा रहे हैं शायद!

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  28. वाह ! सुहावन रूप !

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  29. आदरणीय अदाजी.
    सादर अभिवादन ,
    आपका यह गीत सुनकर आनंद आ गया है . मैंने भी टंकी की आरती पर एक पैरोडी बनाई है . कृपया इसे आप अपनी मधुर आवाज में सुना दें तो मै आपका अत्यंत आभारी रहूँगा . कृपया निरंतर हिंदी ब्लॉग में यह देखें -

    http://nirantar1.blogspot.com/2010/01/blog-post_27.html

    महेन्द्र मिश्र
    जबलपुर

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  30. हा हा हा!!


    बहुत खूब गाया है.

    आदेश हो तो इस आरती को आश्रमवासियों की सेवा में लगाया जाये. :)

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  31. सच तो यह है---तू गाता चल ए यार, टिप्पणी, चर्चा, प्रशन्सा के फ़ेर में मत पड, कुछ अपना ही अन्दाज़ हो वो ब्लोग ,ब्लोग होता है.

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  32. बहुत खूब! मजेदार आरती, मधुर आवाज!आनन्दित हुये। प्रमुदित हुये।

    चिट्ठाचर्चा को मेरे ख्याल से इत्ता भाव नहीं मिलना चाहिये। ब्लॉग है तो चर्चा है, चर्चा के कारण कोई ब्लॉग नहीं होता।

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  33. waaaaaaah !!
    bahut zabardast piroya hai apne
    sunkar hi man khush ho gaya
    chutti kar di sabki apne
    Jai Ho !!

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  34. वाह अदा जी!
    बहुत जम के धोया/गाया है आपने आरती में!
    आज तक तो कोई इनके खिलाफ जुबान लही खोल सका!
    आपके साहस को सलाम!

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  35. सभी परिप्रेक्ष्यो के साथ इसे देख रहा हूँ -बढियां प्रस्तुति !

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  36. वाह आरती पढ़कर और फिर सुनकर आनंद आ गया गाने से प्रस्तुति अत्यंत सुन्दर बन पड़ी है....कुछ दिन तक तो सुनने के एह जुबान पर रहेगा :)

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  37. मजा आ गया पूरी आरती पढ़कर!

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