मेरे बाबा की मेरे साथ मेरे घर कनाडा में आखरी तस्वीर है |
स्कूल जाते वक्त
हाथ थाम रखा था
अपने बाबा का,
इक छोटी सी बच्ची ने,
कितना रोई थी वो
स्कूल पहुँच कर,
मत जाओ बाबा
मुझे नहीं रहना यहाँ,
क्या आप मेरे साथ नहीं रह सकते ?
नहीं बेटा अभी मुझे जाना
बहुत सारे काम निपटाना है
तुम बिल्कुल ठीक रहोगी
शाम को फिर लेने आऊंगा
बस इतना अगर सोचोगी
तो ये दिन निकल जाएगा
बाबा की कितनी प्यारी हो तुम
ये दिल तुम्हें बताएगा
मैं हर पल तुम्हारे साथ रहूँगा
दूर रहूँगा तो क्या हुआ
दिल के ही पास रहूँगा
उस दिन उसकी शादी थी
वो बाबा की शहजादी थी
बाबा उसे देखते रहे दूर से
चली जायेगी आज
मेरी बच्ची मेरे घर से
छोटी लड़की ने अपने बाबा को देखा
बढ़कर आँखों से आँसू पोछा
कहा था उसने
बाबा अब मुझे जाना है
आपके आशीर्वाद से
अपना फ़र्ज़ निभाना है
लेकिन आप जब भी बुलायेंगे
मुझे अपने पास ही पायेंगे
मुझे हर काम छोड़ कर आना है
संग खुशियों के पल बिताना है
मैं आपके साथ ही रहूँगी
दूर रहूँगी लेकिन
दिल के बहुत पास रहूँगी
आज वो छोटी लड़की बैठी है
अस्पताल में
अपने बाबा का हाथ थामे हुए
अपने आंसूओं को
वो छुपाती है
कितनी बहादुर है वो
ये दिखाती है
अपने बहादुर पिता की
बहादुर बेटी है वो
कहती है, आप एकदम ठीक हो जायेंगे
फिर हम कितनी सारी खुशियाँ मनाएंगे
लेकिन उसके बाबा जानते हैं
विधि का विधान पहचानते हैं
बेटी मुझे जाना होगा
सृष्टि का नियम निभाना होगा
बाबा मत जाइए मुझे छोड़ कर
मैं बहुत अकेली रह जाऊँगी
इस दुनिया की बहुत सी बातें
शायद नहीं सह पाऊँगी
नहीं बेटा तुम बिल्कुल ठीक रहोगी
मैं हर पल तुम्हारे साथ रहूँगा
दूर नहीं रहूँगा तुमसे
अब दिल में रहूँगा
हर संकट तुमसे पहले
मैं सहूंगा
तुम्हारी रगों में बहूँगा
तुम्हारे चेहरे पर सजूंगा
और अब मुझे जाना ही होगा...
लौट कर भी तो आना है.....!
बहुत ही सुंदर एक कविता के माध्यम से आपने कितने भावों को गह दिया...
ReplyDeleteनया साल आपको और आपके पूरे परिवार को मुबारक हो..
*गद्य-सर्जना*:- पुराने साल की कुछ यादें
भावुक कर देने वाली कविता.
ReplyDeleteनये वर्ष की असीम-अनन्त शुभकामनाएं.
पिता लौट कर नहीं आये मगर हमेशा हमारे साथ होते हैं ...
ReplyDeleteहमारी ताकत बन कर ...!
bahut hi sundar,ek kavita ke maadhyam se aapne kitne bhawo ko keh diya...happy new year.....
ReplyDelete*गद्य-सर्जना*:- पुराने साल की कुछ यादें
aankhe ko bheego gayi ye baba ki bitiya ke hatho se likhi nam si rachna.
ReplyDeletenav varsh aapke liye mangalmay ho yahi dua karti hun.
पिता का बिटिया के लिये स्नेह अपरिमित होता है। आपके बाबा को प्रणाम।
ReplyDeleteaankhe ko bheego gayi ye baba ki bitiya ke hatho se likhi nam si rachna.
ReplyDeletenav varsh aapke liye mangalmay ho yahi dua karti hun.
पूज्य बाबु जी को शत शत नमन और विनम्र श्रद्धांजलि !!
ReplyDeleteस्वप्न ,
ReplyDeleteबाबा हमेशा यूँ ही यादों में रहेंगे ....
तुम्हारे बाबा के लिए श्रद्धांजलि और नमन
ada ji kuchh nahi kah paungi bas yadon ko dil men basaay rakhiye bhagwan apako shakti de.
ReplyDeleteअपने बाबा की ये पंक्तियाँ हमेशा याद रखियेगा -
ReplyDelete"नहीं बेटा तुम बिल्कुल ठीक रहोगी
मैं हर पल तुम्हारे साथ रहूँगा
दूर नहीं रहूँगा तुमसे
अब दिल में रहूँगा
हर संकट तुमसे पहले
मैं सहूंगा
तुम्हारी रगों में बहूँगा
तुम्हारे चेहरे पर सजूंगा
और अब मुझे जाना ही होगा...
लौट कर भी तो आना है.....!"
तीन stages में(बचपन में स्कूल जाते वक़्त,शादी में विदाई के वक़्त,और पिता के अंतिम सफ़र के वक़्त)बाबा से अलग होने का मार्मिक और स्वाभाविक खाका खींचा है आपने. आपकी तकलीफ महसूस की जा सकती है.
ReplyDeleteनया साल आपके लिए हर लिहाज़ से मंगलकारी हो,ईश्वर से प्रार्थना है.
हां,कभी कभी पापा से मिलने के लिए दिल में एक हूक सी उठती है।
ReplyDeleteतो रातों को सोते से उठ जाता हूँ। ढूंढता हूँ उन्हे,फ़िर आसमान की तरफ़ देखता हूँ और सोचता हूँ वे यहीं हैं हमारे बीच, आसमान से देख रहे हैं एक सितारा बनकर।
बाबा को विनम्र श्रद्धांजलि
अब मुझे जाना ही होगा...
ReplyDeleteलौट कर भी तो आना है.....!
यही विधि का विधान है
बाबू जी को विनम्र श्रद्धांजलि
अदा जी आपके पिताजी के देहावसान के समाचार पाकर मन बहुत दुखी हुआ। फोन करने का प्रयत्न किया लेकिन फोन नम्बर रांची के नहीं मिले। आपको इस दुखद प्रसंग पर प्रभु धैर्य प्रदान करें, बस यही कामना है।
ReplyDeletemy deepest regards for your father
ReplyDeletei am sure he lives in you and with a daughter like you he will feel peaceful even when he is with god almighty
i am with you in your momnet of grief and i wish you courage to face a life with your father
एक साहसी बेटी के बहादुर पिता को शत शत प्रणाम और विनम्र श्रधांजलि ।
ReplyDeleteआपको क्या कहूँ?क्या समझाऊँ?
ReplyDeleteपापा मम्मी दूर जा सकते हैं हमसे? अपने नैन नक्श में वो जीवन भर बसे रहते हैं.यादें धुंधली हो सकती है किन्तु हमारे चेहरे पर उनकी छाप....कविता नही कहूँगी इसे ये तो हर उस बेटी का दर्द है जिनके पापा..........
खुद को देख रही हूँ इसके हर लफ्ज़ में.कविता नही कांच है.अपने यहाँ आज भी दर्पण को कांच ही कहते है न? वो कांच है ये.
बाबाजी के पास थी आप तब भी....भाग्यशाली हैं.दुखी ना होइए.
आज वे ...कल हम...प्यार
बहुत ही भावपूर्ण कविता है.....
ReplyDeleteक्या कहूँ.. शब्द नहीं मिल रहे... वे हमेशा आपका संबल बनें रहें ..
विनायक सेन चिट्ठाचर्चा पर काहे बोलतो?
.
ReplyDelete.
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अदा जी,
एक बेटी ने अपने बाबा को कुछ इस तरह से याद किया है कि मन बहुत ही भावुक हो उठा... पढ़ते-पढ़ते बिटिया को सीने से लगा भींच लिया मैंने...और आँखें छुपानी भी पड़ रही हैं उस से...
आपके 'बाबा' को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि...
...
आप के पिता जी के स्वर्ग वास का समाचार मिला था, बहुत दुख हुआ, कुछ समय पहले मै भी इस आघात से गुजरा हुं आप का दुख समझता हुं, भगवान पिता जी की आत्मा को शांति दे, ओर आप सब को हिम्मत दे इस दुख को सहने की,
ReplyDeleteआँखें नम कर गयी ये रचना
ReplyDeleteबाबूजी को शत-शत नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि
उनके लिए अफ़सोस !
ReplyDeleteपूज्य बाबु जी को शत शत नमन और विनम्र श्रद्धांजलि !!
ReplyDeleteअदा जी,
ReplyDeleteआनंद फिल्म जब खत्म होती है तो आखिर में पर्दे पर लिखा आता है...
आनंद मरा नहीं, आनंद कभी मरते नहीं...
अब रात को आसमान की तरफ़ नज़र उठा कर देखो...कहीं न कहीं न बाबा अपनी लाडली को आशीर्वाद देते नज़र आ जाएंगे...बाबा कहीं नहीं गए...हमेशा आपके दिल में रहेंगे...
जय हिंद...
hamein behad afsos hai madam ada,
ReplyDeletebhagwaan unhein shaanti aur moksh pradaan karein..yahi praarthanaa hai bas...
hamein behad afsos hai madam ada,
ReplyDeletebhagwaan unhein shaanti aur moksh pradaan karein..yahi praarthanaa hai bas...
हम सभी को अपने पिता याद आये .।
ReplyDeleteदीदी,
ReplyDeleteक्या कहूँ ? पता नहीं ...
मो सम कौन जी का कमेन्ट मेरा भी मान लीजियेगा
बहुत ही भावपूर्ण कविता...........
ReplyDeleteहृदयस्पर्शी भाव!
ReplyDeleteआपके पिताजी को श्रद्धांजलि!
'baba ker shradhanjali'
ReplyDeletepranam.
bhabook.......
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