आज कुछ लिखा था पर बात वैसी नहीं बनी जैसा हम चाहते थे....अब क्या करें रोज-रोज लिखा भी तो नहीं जाता ...लेकिन गाया तो जा ही सकता है...
तो लगे हाथों एक गाना ही सुन लीजिये...
आप सब जानते हैं इस गीत को....
और हाँ बताइयेगा ज़रूर कैसा लगा......:):)
फिल्म : लाखों में एक
आवाज़ : लता मंगेशकर
गीत : आनंद बक्षी
संगीत : राहुल देव बर्मन
लेकिन यहाँ आवाज़ : स्वप्न मंजूषा 'अदा'
चन्दा ओ चन्दा, चन्दा ओ चन्दा
किसने चुराई तेरी मेरी निंदीया
जागे सारी रैना, तेरे मेरे नैना
हंस के मैं तेरा मन बहलाऊं
अपने आँसू मगर किसे मैं दिखाऊँ
मैंने तो गुज़ारा जीवन सारा बेसहारा
हो हो हो हो
जागे सारी रैना, तेरे मेरे नैना
चन्दा ओ चन्दा, चन्दा ओ चन्दा
किसने चुराई तेरी मेरी निंदीया
जागे सारी रैना, तेरे मेरे नैना
तेरी और मेरी एक कहानी
हम दोनों की कदर,किसी ने ना जानी
साथी ये अँधेरा जैसे तेरा,वैसे मेरा
हो हो हो हो
जागे सारी रैना, तेरे मेरे नैना
चन्दा ओ चन्दा, चन्दा ओ चन्दा
किसने चुराई तेरी मेरी निंदीया
जागे सारी रैना, तेरे मेरे नैना
एक अच्छे गीत को बहुत खूबसूरती से गाया आपने..
ReplyDeleteलेकिन यहाँ आवाज़ : स्वप्न मंजूषा 'अदा'
ReplyDelete......
....Taras gaye the ye aawaz sunne ko...
:(
aur haan hum to so called lekhak hain isliye 'Lyrics writer' to bata do?
अदा जी,
ReplyDeleteआपकी आवाज़ का जादू, क्या कहें !!
बहुत शानदार गाया है आपने, महफूज़ जी अदा के हम बचपन के दोस्त हैं, आप बिना मिले ये कह रहे हैं, एक बार मिलिए इनसे तब आप क्या कहेंगे ??
Parimal ji aur Mehfooz ji....
ReplyDeletehum aDaDi ke pichle kai janam ke Bhai hain....
Sorry !! You Both Lose !!!
Hai koi aur Compitition main?
:)
(No personal grudges off course !!)
अजी बज ही नही रहा, पता नही क्यो...... चलिये फ़िर से आयेगे, सब जो इतनी तारीफ़ कर रहे है तो हम सुने वगेर क्यो रहे.
ReplyDeleteधन्यवाद
आईला...!!!!!
ReplyDeleteदर्पण................!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
@ दर्पण.....लो तन में जां आयी होठों पे तान आयी,
मेरी चकोरी चांदनी में कर के स्नान आयी.....
बिछड़ा वो मीत आया
जीवन का गीत आया
दो आत्माओं के मिलन का दिन पुनीत आया....
गीत बाद में सुनेंगे ...गीत पर कमेन्ट बाद में देंगे....
इस वक्त हमें कुछ नहीं चाहिए....
गीत बिलकुल नहीं सुना जा रहा.
ReplyDelete@मनु जी,
ReplyDeleteदो आत्माओं के मिलन का दिन पुनीत आया....
आपने ये जो लाइन दर्पण को समर्पित किया है .....वो थोडा 'हट' कर लगा :):)
@दर्पण
इतने दिनों बाद नज़र आये हो ..बहुत अच्छा लगा है देख कर....
हम तो सोचने लगे तुम अपनी aDaDi को भूल गए हो......
behad meetthi or nazuk si awaaz.....ye geet pahle alpana ji ke blog pe bhi suna tha.....awesome.....
ReplyDeleteआपकी आवाज की मधुरता सदैव आकर्षित करती है । सुन्दर लगा यह गाना । आभार ।
ReplyDeleteआज मेरे लैपटॉप की तबियत नासाज़ है या नेट की,पता नहीं...गाने वाले लिंक खुल ही नहीं रहें...अल्पना जी,गौतम जी की पत्नी और अब अदा जी...किसी का गाना नहीं सुन पा रही :(:(...पर उम्मीद का दामन छोड़ा नहीं है...कल फिर कोशिश करुँगी.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गाया..बधाई!!
ReplyDeleteदीदी चरण स्पर्श
ReplyDeleteसोरी दीदी आवाज सुन नहीं पाया बहुत गुस्सा आ रहा , न पता क्यों आवाज ही नहीं आ रही शायद लिकं मे कुछ दिक्कत है। आपकी आवाज तो हमेशा सुनता हूँ, न पता क्यों जैसे ही आपकी आवाज इन कांनो मे गूंजती है तो अजीब सी शान्ति मिलती है। आपका भेजा पुराना गाना मैंने सुना "बेकरार दिल " इसकी जगह।
geet to achhaa hai hi
ReplyDeletelekin aapki aawaaz se
nikhaar bhi
nikhar gayaa hai...
darpan bachuaa ki
aDaDi ko salaam .
bahut achchha gaya hai Ada ji aap ne yah geet..bahut sundar!
ReplyDeleteशैल दी, आपकी आवाज़ बहुत सुरीली है.
ReplyDeleteदीदी आपने तो कमाल हीं कर दिया………बहुत हीं अच्छा गाती है आप…………………गीत सुनकर मन खुश हो गया । इधर कुछ दिनों से परिक्षायें चल रही थी तो ब्लाग पर नहीं आ पा रहा था । अब नियमित रहूँगा ।
ReplyDeleteये मेरा प्रिय गीत है...कुछ दिन पहले यही गीत अल्पना वर्मा जी की आवाज़ में सुना था...आप दोनों की ही आवाज़ बेजोड़ है...वैसे मैंने अल्पना जी को भी ऐसे ही एक और गीत का मुखड़ा लिख कर भेजा था...चांद के पास जो सितारा है...वो सितारा हसीन लगता है....शमा के पास जो शरारा है...ये गाना फिल्म स्वीकार किया मैंने का है...लता-किशोर की आवाज़ में....वैसे एक गीत तो मेरा आप पर पहले से ही ड्यू है....मैं कौन सा गीत सुनाऊं, क्या गाऊं...(फिल्म दिल्लगी, लता जी का गाया हुआ...)
ReplyDeleteजय हिंद...
मै कभी इस गीत को बहुत गाता था ..यह मुझे अभी पूरा याद है ।
ReplyDelete@ Anonymous Any Mouse 2.0 ...
ReplyDeleteParimal ji .... Mehfooz ji....
हम जो ये गीत कल सुबह ही सुन चुके थे ...अब कौन सा किस जन्म का रिश्ता है ...अदाजी ही बतायेंगी ....!!
आवाज़ और गीत के लिए कहूँ ...ऐसे लम्हों में मैं हमेशा ही बेआवाज़ होती हूँ ...जानती तो है ...!!
geet padha. achchha laga.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गाया आपने इस मधुर गीत को!
ReplyDeleteराहुलदेव बर्मन के द्वारा संगीतबद्ध किये गये सारे गीत मुझे अभिभूत करते हैं किन्तु कुछ गीत ऐसे हैं जो हृदय को छू जाते हैं, खासकर लता जी द्वारा गाये हुए। पंचम जी ने अपने अधिकतर गीतों को आशा जी से गवाया है किन्तु कुछ गीत ऐसे हैं जिनकी धुनें उन्होंने लता जी की आवाज को ही ध्यान में रख कर बनाई थीं। फिल्म जुर्माना का गीत 'सावन के झूले पड़े' भी ऐसा ही एक गीत है। हो सके तो कभी इस गीत को भी अपनी आवाज में सुनाइयेगा।
:) :) :) :)
ReplyDeletebahut khush hoon Di.. ye song sunke wo bhi aapka gaya hua...
Jai Hind...
मीठी आवाज़ और इत्ता बढ़िया गाना.........दिन बन गया
ReplyDeleteगीत तो तमाम तारिफ़ों से ऊपर है और इस पोस्ट-विशेष में लगी आवाज तो यकीनन तारीफ़े-काबिल है, इसमें किसे शक हो सकता है भला...हाँ, ये बात और है कि हम फिलहाल इसे नहीं सुन पा रहे हैं।
ReplyDeleteaap ke pahle wale gane bhi sune /
ReplyDeletelekin jo soj is gane me hai uska hisab nahi hai /
itni dard bhari awaj hai apki ke main kah nahi sakti /
maine bhi soch liya sath nibhane ke liye /
ReplyDeletedur tak aaungi main tum ko manane ke liye /
dil ne ahsas dilaya to mujhe yad aya
यह तो बहुत ही अच्छा गाया गया है ! वाह ! आपने तो अपनी आवाज का भी सिक्का चला दिया !
ReplyDeleteAda ji,
ReplyDeleteYou have a sweet & beautifully
expressive voice. well done.