है मुझको भी तेरे इश्क की खबर
हम लिखने लगे ये फ़साना दिल से
छपते ही रहे तेरे बयाँ हर सू
अब पढने लगा है ज़माना दिल से
आँखों में पड़े तो थे कोहरे कई
तेरी उँगली से उनको हटाना दिल से
तुम कहते रहे कुछ कही अनकही
और मेरा वो सबकुछ सुन जाना दिल से
मैं ख्वाबों के रेत में धँसती गई
मुझे बाहों में भर कर उठाना दिल से
मुझे मुजस्सिम हकीक़त का तुमने कहा
फिर हमको छुपाकर बसाना दिल से
अब तुझको पहन कर हम इतराते हैं
फिर सामने बिठा कर बतियाना दिल से
कभी तक़रीर में तेरी मेरा हो जिक्र
फिर मेरा वो डरना शर्माना दिल से
अब नए तो नज़र आते हैं हम सबको
पर हैं शख्स वही हम पुराना दिल से
:)
ReplyDeleteaaj fir wahi purana rang Di..
bahut hi sundar gazal, baat jaroor purani hai lekin ekdam naye dhang se kahi gayi.. khas kar ye sher
आँखों में मेरे पड़े थे कई कोहरे
उन्हें उँगली से तेरा हटाना दिल से
तुम कहते रहे जाने कितनी हीं बातें
और मेरा वो सबकुछ सुन जाना दिल से
हम धंसते गए ख्वाबों की रेत में
मुझे बाहों में भर कर उठाना दिल से
Aajkal aap jyada busy hain shayad.. :)kabhi aapse baat krta hoon
koi no. ho to batana plz
(specially landline)
Jai Hind...
अब नए तो नज़र आते हैं हम सबको
ReplyDeleteपर हैं शख्स वही हम पुराना दिल से
bahut khub
हम धंसते गए ख्वाबों की रेत में
ReplyDeleteमुझे बाहों में भर कर उठाना दिल से
दीदी चरण स्पर्श
वाह दीदी क्या बात है, आपकी ये लाईन सिधे दिल तक उतर गयी। लाजवाब लगी आपकी रचना
गर तक़रीर में तेरी मेरा हो जिक्र तो
ReplyDeleteकभी मेरा वो डरना कभी शर्माना दिल से
अब नए तो नज़र आते हैं हम सबको
पर हैं शख्स वही हम पुराना दिल से
बहुत सुन्दर गजन प्रस्तुत की है आपने!
बधाई!
बेहतर भाव की पंक्तियाँ बहन मंजूषा।
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
pahlaa comment roman mein hi deta hoon...
ReplyDeletemail mein prob hai....
dil se likhi hai aapne.......!
अब तुझको पहन कर हम इतराते हैं
ReplyDeleteफिर सामने बिठा कर बतियाना दिल से
क्या कह दिया आप ने !
छपते रहे तेरे हल्फिया बयाँ हर सू
ReplyDeleteअब पढने लगा है ज़माना दिल से
आँखों में मेरे पड़े थे कई कोहरे
उन्हें उँगली से तेरा हटाना दिल से
तुम कहते रहे जाने कितनी हीं बातें
और मेरा वो सबकुछ सुन जाना दिल से
हम धंसते गए ख्वाबों की रेत में
मुझे बाहों में भर कर उठाना दिल से
ारे अरे ये तो पूरी गज़ल ही कमेन्ट मे आ जायेगी चलो इतने ही काफी हैण क्या गज़ब का लिखा है अदा हो ग्ज़ल हो फिर गज़ब न हो? हो ही नहीं सकता बधाई
Bahut khubsurat ..ehsason se bhari gazal.badhai aapko
ReplyDeleteshandar
ReplyDeleteshandar
ReplyDeleteहम हकीक़त की मूरत हैं बन कर खड़े
ReplyDeleteवो हमको दिल में बसाना दिल से
सादगी इतनी कि दिल को छू लेने की अदा.
वाह क्या बात है?!!!!
मुझे तो ये इक गजल लगे है !
ReplyDeleteकभी तक़रीर में तेरी मेरा हो जिक्र
ReplyDeleteफिर मेरा वो डरना शर्माना दिल से
काफी खूबसूरत ग़ज़ल, हर शे'र उम्दा।
purane rang mein gajab dhaya aapne.. dil se kah rha hun...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लेखनी !
ReplyDeleteकलम की धार को नमन!! बहुत सुन्दर रचना उतर कर आई है.
ReplyDeleteअदा जी,
ReplyDeleteदिल से निकले ख्यालों को गजल में ढालने की बहुत बेहतरीन कोशिश.....
ज़रा सा फर्क बह्र में....
मतला नहीं है...कोई बात नहीं.....
मतला या मक्ता मेरे लिए ज्यादा मायने नहीं रखते....
आपको भी सलाह नहीं दूंगा उनके लिए....
लेकिन ख़याल आपके हमेशा की तरह उम्दा होते हैं..
हमेशा की तरह.....दिल से....!!
किसी पत्थर की मूरत से,
ReplyDeleteमुहब्बत का इरादा है...
परस्तिश की तमन्ना है,
इबादत का इरादा है...
जय हिंद...
अब नए तो नज़र आते हैं हम सबको
ReplyDeleteपर हैं शख्स वही हम पुराना दिल से
बहुत खूब ...!!
अब नए तो नज़र आते हैं हम सबको
पर हैं शख्स वही हम पुराना दिल से
"अब नए तो नज़र आते हैं हम सबको
ReplyDeleteपर हैं शख्स वही हम पुराना दिल से"
अति सुन्दर!
अपने ज़ज़्बात में नग़मात रचाने के लिये
आप लिखती हैं प्यारी कविताएँ दिल से
आह!
ReplyDeleteक्या करूँ, ये इस "आह" को रोक नहीं पाता जब बस थोड़ी-सी मेहनत के अभाव में किसी खूबसूरत ग़ज़ल को ग़ज़ल बनते-बनते रह जाती देखता हूं...
कुछ मिस्रे तो बस लाजवाब हैं जैसे "छपते ही रहे तेरे बयाँ हर सू अब पढने लगा है ज़माना दिल से" या फिर "अब नए तो नज़र आते हैं हम सबको
पर हैं शख्स वही हम पुराना दिल से"
Behad naazuk rachna...kya baat ! Ada sharmaa nee kya khoob hai!
ReplyDeleteBeautiful!!
ReplyDeletedil से लिखा है आपने बहुत सुन्दर बहुत पसंद आई यह रचना
ReplyDeleteAapne keh di dil ki kitni sari baatein 'dil se' :)
ReplyDeleteAur naa jaane kitne padne walo ke dil ko chooh gayi yeh rachna 'dil se' :)
Very nice!!
Regards,
Dimple
Not your kinda post.
ReplyDelete:(
haan magar ye do she'r paari ko sambhalte hue se lagrte hain...
ya aisa lagta hai Lawn tennise ka match hai, Anna Kurnikova (Mind it !! Anna kurnikova) khel rahi hai, aur haar rahi hai...
Par phir bhi anna kurnikova ke liye poora match dekha to banta hai naa?
Waise ye she'r behteri tha....
कभी तक़रीर में तेरी मेरा हो जिक्र
फिर मेरा वो डरना शर्माना दिल से
ye jo aapne 'Dil se' radif use kiya hai ismein aur thori mehnat karte to mujhe pata hai ki aap aDaDi types likh hi jate...
Anyways 'Anna Kurnikova' You see.. :) !!
Bachwa.
अब नए तो नज़र आते हैं हम सबको
ReplyDeleteपर हैं शख्स वही हम पुराना दिल से
waise ye she'r sabse behteri hai...
aur apne aap main mukamail...
aur kitna saccha hai na?
Ab bahubali ki beti ke liye aur 'Banars' wali ka backlog friday saturday ko poora kareinge....
ReplyDeleteTab tak ke liye un posts ke liye:
"Badhiya Abhivyakti !! Badhai !!"
Bachwa...